आम आदमी पार्टी के हिमाचल प्रदेश के सोशल मीडिया प्रेसिडेंट हरप्रीत सिंह बेदी के भारत में उनके खालिस्तान समर्थक रुख को लेकर किए गए पुराने ट्वीट रविवार (1 मई, 2022) को ट्विटर पर वायरल हो गए। मंडी, हिमाचल प्रदेश के आप सदस्य ने अलग खालसा राज्य की डिमांड के बीच सोशल मीडिया पर वायरल हुए ट्वीट से पैदा हुए विवाद के कारण अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया।
रविवार को, @BefittingFacts सहित कई ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने हरप्रीत सिंह बेदी की ट्विटर अकाउंट की ओर इशारा किया, जिसमें 2012 के बाद से उनके हैंडल से खालिस्तान समर्थक कई ट्वीट शामिल थे। नेटिज़ेंस ने बेदी की ओर इशारा किया कि बेदी ने सोशल मीडिया कन्वर्सेशन में भी खालिस्तान को अपने ‘संवैधानिक अधिकार’ के रूप में कई बार माँग चुका है। ऑपइंडिया ने भी जब बेदी के ट्वीटर अकाउंट की और स्कैनिंग की जिसमें खालिस्तान के लिए उनका खुला समर्थन सामने आया। यह ऐसे समय में आया है जब आम आदमी पार्टी पर हाल ही में पंजाब विधानसभा चुनाव जीतने के लिए खालिस्तानी समर्थन लेने का आरोप लगाया जा रहा है।
Meet Aam Aadmi Party Himanchal Social Media president Harpreet Singh Bedi, he believes "demand for Khalistan is constitutional right". He has been supporting Khalistan for movement for atleast 10 years.@ArvindKejriwal pic.twitter.com/f9Lg98hS02
— Facts (@BefittingFacts) May 1, 2022
चूँकि, AAP के सोशल मीडिया संयोजक हरप्रीत सिंह बेदी का ट्विटर हैंडल @iHarpreetSBedi अब मौजूद नहीं है, इसलिए यहाँ सोशल मीडिया पर उनके खालिस्तान समर्थक अभियानों के कुछ प्रमाण हैं, जो भारतीय राज्य के खिलाफ अलगाववादी भावनाओं से भरा हुआ है। 2012 में, बेदी ने ट्वीट कर एक जत्थेदार भाई बलवंत सिंह राजोआना के संदर्भ में पूछा, “अमृतसर और खालिस्तान को स्वतंत्र घोषित किया जाना चाहिए और स्वतंत्रता के लिए लड़ना जारी रखना चाहिए। खालसा पंथ के एक सच्चे संत-सिपाही की यही ताकत है। खड़े हो जाओ और खालिस्तान की स्थापना की प्रतिज्ञा करो!”
उसी वर्ष, बेदी को आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर और पीछे अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के साथ अवधारणात्मक ‘खालिस्तानी डॉलर’ की एक तस्वीर भी साझा करते हुए देखा गया था।
इसके अलावा, बेदी को खालिस्तान को गैर-देशद्रोही के रूप में माँग करने के लिए अलगाववादी नारे देने को सही ठहराते हुए भी देखा गया था। उसने एक ट्वीट में लिखा है, “अगर खालिस्तान की माँग को देशद्रोह कहना है तो संविधान के मुताबिक हिंदुस्तान भी वही है।” एक अन्य ट्विटर यूजर के साथ बातचीत में, उसने संविधान सभा के ड्राफ्ट्समैन को ‘AAP के नेता’ के रूप में संदर्भित किया। मई 2020 के अंत तक, बेदी को खालिस्तान के लिए अपनी माँग को दोहराते हुए देखा जा सकता है, जिससे पता चलता है कि वह अब तक 10 से अधिक वर्षों से जो माँग कर रहे थे, उसके लिए खड़े थे।
बेदी को 1984 में सिखों के नरसंहार और अलग खालसा राज्य की माँग के आधार पर इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में ऑपरेशन ब्लू-स्टार पर राज्य के कॉन्ग्रेस नेताओं के साथ बहस करते देखा जा सकता है। उसे पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाते हुए देखा गया था कि उन्होंने पहले खालिस्तान के लिए कागजात पर हस्ताक्षर किए थे। इस पर बेदी को कॉन्ग्रेस नेताओं और राज्य के पार्टी के हैंडल को ट्रोल करते हुए देखा गया।
जून 2020 के एक ट्वीट में बेदी को इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी पर कसाई (सिख) का आरोप लगाते हुए देखा गया था। उन्होंने खालिस्तान के लिए एक आंदोलन का समर्थन करने और उसके बाद पार्टी को निर्देशित अपने ट्वीट में सिखों की हत्या करने में कॉन्ग्रेस नेताओं के कथित पाखंड की ओर इशारा किया था।
बेदी को अमृतसर में दरबार साहिब पर हमले में गाँधी परिवार की भूमिका का हवाला देकर खालिस्तान आंदोलन को सही ठहराते हुए भी देखा गया था।
2019 में, बेदी को दिल्ली के भाजपा नेता कपिल मिश्रा से यह पूछते हुए देखा गया था, “चूँकि राम और गाय के नाम पर मुस्लिमों और दलितों को कथित रूप से मारा जा रहा है, इसलिए जब संविधान ऐसा करने का अधिकार देता है तो खालिस्तान जिंदाबाद क्यों नहीं कहा जा सकता है?”
तब भी हरप्रीत सिंह बेदी के ट्विटर पर खालिस्तानी सहानुभूतिपूर्ण पोस्ट की वजह से विवाद में फँसने के बाद, उसने अपने अकाउंट को निष्क्रिय करने में देर नहीं की। फिलहाल उनका ट्विटर हैंडल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद नहीं है।
आम आदमी पार्टी से हरप्रीत सिंह बेदी का जुड़ाव
हरप्रीत सिंह बेदी ने अपने ट्विटर हैंडल के बायो में खुद को सोशल मीडिया आप हिमाचल प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बताया। उसके बायो के अनुसार, वह आप की युवा शाखा छात्र युवा संघर्ष समिति के लिए पंजाब का पूर्व प्रतिनिधि था। जब ट्विटर पर लोगों ने उसके विवादित ट्वीट्स वायरल करने शुरू किए, तो उसने अपने अकाउंट को पूरी तरह से डिलीट करने से पहले अपना बायो डिलीट करके AAP से संबंधित अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की।
आप के साथ उसके जुड़ाव की जानकारी को फेसबुक पर क्रॉस-सत्यापित किया गया था, जब उसी व्यक्ति को जून 2021 में आप हिमाचल प्रदेश में अपनी भूमिका के बारे में एक अपडेट पोस्ट करते हुए देखा गया था। बेदी को लाल चंद कटारुचक के साथ पोज देते हुए भी देखा गया था, जो वर्तमान में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य करते हैं। पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार में उपभोक्ता मामलों के मंत्री हैं।
खालिस्तान के लिए हरप्रीत सिंह बेदी के निरंतर खुलेआम समर्थन का पर्दाफाश होने के बाद, पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान खालिस्तानियों के समर्थन से AAP के चुनाव जीतने के आरोपों को फिर से हवा मिल गई है। पंजाब के पटियाला में पवित्र माँ काली मंदिर के बाहर शुक्रवार को खालिस्तान समर्थकों और एक हिंदू संगठन के सदस्यों के बीच झड़प की बात सामने आई है। फरवरी में, AAP के पूर्व सदस्य कुमार विश्वास ने खालिस्तानी अलगाववादियों को समर्थन देने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पर्दाफाश किया था।