Saturday, July 27, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेक'RSS ने तोड़ दी दलित महिला की मीट की दुकान': देखें नवरात्रि में जमीन...

‘RSS ने तोड़ दी दलित महिला की मीट की दुकान’: देखें नवरात्रि में जमीन विवाद को लेकर हुई झड़प पर कैसे फैलाई गई फेक न्यूज

मांधाता की घटना पर जैसे दावे हो रहे उससे उलट हकीकत ये है कि ये मामला जमीन विवाद का था। कुछ दिन पहले प्रतापगढ़ पुलिस ने अपना बयान दिया था। पुलिस का कहना था कि एक पक्ष इस मामले में बचाव कर रहा था और एक विरोध। इसी बीच मारपीट हो गई।

सोशल मीडिया पर नवरात्रि के बीच एक वीडियो सामने आई। इस वीडियो को लेकर दावा किया गया कि ‘RSS गैंगस्टरों’ ने प्रतापगढ़ में पहले एक महिला की मीट की दुकान जबरदस्ती बंद करवा कर उसे तोड़ा और फिर महिला को नंगा करके उससे मारपीट पी गई। इस वीडियो को बड़े-बड़े ट्विटर हैंडल्स से शेयर किया गया।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

देख सकते हैं कि साउथ एशियन ह्यूमन राइट्स वॉच जैसे बड़े हैंडल्स ने इस वीडियो को शेयर किया। इसके अलावा द दलित वॉयस जैसे ब्लू टिक वाले अकॉउंट से भी यह दावा शेयर हुआ। घटना चूँकि वाकई निंदाजनक थी इसलिए जिसे भी इसके बारे में पता चला वो सब लोग इन दावों पर यकीन करके अपना गुस्सा निकालने लगे।

हालाँकि, इस बीच सच क्या है ये किसी ने जानना जरूरी नहीं समझा और न ही घटना संबंधी जानकारी जुटाने की कोशिश की। अगर ऐसा होता तो शायद पता चल जाता है कि दलितों के नाम पर कैसे फेक न्यूज और प्रोपेगेंडा फैलाने का काम एक बार फिर बड़े-बड़े यूजर्स द्वारा किया गया।

प्रतापगढ़ पुलिस का बयान

वास्तविकता में ये वीडियो 30 मार्च 2022 की है। उस समय तक प्रशासन ने कहीं मीट शॉप बंद कराने के कोई निर्देश नहीं दिए थे। वहीं प्रतापगढ़ पुलिस ने भी अपना बयान जारी करके मांधाता में दो पक्षों के बीच की लड़ाई के पीछे जमीन विवाद को वजह बताया था।

पुलिस के बयानुसार, वीडियो में जो गुमटी तोड़ती देखी गई उसका कारण गुप्ता और सोनी परिवार के बीच का विवाद था। यहाँ गुप्ता पक्ष उस गुमटी के पक्ष में था और सोनी पक्ष द्वारा उसका विरोध किया जा रहा था। इसी बीच दोनों पक्षों में मारपीट हुई जिसमें महिलाओं को भी निशाना बनाया गया। उनकी तहरीर पर इस केस को दर्ज कर लिया गया है। गुप्ता पक्ष से तीन लोग और सोनी पक्ष से तीन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। इसी दौरान गुप्ता पक्ष की एक महिला ने अपना निर्वस्त्र वीडियो दिखाते हुए कहा कि उसके साथ छेड़खानी भी हुई है।

पुलिस के अनुसार, महिला स्वयं सहायता समूह से थी, इसलिए उसने अन्य महिलाओं को बुला लिया और उन्होंने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। मगर जब महिला कॉन्सटेबल से उनकी बात कराई गई तो वो संतुष्ट होकर चली गईं और जो तहरीर उनके द्वारा दी गई थी उसे विवेचना में शामिल करते हुए आगे कार्रवाई हो रही है।

सोशल मीडिया पर फैलाया गया झूठ

अब बता दें कि पुलिस अधीक्षक का यह वीडियो प्रतापगढ़ पुलिस के आधिकारिक अकॉउंट पर 31 मार्च को डाला गया था। घटना 30 मार्च की थी। मगर इसे वायरल करना नवरात्रि में शुरू किया गया और साथ ही इसके साथ वो बिंदु जोड़ दिए गए जो आरएसएस का विरोध करने के लिए सटीक बैठें। देख सकते हैं कि कैसे चालाकी से जमीन विवाद की लड़ाई को आरएसएस और दलित की लड़ाई में तब्दील करके सोशल मीडिया पर इतने दिन तक परोसा गया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘ममता बनर्जी का ड्रामा स्क्रिप्टेड’: कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कहा – ‘दिल्ली में संत, लेकिन बंगाल में शैतान’

अधीर ने यह भी कहा कि चुनाव हो या न हो, बंगाल में जिस तरह की अराजकता का सामना करना पड़ रहा है, वो अभूतपूर्व है।

जैसा राजदीप सरदेसाई ने कहा, वैसा ममता बनर्जी ने किया… बीवी बनी सांसद तो ‘पत्रकारिता’ की आड़ में TMC के लिए बना रहे रणनीति?...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसा किया है, जिसकी भविष्यवाणी TMC सांसद सागरिका घोष के शौहर राजदीप सरदेसाई ने पहले ही कर दी थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -