Saturday, November 16, 2024
Homeराजनीतिजब-जब केजरीवाल पर 'थप्‍पड़' पड़ा, आम आदमी पार्टी का चंदा बढ़ा, कहीं ये पब्लिसिटी...

जब-जब केजरीवाल पर ‘थप्‍पड़’ पड़ा, आम आदमी पार्टी का चंदा बढ़ा, कहीं ये पब्लिसिटी स्टंट तो नहीं?

अगर देखा जाए तो अब तक केजरीवाल पर करीब 8-10 थप्पड़ या इंक फेंकने की घटनाएँ हो चुकीं हैं। संख्‍या घट बढ़ सकती है पर इससे जुड़े आँकड़े चौकाने वाले हैं। इस तरह की घटनाएँ केजरीवाल को फिर से चर्चा में ला देतीं हैं, जिससे पार्टी को मिलने वाले चंदों में काफी बढ़ोतरी देखी गई है।

आज मोतीनगर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रोड शो के दौरान किसी आक्रोशित नवयुवक ने थप्पड़ जड़ दिया। गौरतलब है कि इससे कुछ महीने पहले उनके ऊपर दिल्ली सचिवालय में लाल मिर्च पावडर फेंके जाने की खबर भी सामने आई थी। जिसमे बाद में मीडिया में खबर आई की केजरीवाल ने खुद ही अपने ऊपर फेंकवाया था।

इस तरह की घटनाएँ निंदनीय है। फिर भी आए दिन जनता अपना आक्रोश इस रूप में क्यों निकाल रही है। लोगों को हैरत में डाल रही है। सोचने वाली बात ये भी है कि अक्सर आम आदमी पार्टी के सर्वेसर्वा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद भी इस तरह की शारीरिक हिंसा के शिकार क्यों हो जाते हैं?


ऐसी घटनाओं के बीच, चौकाने वाली बात ये भी है कि अरविन्द केजरीवाल पर जब-जब हमला हुआ, आम आदमी पार्टी का फंड बढ़ा है। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि क्या हर हमले के बाद चंदे देने वाले और मेहरबान हो जाते हैं? हालाँकि, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी और आप के ही निष्काशित विधायक कपिल मिश्रा समेत कई नेताओं का कहना है कि केजरीवाल का थप्पड़ स्टंट उनके ही प्रचार तंत्र का हिस्सा है। इसके बावजूद मनोज तिवारी ने ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा की है।

अगर देखा जाए तो अब तक केजरीवाल पर करीब 8-10 थप्पड़ या इंक फेंकने की घटनाएँ हो चुकीं हैं। संख्‍या घट बढ़ सकती है पर इससे जुड़े आँकड़े चौकाने वाले हैं। इस तरह की घटनाएँ केजरीवाल को फिर से चर्चा में ला देतीं हैं, जिससे पार्टी को मिलने वाले चंदों में भी काफी बढ़ोतरी देखी गई है।

अगर आँकड़ों पर नज़र डालें तो आम आदमी पार्टी को दिसंबर 2012 से अप्रैल 2014 तक 111 देशों से 86,649 लोगों ने महज 24.53 करोड़ रुपए चंदे के रूप में दिए थे। जबकि लोकसभा चुनाव 2014 में आम आदमी पार्टी ने 100 करोड़ रुपए चंदा इकठ्ठा करने का टारगेट रखा था। कमाल की बात है कि 28 मार्च 2014 को केजरीवाल को हरियाणा के रोहतक में गर्दन पर हमला हुआ था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस दिन पार्टी को 42 लाख रुपए चंदे में मिले।

साउथ दिल्ली के दक्षिणपुरी में 4 अप्रैल 2014 को केजरीवाल को घूसे और लप्पड़ पड़े। उस दिन आम आदमी पार्टी को ऑनलाइन 1.35 करोड़ रुपए का चंदा मिला।  

दक्षिणपुरी की घटना के ठीक चार दिन बाद, कहते हैं पार्टी ने प्रयोग दोहराया। दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में अपने रोड शो के दौरान केजरीवाल पर एक बार फिर से हमला हुआ। इस बार एक ऑटो चालक लाली ने उसे माला पहनाकर दो थप्पड़ रसीद कर दिए। बता दें कि उस बार भी उस बार भी पार्टी को मिलने वाली चंदे की रकम में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई।

कहते हैं, हमले के बाद चंदे में बढ़ोतरी का ट्रेंड एक दिन अपवाद रहा फिर जब कम हुआ तो केजरीवाल पर अहमदाबाद में फिर से हमला हुआ। यह सिलसिला यहीं नहीं रुका बल्कि तब से अनवरत जारी है। जब -जब केजरीवाल चर्चा से बाहर होने लगते हैं तब ऐसी घटनाएँ होती नज़र आती हैं।

2016 में भावना अरोरा नाम की एक महिला ने दिल्ली में सीएनजी घोटाले का आरोप लगाते हुए केजरीवाल पर हमला किया। जो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद से केजरीवाल पर यह पहला हमला था।

वैसे पिछले काफी समय से केजरीवाल लोकसभा-2019 चुनाव के लिए चंदे का रोना रो रहे थे ऐसे में ये कयास लगाना गलत नहीं होगा कि क्या मोतीनगर में फिर से अपना वही प्रयोग दोहराना केजरीवाल का चंदा बढ़ाने वाला पेट नुस्खा तो नहीं? यहाँ तक कि उनके अपने विधायक कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया है कि पूरे दिल्ली को पता था कि केजरीवाल फिर से खुद को थप्पड़ मरवाने वाले हैं।

खैर, कारण जो भी हो पर, लोकतंत्र में जनता अपने नेता से कितनी भी नाराज क्यों न हो, फिर भी इस तरह से शारीरिक हिंसा पर उतर आना घोर निंदनीय है। अगर कोई पार्टी वास्तव में इसे पब्लिसिटी या चंदे का साधन बना कर प्रयोग कर रही है तो ये भी लोकतान्त्रिक व्यस्था का मजाक बनाना ही है। इस तरह की घटनाओं को किसी भी हाल में जायज नहीं ठहराया जा सकता है। आपइंडिया ऐसी हरकतों की कड़ी निंदा करता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

रवि अग्रहरि
रवि अग्रहरि
अपने बारे में का बताएँ गुरु, बस बनारसी हूँ, इसी में महादेव की कृपा है! बाकी राजनीति, कला, इतिहास, संस्कृति, फ़िल्म, मनोविज्ञान से लेकर ज्ञान-विज्ञान की किसी भी नामचीन परम्परा का विशेषज्ञ नहीं हूँ!

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -