आज मोतीनगर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रोड शो के दौरान किसी आक्रोशित नवयुवक ने थप्पड़ जड़ दिया। गौरतलब है कि इससे कुछ महीने पहले उनके ऊपर दिल्ली सचिवालय में लाल मिर्च पावडर फेंके जाने की खबर भी सामने आई थी। जिसमे बाद में मीडिया में खबर आई की केजरीवाल ने खुद ही अपने ऊपर फेंकवाया था।
इस तरह की घटनाएँ निंदनीय है। फिर भी आए दिन जनता अपना आक्रोश इस रूप में क्यों निकाल रही है। लोगों को हैरत में डाल रही है। सोचने वाली बात ये भी है कि अक्सर आम आदमी पार्टी के सर्वेसर्वा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद भी इस तरह की शारीरिक हिंसा के शिकार क्यों हो जाते हैं?
#WATCH: A man slaps Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal during his roadshow in Moti Nagar area. (Note: Abusive language) pic.twitter.com/laDndqOSL4
— ANI (@ANI) May 4, 2019
ऐसी घटनाओं के बीच, चौकाने वाली बात ये भी है कि अरविन्द केजरीवाल पर जब-जब हमला हुआ, आम आदमी पार्टी का फंड बढ़ा है। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि क्या हर हमले के बाद चंदे देने वाले और मेहरबान हो जाते हैं? हालाँकि, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी और आप के ही निष्काशित विधायक कपिल मिश्रा समेत कई नेताओं का कहना है कि केजरीवाल का थप्पड़ स्टंट उनके ही प्रचार तंत्र का हिस्सा है। इसके बावजूद मनोज तिवारी ने ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा की है।
मनोज तिवारी जी ने कड़ी निंदा भी की और आम आदमी पार्टी के हालिया इतिहास पर भी टिप्पणी कर दी। ये तो एक तथ्य है कि केजरीवाल को जब भी थप्पड़ पड़ते थे, चंदा बढ़ता था। pic.twitter.com/VgNXowwsk6
— Ajeet Bharti (@ajeetbharti) May 4, 2019
अगर देखा जाए तो अब तक केजरीवाल पर करीब 8-10 थप्पड़ या इंक फेंकने की घटनाएँ हो चुकीं हैं। संख्या घट बढ़ सकती है पर इससे जुड़े आँकड़े चौकाने वाले हैं। इस तरह की घटनाएँ केजरीवाल को फिर से चर्चा में ला देतीं हैं, जिससे पार्टी को मिलने वाले चंदों में भी काफी बढ़ोतरी देखी गई है।
अगर आँकड़ों पर नज़र डालें तो आम आदमी पार्टी को दिसंबर 2012 से अप्रैल 2014 तक 111 देशों से 86,649 लोगों ने महज 24.53 करोड़ रुपए चंदे के रूप में दिए थे। जबकि लोकसभा चुनाव 2014 में आम आदमी पार्टी ने 100 करोड़ रुपए चंदा इकठ्ठा करने का टारगेट रखा था। कमाल की बात है कि 28 मार्च 2014 को केजरीवाल को हरियाणा के रोहतक में गर्दन पर हमला हुआ था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस दिन पार्टी को 42 लाख रुपए चंदे में मिले।
साउथ दिल्ली के दक्षिणपुरी में 4 अप्रैल 2014 को केजरीवाल को घूसे और लप्पड़ पड़े। उस दिन आम आदमी पार्टी को ऑनलाइन 1.35 करोड़ रुपए का चंदा मिला।
दक्षिणपुरी की घटना के ठीक चार दिन बाद, कहते हैं पार्टी ने प्रयोग दोहराया। दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में अपने रोड शो के दौरान केजरीवाल पर एक बार फिर से हमला हुआ। इस बार एक ऑटो चालक लाली ने उसे माला पहनाकर दो थप्पड़ रसीद कर दिए। बता दें कि उस बार भी उस बार भी पार्टी को मिलने वाली चंदे की रकम में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई।
कहते हैं, हमले के बाद चंदे में बढ़ोतरी का ट्रेंड एक दिन अपवाद रहा फिर जब कम हुआ तो केजरीवाल पर अहमदाबाद में फिर से हमला हुआ। यह सिलसिला यहीं नहीं रुका बल्कि तब से अनवरत जारी है। जब -जब केजरीवाल चर्चा से बाहर होने लगते हैं तब ऐसी घटनाएँ होती नज़र आती हैं।
2016 में भावना अरोरा नाम की एक महिला ने दिल्ली में सीएनजी घोटाले का आरोप लगाते हुए केजरीवाल पर हमला किया। जो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद से केजरीवाल पर यह पहला हमला था।
वैसे पिछले काफी समय से केजरीवाल लोकसभा-2019 चुनाव के लिए चंदे का रोना रो रहे थे ऐसे में ये कयास लगाना गलत नहीं होगा कि क्या मोतीनगर में फिर से अपना वही प्रयोग दोहराना केजरीवाल का चंदा बढ़ाने वाला पेट नुस्खा तो नहीं? यहाँ तक कि उनके अपने विधायक कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया है कि पूरे दिल्ली को पता था कि केजरीवाल फिर से खुद को थप्पड़ मरवाने वाले हैं।
सारी दिल्ली को पता था केजरीवाल खुद को पिटवाएँगे
— Chowkidar Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) May 4, 2019
रोड शो फ्लॉप, जनता गायब, नौटंकी शुरू
जनता केजरीवाल को ईवीएम का बटन दबा कर पीटेगी – उंगली की ताकत से
तब तक खुद को खुद पिटवाते रहेंगे केजरीवाल
खैर, कारण जो भी हो पर, लोकतंत्र में जनता अपने नेता से कितनी भी नाराज क्यों न हो, फिर भी इस तरह से शारीरिक हिंसा पर उतर आना घोर निंदनीय है। अगर कोई पार्टी वास्तव में इसे पब्लिसिटी या चंदे का साधन बना कर प्रयोग कर रही है तो ये भी लोकतान्त्रिक व्यस्था का मजाक बनाना ही है। इस तरह की घटनाओं को किसी भी हाल में जायज नहीं ठहराया जा सकता है। आपइंडिया ऐसी हरकतों की कड़ी निंदा करता है।