Wednesday, November 20, 2024
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‘पत्रकार’ विनोद कापड़ी ने बालरोग डॉक्टर की तस्वीर शेयर कर फैलाया झूठ, खुद आगरा DM ने हकीकत बताते हुए खोली उनकी पोल

आगरा के जिला मजिस्ट्रेट के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से दावा किया कि आगरा में जिला अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के आदेशानुसार N95 ग्रेड मास्क और दस्ताने प्रदान किए गए हैं और उन्होंने पॉलीथिन नहीं पहना है।

संकट की घड़ी में समाज में अफवाहें फैलाकर अराजकता बढ़ाने का काम कैसे किया जाता है इसे वामपंथी मीडिया गिरोह के लोगों से बेहतर कोई नहीं जानता। अब तथाकथित पत्रकार विनोद कापड़ी की हरकत ही देखिए! उन्होंने आज सुबह एक ट्वीट कर दावा किया कि उत्तरप्रदेश के आगरा के जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टर पॉलिथीन के सहारे कोरोना से लड़ रहे हैं। अपनी बात को साबित करने के लिए उन्होंने दैनिक जागरण अखबार की एक क्रॉप की हुई कटिंग भी लगाई। मगर, इससे पहले उनका ये प्रोपगेंडा सोशल मीडिया पर फैलता कि डॉक्टरों के पास पर्याप्त सुरक्षा उपकरण भी नहीं है, कि तभी आगरा के डीएम ने खुद इसपर संज्ञान ले लिया। आगरा जिलाधिकारी ने उसी अखबार में प्रकाशित पूरी खबर को शेयर करते हुए विनोद कापड़ी के झूठ से पर्दा उठाया।

विनोद कापड़ी ने जहाँ पॉलीथीन पहने एक डॉक्टर की फोटो शेयर की और दावा किया कि कोरोना से लड़ने के लिए डॉक्टरों को सिर में ये पहनना पड़ रहा है। वहीं आगरा के जिला मजिस्ट्रेट के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से दावा किया कि आगरा में जिला अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के आदेशानुसार N95 ग्रेड मास्क और दस्ताने प्रदान किए गए हैं और उन्होंने पॉलीथिन नहीं पहना है।

इसके बाद कापड़ी के झूठ को खारिज करते हुए उन्होंने बताया कि जिस अखबार में छपी जिस डॉक्टर की तस्वीर को देखकर उन्होंने ये चिंता जाहिर की है। वो वास्तविकता में बालरोग के डॉक्टर हैं और वे आइसोलेशन वार्ड्स को नहीं देखते। लेकिन फिर भी उन्हें प्रचारित तस्वीर में पॉलीथीन बैग के अलावा एन-95 मास्क पहने भी देखा जा सकता है। इसके अलावा जिलाधिकारी ने ये भी कहा कि बचाव हेतु उपयोग की गई वस्तु (पॉलीथीन), वह उनकी अपनी सूझबूझ है। क्योंकि इस वक्त हर कोई अपने को सुरक्षित रखना चाहता है।

अब हालाँकि, इस स्पष्टीकरण के बाद किसी व्यक्ति से ये गलती अंजाने में होती तो वह उसे मान लेता, लेकिन विनोद कापड़ी अपने इस प्रोपगेंडे पर अड़े रहे। उन्होंने भाजपा आईटी सेल प्रमुख को ‘सीरियल ऑफेंडर’ बताया और पूछा कि एक डॉक्टर पॉलीथीन पहने आपको मंजूर है? इसके बाद कापड़ी ने डीएम को भी यही कुतर्क किया और सार्वजनिक रूप से झूठा साबित होने पर पूछा, “तो डीएम साहब आप कह रहे हैं कि जो आगरा Hotspot है, जिस अस्पताल में कोरोना के रोज़ 10 नए केस आ रहे है, वहाँ का एक डॉक्टर पॉलिथिन पहने- ये आपको स्वीकार है? चाहे वो किसी भी वॉर्ड में हों?”

यहाँ बता दें कि आगरा जिलाधिकारी की ओर से बयान आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने कापड़ी को खूब सुनाया। लोगों ने कापड़ी को अनपढ़ पत्रकार बताया। साथ ही कहा कि उनका ये ट्वीट कोई नहीं देखेगा, लेकिन हर किसी के घर में अखबार पहुँचेगा। इसलिए वे झूठ फैलना बंद करें।

वहीं एक यूजर ने कापड़ी से कहा कि कम से कम फोटोग्राफर का नाम न क्रॉप किए होते विनोद जी। एक तो इतनी मेहनत से लाया पिक्चर और आपने उसकी मेहनत ही क्रॉप कर दी। तो विनोद कापड़ी तुरंच एक्टिव हो गए और जवाब दिया कि उनके पास तस्वीर ऐसी ही आई थी। अगले ट्विट में अख़बार और फ़ोटोग्राफ़र के नाम हैं। वो भी देख लें।

गौरतलब है कि विनोद कापड़ी पहली बार ऐसा प्रोपगेंडा फैलाने के लिए चर्चा में नहीं आए हैं। पिछले साल अभिषेक उपाध्याय नामक पत्रकार ने विनोद कापड़ी को लेकर दावा किया था कि उन्होंने खुद का प्रचार करने व अपनी फिल्म पीहू का प्रमोशन करने के लिए एक नवजात बच्चे को गोद लेने का झूठ बोला। पत्रकार उपाध्याय के मुताबिक, विनोद कापड़ी ने दावा किया कि उन्होंने उस नवजात को खुद बचाया। जबकि वास्तविकता में बच्ची को बरनेल गाँव के लोगों ने कूड़े से उठाकर नागौर के अस्पताल में भर्ती कराया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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