कोरोना वैक्सीन अब कुछ देशों में उपलब्ध है और भारत अगले कुछ हफ्तों में टीकाकरण कार्यक्रम को शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही, वैक्सीन को लेकर कई प्रकार की कॉन्सपिरेसी थ्योरी और फर्जी सूचनाओं का बाजार भी गर्म है।
दावा: लिंग में वैक्सीन का इंजेक्शन लगाने के पक्ष में हैं डॉक्टर्स
हाल ही में जो एक सबसे विचित्र दावा कोरोना वैक्सीन को लेकर सामने आया है, उसके अनुसार, संक्रमित पुरुषों में कोरोना का टीका पेनिस (लिंग) में लगाया जाएगा। एक ‘मीम’ को ‘वैज्ञानिक खोज’ बताते हुए सोशल मीडिया पर बड़ी मात्रा में शेयर किया जा रहा है। इसके अनुसार, “संक्रमित पुरुषों में वैक्सीन लिंग से होकर पूरे शरीर में जल्दी से फैलती है।”
इस पोस्टर में यह भी दावा किया गया है कि ये ‘तथ्य’ कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के नतीजों पर आधारित हैं, जिसमें एक अध्ययन के लिए 1,500 पुरुष शामिल किए गए और उन्हें वैक्सीन का इंजेक्शन लगाया गया।
ट्विटर पर @RoflIndian ने इस दावे का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि शेयर किए जा रहे ‘मीम’ में नजर आ रहे डॉक्टर का नाम डॉ मोहित कुमार अर्डेसाना (Mohitkumar Ardesana) हैं, जो कि कैलिफोर्निया के क्लेयरमोंट मेडिकल सेंटर में चिकित्सक हैं। दाईं ओर की तस्वीर मैरी एन जपलैक (Mary Ann Zapalac) द्वारा बनाया गया ‘पेनाइल सेल्फ-इंजेक्शन’ का एक मेडिकल स्केच है।
Fake news. The doctor in the picture is Dr Mohitkumar Ardesana, MD, a primary care physician of Claremont Medical Centre, California. The picture on the right is a medical sketch of penile self injection by celebrated illustrator Mary Ann Zapalac. The rest is all bull crap. https://t.co/haSoHaTI4X
— Roflindian (@Roflindian) January 2, 2021
ऑपइंडिया द्वारा तस्वीरों और लिखे गए संदेश का सत्यापन
हमने RoflIndian द्वारा दी गई जानकारी को प्रमाणित करने का फैसला किया और हमें यही जानकारी मिली। जब हमने ‘मोहित कुमार अर्डेसाना’ नाम सर्च किया, तो हम डॉ मोहित की ‘लिंक्डइन’ (LinkedIn) प्रोफाइल तक पहुँचे। उनकी इस प्रोफ़ाइल से पता चलता है कि वह वर्तमान में ब्रुकलिन, न्यूयॉर्क के क्लेयरमोंट मेडिकल सेंटर में चिकित्सक के पद पर कार्यरत हैं।
हमने वायरल मीम में इस्तेमाल की गई उनकी तस्वीर को भी तलाश किया। उसी तस्वीर का प्रयोग क्लेयरमोंट मेडिकल सेंटर के इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल में भी किया गया है।
अब दूसरी तस्वीर की बात करते हैं, जिसने कई लोगों को हैरान कर दिया है। जब हमने तस्वीर को रिवर्स सर्च किया, तो हमें कुछ और जानकारियाँ भी मिलीं। यह एक प्रसिद्ध इलस्ट्रेटर मैरी एन ज़पलैक ( Mary Ann Zapalac) द्वारा बनाया गया था, जिन्होंने पिछले 27 वर्षों में कई मेडिकल प्रोजेक्ट्स पर काम किया है। ज़पलैक ने डेल्लास में टेक्सास यूनिवर्सिटी के साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर से मेडिकल इलस्ट्रेशन में मास्टर्स किया है और वर्ष 1993 से मेडिकल इलस्ट्रेटर के रूप में अपना व्यवसाय चला रही हैं।
जिस चित्र को इस मीम में इस्तेमाल कर भ्रम फैलाया जा रहा है, वह पेनाइल इंजेक्शन थेरेपी के बारे में बताती है जोलिंग सम्बन्धी समस्या के इलाज के लिए एक प्रभावी तरीका है। ये इंजेक्शन आमतौर पर रोगियों द्वारा स्वयं लगाए जाते हैं, जो लिंग में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता, जिसके परिणामस्वरूप लिंग में तनाव होता है। जाहिर तौर पर, इस तस्वीर का कोरोना वायरस वैक्सीन से कोई संबंध नहीं है।
साथ ही, 1,500 आदमियों के लिंग में कोविड -19 वैक्सीन का इंजेक्शन लगाकर कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय ने कोई भी दावा नहीं किया है। विश्वविद्यालय ने ऐसा कोई शोध नहीं किया और यह वायरल इमेज में किया गया दावा एकदम फर्जी और फेक है।