साल 2022 के आम बजट के पेश होने के दौरान भी एनडीटीवी ने अपना फेक न्यूज फैलाने का कारोबार तेज रखा और शब्दों के हेर-फेर से जनता को भ्रमित करने का काम किया। हालाँकि, इस बार एनडीटीवी के खेल की पोल खोली है खुद पीआईबी ने। पीआईबी ने एनडीटीवी पर फैलाए गए झूठ का स्क्रीनशॉट लगाकर उसे साझा किया और उसपर फेक न्यूज का स्टैंप भी लगाया। अपने ट्वीट में पीआईबी ने बताया कि जिसे एनडीटीवी कॉरपोरेट टैक्स बता रहा है वो हकीकत में कॉपरेटिव टैक्स है।
पीआईबी द्वारा साझा किए गए स्क्रीनशॉट में देख सकते हैं कि एनडीटीवी ने किस तरह बजट पेश होने के दौरान स्क्रीन पर चलाया कि कॉरपोरेट टैक्स 18 % से घट कर 15% हो गया है, जो कि एक फेक न्यूज है। हकीकत में सरकार ने सहकारी समितियों (co-operative societies) के लिए वैकल्पिक न्यूनतम कर की दर (Alternate Minimum Tax rate) को मौजूदा 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है।
आपको बता दें कि शब्दों के हेर-फेर से पाठक को भ्रमित करना और अपना प्रोपगेंडा फैलाना एनडीटीवी के लिए कोई नई बात नहीं है। यही वजह है कि अब सोशल मीडिया यूजर इससे वाकिफ हो गए हैं और एनडीटीवी का खुलकर मजाक उड़ा रहे हैं। खबर को पढ़ने के बाद लोगों का पूछना है कि एनडीटीवी लगातार फेक न्यूज फैलाने में लगा है। आखिरकार इसके विरुद्ध कार्रवाई कब की जाएगी। ये लोग कब तक झूठ परोसेंगे।
@ianuragthakur सूचना और प्रसारण मंत्री जी,@ndtv लगातार फेक न्युज फैलाने में लगा है, आखिकार इस पर कार्रवाई कब होगी?
— धर्म रघुवंशी (जय हिन्द)🇮🇳 (@dharam_raghu1c) February 1, 2022
कब तक FOE की आड़ में ये झूठ परोसते रहेगे।
फेक न्युज पर सिंगापुर जैसा कानून क्यों नहीं बनाते?@KirenRijiju@AmitShah@AshwiniUpadhyay @myogiadityanath
यूजर्स का सरकार से पूछना है कि आखिर हर बार इतनी गलती करने के बाद भी क्यों एनडीटीवी को बख्शा जाता है। क्यों इन्हें बैन करके एक उदाहरण पेश नहीं किया जाता।
Why government don’t take any strong action against @ndtv why ?? @ianuragthakur @MIB_India
— Dr. Anuj Vats (@ajvatsism) February 1, 2022
If you will allow @ndtv and other’s to do anything, then don’t aspect anything from whole population, please set an example, it’s a request.
बता दें कि एनडीटीवी केवल सरकार को नकारात्मक दिखाने के लिए ही फेक न्यूज का सहारा नहीं लेता है बल्कि तमाम सामाजिक मुद्दों से लेकर कोरोना वैक्सीन पर झूठ फैलाने का कार्य कर चुका है। कुछ वक्त पहले एनडीटीवी के प्राइम टाइम एंकर रवीश कुमार कृषि कानूनों पर किसान आंदोलन के बीच झूठ फैलाते पकड़े गए थे। इसी प्रकार NDTV के पत्रकार विष्णु सोम ने एक बार फिर लोगों को गुमराह करने का काम किया था। उन्होंने बताने की कोशिश की थी स्कूलों में बच्चों को कोवैक्सीन की एक्सपायर्स टीके लगाए जा रहे हैं।