Sunday, September 1, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेक'होली के दिन दिल्ली में दर्ज हुए 35000 मामले': हिन्दू त्योहार को बदनाम करने...

‘होली के दिन दिल्ली में दर्ज हुए 35000 मामले’: हिन्दू त्योहार को बदनाम करने के लिए ज़ाकिर-शोहराब जैसों ने फैलाया झूठ, ‘Fact Check’ में ये निकली सच्चाई

इस फैक्ट चेक में हमें ट्विटर पर ज्यादातर ट्वीट अली शोहराब नामक यूजर द्वारा ट्वीट किए गए कंटेंट के साथ ही मिले। इससे ऐसा लगता है कि किसी एक ग्रुप में इस तरह का कंटेंट भेजकर ट्वीट करने के लिए कहा गया होगा। इसके बाद इन सभी लोगों ने ये ट्वीट किए होंगे।

हिंदुओं और उनके त्योहारों को अपमानित करने की साजिश होती रही है। ऐसी ही एक कोशिश सामने आई होली पर। दरअसल, सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि होली के दिन दिल्ली में 35000 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। इसमें 250 लोगों की हत्या की बात भी कही जा रही है। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि इसमें होली की आड़ में हुए यौन अपराधों के मामले शामिल नहीं हैं। इस दावे की सच्चाई जानने के लिए ऑपइंडिया ने फैक्ट-चेक किया है।

दरअसल, वसीम अकरम त्यागी नामक ट्विटर यूजर ने शनिवार (11 मार्च 2023) को ट्वीट कर कहा था, “दिल्ली में होली के दिन 35 हज़ार मामलें दर्ज हुए हैं। 250 लोगों की इरादतन, गैर-इरादतन हत्या हो गई। उन लाखों मामलों की तो रिपोर्ट ही नहीं हुई जहां मर्दों ने होली की आड़ मे औरतों पर यौन कुंठा निकाली है। बाकी सब ठीक है। रामराज चल ही रहा है। विश्वगुरु बने हुए हमें 9 साल हो ही चुके हैं।” हालाँकि अब यह ट्वीट डिलीट किया जा चुका है।

(फोटो साभार: @wasimakramtyagi का ट्विटर )

इस दावे को लेकर जब हमने ट्विटर पर ही सर्च किया तो वहाँ हमें इस दावे के साथ कई ट्वीट मिले। लेकिन हम यह जानना चाहते थे कि इस दावे की शुरुआत कहाँ से हुई। ऐसे में हमें बुधवार (8 मार्च 2023) का अली शोहराब नामक यूजर का एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में शोहराब ने लिखा था, “संवैधानिक लोकतंत्र में होली के दिन ऐसा क्या हो जाता है कि हत्या, बलात्कार, महिलाओं का शोषण, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ समेत तमाम तरह के संगीन अपराधिक मामले केवल राजधानी में ही होली के दिन 35000 से अधिक होते हैं? खैर, इससे आप पूरे देश में होली के दिन होने वाले अपराधों का अंदाजा खुद ही लगा सकते हैं।”

अब्दुल हसीब रजा खान नामक यूजर ने ट्वीट किया, “संवैधानिक लोकतंत्र में होली के दिन ऐसा क्या हो जाता है कि हत्या, बलात्कार, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ समेत तमाम तरह के संगीन अपराधिक मामले केवल राजधानी में ही होली के दिन 35000 से अधिक होते हैं??? जब रेपिस्ट के समर्थन में रैली निकलेंगी तो यही होगा”

इसी तरह रहीम गाड़ा नामक यूजर ने लिखा, “देश की राजधानी में होली के दिन ऐसा क्या हो जाता है कि हत्या, बलात्कार, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ तमाम तरह के संगीन अपराधिक मामले केवल राजधानी में ही होली के दिन 35000 से अधिक होते हैं?? अगर रेपिस्ट के समर्थन में रैली निकलेंगी तो यही होगा।”

इस फैक्ट चेक में हमें ट्विटर पर ज्यादातर ट्वीट अली शोहराब नामक यूजर द्वारा ट्वीट किए गए कंटेंट के साथ ही मिले। इससे ऐसा लगता है कि किसी एक ग्रुप में इस तरह का कंटेंट भेजकर ट्वीट करने के लिए कहा गया होगा। इसके बाद इन सभी लोगों ने ये ट्वीट किए होंगे।

चूँकि ऑपइंडिया इस मामले की तह तक जाना जाता था। इसलिए सच्चाई जानने के लिए हमने न्यूज रिपोर्ट खँगालना शुरू किया। जहाँ हमें इनशॉर्ट (Inshort) की एक खबर मिली। यह वही खबर थी जिसका स्क्रीनशॉट शेयर कर दावा किया जा रहा था कि दिल्ली में होली के दिन 35000 मामले दर्ज किए गए हैं। हालाँकि यह खबर 7 साल पहले यानी साल 2016 में प्रकाशित की गई थी।

(फोटो साभार: Inshort की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट)

सिर्फ एक खबर से हम संतुष्ट नहीं हुए। मामले की पुष्टि के लिए हमने जब कुछ और पुरानी रिपोर्ट्स खँगाली तो ‘इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट’ सामने आई। यह रिपोर्ट 27 मार्च 2016 को पब्लिश की गई थी।

(फोटो साभार: IndiaToday की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट)

इन दोनों रिपोर्ट में हत्या के 11, बलात्कार के 21 और छेड़खानी के 211 मामले दर्शाए गए थे। इसमें चोरी, डकैती जैसे मामले भी बड़ी संख्या में थे। साथ ही दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया था कि हर रोज औसतन 24000 शिकायती कॉल आती हैं। लेकिन होली के दिन 35000 कॉल आईं। वहीं, इसमें से 18000 मामलों में कार्रवाई की गई। यानी कि बाकी मामले या तो कार्रवाई योग्य नहीं थे या फिर दोबारा कॉल किया गया होगा।

सार ये कि ऑपइंडिया के फैक्ट-चेक में यह दावा पूरी तरह से फर्जी पाया गया। पहली बात तो यह कि इससे मिलता-जुलता मामला 7 साल पुराना है। वहीं, दिल्ली पुलिस को 35000 मामले नहीं बल्कि 35000 शिकायती कॉल मिलीं थीं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -