कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के बयान से देश भर के विश्वविद्यालयों के कुलपति नाराज हैं। राहुल ने अपने भाषण में कुलपतियों की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इस पद पर पढ़ाई-लिखाई नहीं बल्कि आरएसएस से जुड़ाव देखा जाता है। अब इसी मामले में देश के 181 शिक्षाविदों और कुलपतियों ने मिलकर राहुल गाँधी को खुला पत्र लिख डाला है। इस पत्र में राहुल गाँधी के बयान पर आपत्ति जताई गई है।
पत्र में राहुल गाँधी के बयान को एक अफवाह करार दिया गया है। साथ ही कहा गया है, “हमें राहुल गाँधी के ट्वीट्स और बयानों से पता चला है कि वह अफवाह फैला रहे हैं देश के विश्वविद्यालयों में मेरिट के आधार पर नहीं बल्कि आरएसएस से रिश्तों के आधार पर भर्तियाँ हो रही हैं।”
Vice Chancellors and academicians from several parts of the country write an open letter opposing Congress leader Rahul Gandhi’s remarks on the selection process of Vice Chancellors.
— ANI (@ANI) May 6, 2024
The letter reads "The process by which Vice Chancellors are selected is characterised by… pic.twitter.com/6jIQVai9m7
इसके बाद कुलपतियों ने राहुल गाँधी के बयान पर कहा, “कुलपतियों की एक बेहद सख्त पारदर्शी प्रक्रिया के तहत नियुक्ति होती है। इसके लिए देखा जाता है कि जिस व्यक्ति को नियुक्त किया जाना है उसकी अकादमिक योग्यता क्या है। उसकी प्रशासनिक कुशलता कितनी है और यूनिवर्सिटी को आगे बढ़ाने के लिए क्या विजन रखता है। चयन प्रक्रिया में ये सब चीजें देखने के बाद नियुक्ति होती है।”
राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए पत्र में कहा गया है कि वह कोई काल्पनिक बातें न करें और न ही बिना किसी तथ्य के वो भ्रम फैलाएँ। ऐसी अफवाहों से शिक्षा का माहौल खराब हो जाता है। उन्होंने अपने पत्र में ये भी कहा कि वह लोग चयन के दौरान मेरिटोक्रेसी में यकीन रखते हैं। उच्च शिक्षा के लिए यही जरूरी होता है।
Several Vice Chancellors and academicians write an open letter opposing Congress leader Rahul Gandhi’s comments on the selection process of university heads. (n/1) pic.twitter.com/nrSIKdAkVj
— Press Trust of India (@PTI_News) May 6, 2024
कुलपतियों ने राहुल गाँधी को जवाब देते हुए कहा कि बीते कुछ समय से भारतीय यूनिवर्सिटियों की रैंकिंग में सुधार हुआ है और इनमें अद्भुत बदलाव आया है। भारतीय यूनिवर्सिटियों की ग्लोबल रैंकिंग भी अच्छी हुई है। लेकिन राहुल गाँधी इस तरह के बयान देकर उच्च शिक्षण संस्थानों को बदनाम कर रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि उसका राजनीतिक फायदा उठाया जा सके।
पत्र में कुलपतियों द्वारा कहा गया, “हम सभी से अपील करते हैं कि वे फैक्ट और फेक में अंतर समझने के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करें। निराधार अफवाहों को फैलाने से बचें। ऐसी चर्चा में शामिल हों, जो क्रिएटिव और गतिशील वातावरण बनाने के हमारे लक्ष्य को सपोर्ट करे।”
Several Vice Chancellors and academicians write an open letter opposing Congress leader Rahul Gandhi’s comments on the selection process of university heads. (n/2) pic.twitter.com/nVsJGakwmH
— Press Trust of India (@PTI_News) May 6, 2024
बता दें कि राहुल गाँधी के बयान के विरोध में आए साझा पत्र में 180 वाइस चांसलर्स और शिक्षाविदों के हस्ताक्षर हैं। इसमें JNU की वाइस चांसलर्स शांतिश्री धुलीपुडी पंडित, दिल्ली यूनिवर्सिटी के VC योगेश सिंह और एआईसीटीई के अध्यक्ष टीजी सीताराम शामिल हैं। इसके अलावा संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, एनसीईआरटी, नेशनल बुक ट्रस्ट, एनसीईआरटी, यूजीसी आदि के प्रमुख भी शामिल हैं।
इन सबने मिलकर राहुल गाँधी के बयान के विरोध में आवाज उठाई है। साथ ही राहुल गाँधी को लेकर कहा है कि उन्होंने इस मामले में झूठ फैलाया है और राजनीतिक लाभ उठाने के इरादे से बदनाम किया है, इसलिए प्रार्थना की जाती है कि उनके खिलाफ कार्रवाई हो।