Saturday, November 16, 2024
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‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ – PM मोदी ने अमेरिका जाकर किया था प्रचार – कॉन्ग्रेसी-AAP नेता माँग रहे माफी – फैक्ट चेक

“मैं इस बात की उम्मीद करता हूँ कि भारत और भारत के नागरिकों को इस कदम की कीमत नहीं चुकानी पड़े।” झूठ बोल कर सरेआम माफी भी माँगने लगे कॉन्ग्रेसी नेता! शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी...

जो बायडेन के 46वें अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जाने के कुछ ही घंटों बाद दंगों के आरोपित कॉन्ग्रेस नेता हार्दिक पटेल और और वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता मनीष तिवारी ने झूठ फैलाना शुरू कर दिया। इन्होंने अपने फैलाए गए झूठ में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया था। 

गुजरात कॉन्ग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष (working president) ने ट्विटर पर राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए जो बायडेन और उपराष्ट्रपति कामला हैरिस को बधाई दी। इसके बाद उन्होंने लिखा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि बायडेन अमेरिका को संगठित करेंगे और देश को सही दिशा दिखाने में अहम भूमिका निभाएँगे।

इतना कहने के बाद उन्होंने मिथ्या प्रचार भी शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी ज़मीन पर कहा था, “अबकी बार ट्रंप सरकार”। आसान शब्दों में उनका यह आरोप था कि ऐसा करके प्रधानमंत्री मोदी दूसरे देश के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप कर रहे हैं।

भारत और अमेरिका के रिश्तों का राजनीतिकरण करते हुए हार्दिक पटेल ने इसके बाद कहा, “मैं इस बात की उम्मीद करता हूँ कि भारत और भारत के नागरिकों को इस कदम की कीमत नहीं चुकानी पड़े।” फिर हार्दिक पटेल ने खुद ही 130 करोड़ भारतीय लोगों की तरफ से इस बात को भूल जाने की बात भी कह दी। इसके बाद हार्दिक ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात का अनुमान था कि देश अमेरिका की नई सरकार के साथ रूचि के साथ काम करेगा।       

हार्दिक पटेल के अलावा कॉन्ग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी ट्विटर पर एक ख़बर साझा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हॉस्टन में डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करते हुए कहा नारा लगाया था, “अबकी बार ट्रंप सरकार”। यानी मनीष तिवारी ने भी हार्दिक पटेल की तरह ही झूठ फैलाया। बड़े अक्षरों में लिखते हुए मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह अंतरराष्ट्रीय लोकतांत्रिक प्रक्रिया में एक नेता का पक्ष लेकर पक्षपात कर रहे हैं। फिर उन्होंने लिखा कि वह आशा करते हैं कि भविष्य में इसकी वजह से भारत को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हो। 

क्या प्रधानमंत्री मोदी ने वाकई डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया? 

इस तरह के दावों के ठीक विपरीत जिसमें कॉन्ग्रेस नेता मनीष तिवारी का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी दूसरे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पक्ष लेकर दखल दे रहे हैं, प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में किसी का पक्ष नहीं लिया। कॉन्ग्रेस नेता मनीष तिवारी और हार्दिक पटेल द्वारा किए गए दावे भ्रामक हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप की कैम्पेन टीम द्वारा साल 2016 के अमेरिकी चुनावों के पहले चलाए गए कैम्पेन का उल्लेख कर रहे थे। 

पिछले साल सितंबर महीने के दौरान हॉस्टन (टेक्सस) में हुए विशालकाय आयोजन ‘हाउडी मोदी’ में प्रधानमंत्री मोदी ने याद दिलाया था कि 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में प्रचार के दौरान भारतीय प्रवासियों के समक्ष डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, “अबकी बार ट्रंप सरकार”। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “भारत के भीतर हम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बहुत अच्छे से जुड़े हुए हैं। उनके शब्द, “अबकी बार ट्रंप सरकार” आज भी हमारे आस पास गूँजते हैं। साल 2016 में अक्टूबर महीने के दौरान अमेरिकी चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका के भारतीय और हिन्दू लोगों के पास वाइट हाउस में एक दोस्त होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के प्रख्यात नारे (2014 आम चुनाव) अबकी बार मोदी सरकार का उपयोग किया। ऐसा करते हुए ट्रंप ने कहा, “अबकी बार ट्रंप सरकार”।

अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के इस चुनावी नारे का उल्लेख किया था ना कि वह 2020 के अमेरिकी चुनाव के लिए ट्रंप का समर्थन कर रहे थे जैसा कि दावा किया जा रहा है। फिर भी मनीष तिवारी और हार्दिक पटेल ने दो देशों के बीच तकरार की स्थिति बनाने के लिए झूठ का प्रचार किया। 

कॉन्ग्रेस पसंद लोगों ने भी फैलाया झूठ 

सिर्फ यह दो नेता ही नहीं बल्कि कॉन्ग्रेस प्रिय और कॉन्ग्रेस से जुड़े तमाम नेताओं ने इस मुद्दे पर काफी झूठ फैलाया। 

पूर्व कॉन्ग्रेस नेता और वर्तमान शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मुद्दे पर झूठ फैलाया। 

कई अन्य मोदी विरोधी लोग भी यह करते हुए जम कर कूदे। 

पूर्व सीपीआई (एम) नेता जो पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के लिए भाषण लिखा करते थे और जिन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी के लिए बतौर रणनीतिकार काम किया था, उन्होंने भी यह झूठ फैलाया। इसके अलावा आम आदमी पार्टी नेताओं ने भी इस मुद्दे पर मिथ्या प्रचार किया। 

तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेताओं भी यही किया। 

मोदी के ट्रम्प को समर्थन पर कॉन्ग्रेस का झूठ 

यह पहला ऐसा मौक़ा नहीं है, जब कॉन्ग्रेस पार्टी और मीडिया से जुड़े लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर मिथ्या प्रचार किया हो। पिछले साल हाउडी मोदी आयोजन के ठीक बाद कॉन्ग्रेस और मीडिया से जुड़े तमाम लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया था कि वह अमेरिका के चुनाव प्रभावित कर रहे हैं। 

कॉन्ग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने तो स्पष्ट रूप से आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप के लिए प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाने का प्रयास किया कि वह अमेरिका में बतौर भारत के प्रधानमंत्री गए हैं न कि अमेरिकी चुनाव के स्टार प्रचारक के रूप में। इसके बाद मीडिया ने भी इस झूठ को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। द हिन्दू (the hindu) की को-चेयरपर्सन मालिनी पार्थसारथी ने भी इसे आभासी प्रचार (virtual promotion) करार दिया था। इसके बाद ब्लूमबर्ग ने भी इस बयान की गलत व्याख्या करते हुए इसे लोगों के बीच पेश किया था।           

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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