Saturday, April 27, 2024
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‘गुजरात विधानसभा चुनाव में शाम 5 बजे के बाद पड़े 16 लाख वोट’: कॉन्ग्रेसियों और वामपंथियों के दावे का ‘फैक्ट चेक’

इस एप में भी जानकारी अपलोड और अपडेट करने में लगभग 1 घंटे का समय लगता है। ये भी समझना जरूरी है कि सुरक्षा कारणों से वोटिंग में प्रयोग हो रहीं EVM मशीनें किसी भी नेटवर्क से जुड़ी नहीं होती हैं।

पिछले कुछ समय से गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है। इसमें कुछ हैंडलों द्वारा शाम 5 बजे के बाद 16 लाख से ज्यादा वोटरों के वोट डालने का दावा किया जा रहा है। कुछ मिला कर यह धारणा बनाने की कोशिश चल रही है कि मतदान के दिन अंतिम घंटे में कुछ गड़बड़ जरूर हुई थी।

ट्विटर पर एक कॉन्ग्रेस समर्थक हैंडल @achalshah06 ने यह दावा 7 दिसंबर को किया था। इस ट्वीट में लिखा था कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में शाम 5 बजे के बाद असमान्य रूप से 1600000+ वोटरों ने मतदान किया।

वामपंथी विचारधारा वाले @tnwatch1 ने भी कुछ इसी प्रकार का दावा किया है।

इन दावों की गहराई से जाँच करने पर कई मीडिया रिपोर्ट्स में भी इसी प्रकार की जानकारियाँ प्रकाशित हुईं हैं। ‘द हिन्दू’ ने 10 दिसंबर 2022 को एक खबर प्रकाशित करते हुए बताया है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदाताओं की संख्या लगभग 6.5% बढ़ी थी। इस रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इस चरण में शाम 5 बजे के बाद 16 लाख वोटरों ने मतदान किया।

दूसरे चरण में शुरुआती आँकड़ों ने संकेत दिया था कि 93 निर्वाचन क्षेत्रों में 58.8% मतदान हुआ था जिसे अंत में सुधार कर में 65.3% घोषित किया गया। वहीं पहले चरण के मतदान में प्रारम्भिक आँकड़े 60.11% थे जो अंत में सुधार कर 63.14% घोषित हुए थे। हालाँकि अपनी पूरी रिपोर्ट में ‘द हिन्दू’ ने ऐसा होने की वजह नहीं बताई है।

इस मुद्दे को कॉन्ग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा भी उठा चुके हैं। 12 दिसंबर, 2022 को उन्होंने अपने बयान में इसे ‘असामान्य रूप से ऊँची छलाँग ‘ कहा था। वहीं कॉन्ग्रेस ने इस मामले में कहा था कि एक वोट डालने में लगभग 1 मिनट का समय लगता है। ऐसे में इतने सारे वोट पड़ना मानवीय तौर पर मुमकिन ही नहीं है।

दावे में असमान्य कुछ भी नहीं

ये दावे पहली नजर में असमान्य लगते हैं लेकिन असल में इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है। वोटिंग बंद होने के बाद अंतिम घंटों का यह उछाल प्रत्येक पोलिंग स्टेशन पर हुए वोटिंग के नंबर को अपलोड करने में होने वाली देरी के चलते दिखाई देता है।

साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने ‘वोटर टर्न आउट’ नाम से एक एप लॉन्च किया था। ECI की वेबसाइट पर इस एप का विवरण दिया गया है। इस एप की लांचिंग से पहले जनता को मतदान खत्म होने के बाद ही वोटिंग आँकड़ों की जानकारी होती थी। अब इस एप से दिन में कई बार डाले गए वोटों का अपडेट जाना जा सकता है।

जानकारी के मुताबिक, इस एप में भी जानकारी अपलोड और अपडेट करने में लगभग 1 घंटे का समय लगता है। ये भी समझना जरूरी है कि सुरक्षा कारणों से वोटिंग में प्रयोग हो रहीं EVM मशीनें किसी भी नेटवर्क से जुड़ी नहीं होती हैं। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर साफ तौर से लिखा गया है कि वोटिंग के दौरान अनुमानित आँकड़े सावजनिक किए जाते हैं। ये आँकड़े मतदान केंद्रों पर मौजूद रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा समय-समय पर ऊपर भेजा जाता है। कुल मिला कर वोटिंग आंकड़ों क रियल टाइम प्रसारण सम्भव नहीं है।

नीचे से अलग-अलग मतदान केंद्रों से आने वाले इन तमाम आँकड़ों को जमा कर के उसे पब्लिक के लिए सार्वजानिक करने की प्रकिया में समय लगता है। सरल शब्दों में इसे यह माना जा सकता है कि डाला गया एक वोट लगभग 1 घंटे बाद ही लोगों की जानकारी में प्रतिशत के रूप में सामने आता है। वोटिंग का अंतिम संशोधित आँकड़ा लगभग 7 बजे सार्वजानिक किया जाता है। शाम 5 बजे डाला गया वोट निर्वाचन आयोग के एप में 1 घंटे बाद लगभग 6 बजे अपडेट होता है।

इन सभी के अलावा भले ही भी शाम 5 बजे वोटिंग खत्म हो जाती है पर मतदान केंद्रों में लाईन में लगे लोगों को वोट डालने की छूट दी जाती है। इसके चलते कई स्थानों पर समय शाम 5 बजे से अधिक हो जाता है। ऊपर के तमाम बिंदुओं को जोड़ कर कहा जा सकता है कि चुनाव आयोग द्वारा शाम 7 बजे पब्लिश किया जाने वाला डाटा शाम 4 बजे से ले कर 5 बजे तक के बाद भी लाइन में खड़े लोगों का आँकड़ा होता है। कॉन्ग्रेस के वोट डालने में लगने वाले 60 से 65 सेकेण्ड वाले दावे पर दिव्य भास्कर नाम के पेपर ने स्पष्टीकरण दिया था। इसे खुद अचल ने शेयर किया था।

इसलिए, गुजरात विधानसभा चुनावों में शाम 5 बजे के बाद 16 लाख वोटरों के वोट डालने का दावा भ्रामक है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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