सोशल मीडिया पर नवरात्रि के बीच एक वीडियो सामने आई। इस वीडियो को लेकर दावा किया गया कि ‘RSS गैंगस्टरों’ ने प्रतापगढ़ में पहले एक महिला की मीट की दुकान जबरदस्ती बंद करवा कर उसे तोड़ा और फिर महिला को नंगा करके उससे मारपीट पी गई। इस वीडियो को बड़े-बड़े ट्विटर हैंडल्स से शेयर किया गया।
Captioned video is of RSS gangsters beating up and stripping a woman naked in the middle of the road in Pratapgarh, India. Her crime? Not closing down meat shop despite threats from extremist groups. pic.twitter.com/rlTvsbWATJ
— South Asian Human Rights Watch (@SAHR_Watch) April 5, 2022
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
देख सकते हैं कि साउथ एशियन ह्यूमन राइट्स वॉच जैसे बड़े हैंडल्स ने इस वीडियो को शेयर किया। इसके अलावा द दलित वॉयस जैसे ब्लू टिक वाले अकॉउंट से भी यह दावा शेयर हुआ। घटना चूँकि वाकई निंदाजनक थी इसलिए जिसे भी इसके बारे में पता चला वो सब लोग इन दावों पर यकीन करके अपना गुस्सा निकालने लगे।
हालाँकि, इस बीच सच क्या है ये किसी ने जानना जरूरी नहीं समझा और न ही घटना संबंधी जानकारी जुटाने की कोशिश की। अगर ऐसा होता तो शायद पता चल जाता है कि दलितों के नाम पर कैसे फेक न्यूज और प्रोपेगेंडा फैलाने का काम एक बार फिर बड़े-बड़े यूजर्स द्वारा किया गया।
Fake News alert:
— Only Fact (@OnlyFactIndia) April 10, 2022
In the name of Dalits, many people are spreading fake news and propaganda.
Here is one more case of propaganda and lies.
Please share it maximum 🙏 pic.twitter.com/BvyZ6Ma9wH
प्रतापगढ़ पुलिस का बयान
वास्तविकता में ये वीडियो 30 मार्च 2022 की है। उस समय तक प्रशासन ने कहीं मीट शॉप बंद कराने के कोई निर्देश नहीं दिए थे। वहीं प्रतापगढ़ पुलिस ने भी अपना बयान जारी करके मांधाता में दो पक्षों के बीच की लड़ाई के पीछे जमीन विवाद को वजह बताया था।
पुलिस के बयानुसार, वीडियो में जो गुमटी तोड़ती देखी गई उसका कारण गुप्ता और सोनी परिवार के बीच का विवाद था। यहाँ गुप्ता पक्ष उस गुमटी के पक्ष में था और सोनी पक्ष द्वारा उसका विरोध किया जा रहा था। इसी बीच दोनों पक्षों में मारपीट हुई जिसमें महिलाओं को भी निशाना बनाया गया। उनकी तहरीर पर इस केस को दर्ज कर लिया गया है। गुप्ता पक्ष से तीन लोग और सोनी पक्ष से तीन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। इसी दौरान गुप्ता पक्ष की एक महिला ने अपना निर्वस्त्र वीडियो दिखाते हुए कहा कि उसके साथ छेड़खानी भी हुई है।
कल दिनांक 30.03.2022 को थाना क्षेत्र मांधाता के कस्बा मांधाता में दो पक्षों के मध्य आबादी की जमीन में गुमटी रखने को लेकर हुई मारपीट की घटना संबंधी सम्पूर्ण प्रकरण / वर्तमान स्थिति के संबंध में प्रभारी पुलिस अधीक्षक / अपर पुलिस अधीक्षक, पूर्वी, प्रतापगढ़ की बाइट। @Uppolice pic.twitter.com/DwD1knhxOc
— PRATAPGARH POLICE (@pratapgarhpol) March 31, 2022
पुलिस के अनुसार, महिला स्वयं सहायता समूह से थी, इसलिए उसने अन्य महिलाओं को बुला लिया और उन्होंने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। मगर जब महिला कॉन्सटेबल से उनकी बात कराई गई तो वो संतुष्ट होकर चली गईं और जो तहरीर उनके द्वारा दी गई थी उसे विवेचना में शामिल करते हुए आगे कार्रवाई हो रही है।
सोशल मीडिया पर फैलाया गया झूठ
अब बता दें कि पुलिस अधीक्षक का यह वीडियो प्रतापगढ़ पुलिस के आधिकारिक अकॉउंट पर 31 मार्च को डाला गया था। घटना 30 मार्च की थी। मगर इसे वायरल करना नवरात्रि में शुरू किया गया और साथ ही इसके साथ वो बिंदु जोड़ दिए गए जो आरएसएस का विरोध करने के लिए सटीक बैठें। देख सकते हैं कि कैसे चालाकी से जमीन विवाद की लड़ाई को आरएसएस और दलित की लड़ाई में तब्दील करके सोशल मीडिया पर इतने दिन तक परोसा गया।