कई मीडिया संस्थानों ने खबर चलाई है कि दक्षिण अफ्रीका ने भारत से ली गई वैक्सीन की डोज लौटाने का फैसला किया है। इन ख़बरों में कहा गया कि पुणे के ‘सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (SII)’ से ली गई कोरोना वैक्सीन की 1 मिलियन डोज दक्षिण अफ्रीका अब उसे वापस लौटा देगा। बताया गया कि वायरस के नए म्युटेंट पर ये कारगर नहीं है और इससे बीमारी हो रही है, इसलिए ऐसा फैसला लिया गया।
पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी ‘तहरीक-ए-इंसाफ (PTI)’ ने भी फ़ोर्ब्स की खबर शेयर कर के दावा किया कि भारत पूरी दुनिया को खतरे में डाल रहा है। सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ‘द हिन्दू’ की खबर शेयर कर इसे आगे बढ़ाया। NDTV ने भी रिपोर्ट्स के हवाले से इस खबर को लपक लिया और दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री के हवाले से इस खबर को आगे बढ़ाया। ‘इकनोमिक टाइम्स’ और ‘आउटलुक’ ने भी इस बारे में खबर प्रकाशित की।
पोर्टल ‘VCCircle’ ने भी अपनी खबर में कहा कि AstraZeneca के शॉट्स तैयार करने वाली SII को दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने कह दिया है कि वो अपने दिए 10 लाख वैक्सीन की डोज वापस ले ले। कई अन्य मीडिया पोर्टल्स ने भी इस खबर को प्रकाशित किया। सोशल मीडिया पर इसे शेयर कर के भाजपा विरोधियों ने अपने वही पुराने राग को अलापा, जिसमें इस वैक्सीन को खतरनाक बताया गया था।
अब आपको बताते हैं कि इस खबर की सच्चाई क्या है। दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर ज़्वेली मखीज़ ने मंगलवार (फरवरी 16, 2021) को स्पष्ट किया कि उनके देश ने SII को वैक्सीन वापस नहीं किया है। ‘स्टेट ऑफ द नेशन एड्रेस डिबेट’ के दौरान संसद में उन्होंने साफ़ किया कि मीडिया रिपोर्ट्स में जैसा कहा जा रहा है, ऐसा कुछ भी नहीं है। ‘Wion News’ ने मंत्री के इस बयान को प्रकाशित किया है।
दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर सफाई देते हुए आगे कहा, “मैं फिर से ये साफ़ कर देना चाहता हूँ कि वैक्सीन एक्सपायर नहीं हुए हैं और हमने खुद से परीक्षण कर के 31 अप्रैल की एक्सपायरी तारीख तय की है। गलत अफवाह फैलाई गई कि वैक्सीन एक्सपायर हो गए हैं। हमने जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन की भी 90 लाख डोज ऑर्डर की है। कई अंतरराष्ट्रीय चैनलों से वैक्सीन निर्माताओं से बातचीत जारी है।”
बता दें कि भारत अब तक 15 से अभी अधिक देशों को वैक्सीन की खेप भेज कर उनकी मदद कर चुका है। भारत इसी महीने कनाडा को कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ की पाँच लाख खुराक भेजेगा। भारत सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद ये मंजूरी दी गई। इसी तरह पाकिस्तान के अलावा सभी पड़ोसी मुल्कों को भी वैक्सीन दी गई।