Saturday, November 2, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकसोशल मीडिया फ़ैक्ट चेक'काली मिर्च, अदरक और शहद... भारतीय स्टूडेंट ने खोजा कोरोना का इलाज, WHO ने...

‘काली मिर्च, अदरक और शहद… भारतीय स्टूडेंट ने खोजा कोरोना का इलाज, WHO ने दी मान्यता’: वायरल नुस्खों में कितना दम

एक वीडियो सोशल मीडिया पर पिछले दिनों वायरल हुई थी जिसमें बताया गया था कि नाक में नींबू का रस डालने से कोरोना वारयस खत्म होता है।

कोरोना काल में सोशल मीडिया पर तरह-तरह के घरेलू नुस्खे वायरल होने का सिलसिला अब भी जारी है। कभी बताया जाता है कि पान के पत्ते खाकर कोरोना से बचा जा सकता है तो कभी कहते हैं कि कच्चे प्याज का सेंधा नमक के साथ सेवन आपको कोरोना से सुरक्षित कर सकता है।

इन नए-नए नुस्खों को इजाद करने वाले स्रोत का पता लगाना तो संभव नहीं है। लेकिन इनकी हकीकत से रूबरू हुआ जा सकता है। इसलिए प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की फैक्टचेक टीम ने इन वायरल संदेशों की सच्चाई बताई है। पीआईबी फैक्टचेक के ट्विटर हैंडल पर एक छोटी सी क्लिप शेयर करते हुए बताया गया है कि इन फर्जी घरेलू नुस्खों से खुद को बचाना है।

वीडियो में एक संदेश दिखाया गया है जिसमें लिखा है कि खूब चाय पीने और पिलाने से कोरोना संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है। पीआईबी की वीडियो बताती है कि इस बात के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं कि चाय के सेवन से कोविड-19 के संक्रमण का खतरा कम हो सकता है।

अगली अफवाह है कि पान के पत्ते का सेवन करने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। इस पर फैक्टचेक टीम का दावा है कि पान के पत्ते का सेवन कैसे भी करके कोरोना से बचाने में कारगर नहीं है।

फिर, काली मिर्च, अदरक और शहद को लेकर भी एक अफवाह उड़ी कि भारतीय छात्र ने कोरोना संक्रमण का घेरलू इलाज ढूँढा है और इसे WHO ने भी स्वीकृति दे दी है। हालाँकि सच्चाई ये है कि काली मिर्च, अदरक और शहद के चलते कोविड-19 का उपचार नहीं हो सकता।

एक वीडियो सोशल मीडिया पर पिछले दिनों वायरल हुई थी जिसमें बताया गया था कि नाक में नींबू का रस डालने से कोरोना वारयस खत्म होता है। लेकिन हकीकत यह है कि नाक में नींबू का रस डालने से कोरोना खत्म होता है इसके वैज्ञानिक प्रमाण कहीं भी नहीं है। हाँ, इसके उपयोग से नकसीर की समस्या बंद हो जाती है।

इसके बाद, कच्चे प्याज के साथ सेंधा नमक के सेवन से कोरोना पॉजिटिव लोग नेगेटिव हो रहे हैं- ये दावा पिछले दिनों सोशल मीडिया पर खूब घूमा। इस संदेश में ये भी कहा गया कि ये नुस्खा एकदम सच है और यदि यकीन न हो तो लोग इसे करके देखें। इसके सेवन से ही कोरोना मर जाएगा।

पीआईबी इस दावे पर भी बताता है कि कच्चे प्याज और सेंधा नमक के सेवन से कोरोना से ठीक होने के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। इसी तरह फिटकरी का पानी पीने से भी कोरोना से बचाव के कोई सबूत नहीं मिलते।

पीआईबी ने अपने ट्वीट में बताया है कि कोरोना के उपचार के लिए चिकित्सकीय परामर्श ज़रूरी है। ऐसे घरेलू नुस्ख़े कभी-कभी सहायक होने की जगह हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए इन्हें आजमाने से बचें।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कार्यकर्ताओं के कहने पर गई मंदिर, पूजा-पाठ नहीं की’ : फतवा जारी होते ही सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने की तौबा, पार्टी वाले वीडियो...

नसीम सोलंकी अपने समर्थकों सहित चुनाव प्रचार कर रहीं थीं तभी वो एक मंदिर में रुकीं और जलाभिषेक किया। इसके बाद पूरा बवाल उठा।

कर्नाटक में ASI की संपत्ति के भी पीछे पड़ा वक्फ बोर्ड, 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर दावा: RTI से खुलासा, पहले किसानों की 1500 एकड़...

कॉन्ग्रेस-शासित कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने राज्य के 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर अपना दावा किया है, जिनमें से 43 स्मारक पहले ही उनके कब्जे में आ चुके हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -