Friday, April 19, 2024
Homeसंपादक की पसंदअभी असली मजे ‘भक्त’ ही ले रहे हैं, बाकियों को आ रही है खट्टी...

अभी असली मजे ‘भक्त’ ही ले रहे हैं, बाकियों को आ रही है खट्टी डकारें

मोदी को विभाजनकारी कहने वाले लोगों को भींगा हुआ जूता सीधे अपने मुँह पर मार लेना चाहिए। मैं तो मानता हूँ कि समाज में इतना प्रेम, दया, सौहार्द, करुणा फ़ैलाने वाला नेता ज्ञात और लिखित इतिहास में कोई पैदा ही नहीं हुआ है।

जैसा कि मैं पहले ही कह चुका हूँ इस समय असली मजे ‘भक्त’ ही ले रहे हैं, क्योंकि वे मोदी के पीछे भेड़ की तरह हाँके हुए चले जा रहे हैं, किसी किस्म का लोड ही नहीं है, मोदी अगर उनको अंधे कुएँ में भी कूदा देंगे, तो वे कूद जाएँगे।

लेकिन जिनको मजे नहीं आ रहे, खट्टी डकारें आ रही हैं और शुगर बढ़ा हुआ है, उनमें केवल महागठबंधन के नेता ही नहीं बल्कि फेसबुक के ‘दलित चिन्तक’ भी शामिल हैं। क्योंकि उनको यह तो पता है कि मोदी का विरोध करना है, लेकिन चुनावों की घोषणा के बाद भी यह नहीं पता कि समर्थन किसका करना है। मायावती का, राहुल गाँधी का, लालू यादव का, ममता बनर्जी का, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव का या बाबा आंबेडकर के संविधान को बचाने निकले दलितों के नए एंग्री यंग मैन भीम आर्मी के चंद्रशेखर का?

इसलिए उनकी वॉल पर अगर कभी विचरने जाओ तो वे इन दिनों ‘संविधान/लोकतंत्र खत्म हो जाएगा’ से लेकर मनुवाद और ब्राह्मणवाद आ जाएगा तक का रोना रोते हुए और आपस में एक-दूसरे को सांत्वना देते हुए मिल जाएँगे। और इस हाल से कहीं डिप्रेशन में न चलें जाएँ, तो उससे बचने के लिए आपस में एक-दूसरे से मसखरी भी कर लेते हैं, जो कि दलित चिंतकों के पार्ट पर बहुत अचंभित करने वाली बात है, क्योंकि दलित चिन्तन की शुरुआत ही सवर्णों को गाली देने से, और सवर्ण बन जाने के हथकंडों से होती है। इसलिए इस दौरान यह लोग सामान्य मनुष्य न रहकर नीले झंडे के तले बौद्धिक फिदायीन बन जाते हैं, जिनके लिए हँसी-मजाक करना लगभग निषेध होता है। लेकिन दलितों के हितों की बात करने वाले नकारा नेताओं ने इनको इस हश्र तक पहुँचा दिया है।

बहरहाल, इन दिनों जबकि मोदी जी 2019 के फाइनल के लिए 7 लोक कल्याण मार्ग के भीतर नेट प्रैक्टिस कर रहे हैं, तब मायावती जी आलरेडी फुल फॉर्म में आ चुकी हैं। रोज उनके नए-नए करतब और बयान सामने आते रहते हैं, जिनमें से एक यह भी है कि वे अब कॉन्ग्रेस को फूटी आँख देखना भी पसंद नहीं करेंगी, अर्थात वे चुनावों में और चुनावों के बाद भी कांग्रेस से किसी भी प्रकार का वास्ता नहीं रखेंगी, जबकि उन्होंने अमेठी और रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए छोड़ रखी है, जो अखिलेश यादव के अनुसार महागठबंधन में कांग्रेस की हिस्सेदारी का टोकन है, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने अपने दो विधायकों के साथ मध्य प्रदेश में कांग्रेस की अल्पमत सरकार को समर्थन भी दिया हुआ है।

कुछ दिनों पहले उन्होंने लखनऊ में अपनी हवेली पर लालू जी के कनिष्ठ पुत्र तेजस्वी यादव को बुलवाया था, उनसे अपने पैर छुआने का फोटो सेशन करवाया और कुछ दिनों बाद यह घोषणा कर दी कि वे बिहार में सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगी। उनकी धुआँधार लप्पेबाजी यहीं नहीं रुक रही है, बल्कि खबर यह भी है कि वे अप्रैल के पहले सप्ताह में अखिलेश यादव के साथ मैनपुरी सीट पर महागठबंधन के प्रत्याशी का प्रचार करने के लिए भी जा रही हैं, प्रत्याशी बोले तो तो साक्षात ‘मुलायम सिंह यादव’।

‘निष्पक्ष’ लोग मोदी पर जो अलग-अलग वैरायटी के आरोप लगाते हैं, उसमें से एक यह भी है कि मोदी नफरत फैलाने वाला और विभाजनकारी नेता है, लेकिन 2019 में जिस प्रकार के राजनीतिक समीकरण ‘मोदी’ की वजह से बने हैं, जहाँ मायावती; मुलायम सिंह का प्रचार कर रही हैं, केजरीवाल; कांग्रेस से गठबंधन के लिए 10 जनपथ के आगे लगभग कटोरा लिए खड़े हैं, वामपंथी; बिना शर्त ममता बनर्जी को समर्थन देने के लिए राजी हो गए हैं, उमर अब्दुल्ला; महबूबा मुफ्ती के ट्वीट को रीट्वीट कर रहे हैं, राहुल गाँधी; सीडी सम्राट हार्दिक पटेल के साथ गलबहियाँ कर रहे हैं तब मोदी को विभाजनकारी कहने वाले लोगों को भींगा हुआ जूता सीधे अपने मुँह पर मार लेना चाहिए। बल्कि मैं तो मानता हूँ कि समाज में इतना प्रेम, दया, सौहार्द, करुणा फ़ैलाने वाला नेता ज्ञात और लिखित इतिहास में कोई पैदा ही नहीं हुआ है।

बहरहाल, मैं फिर से मेरी फेवरेट नेता मायावती जी की ओर लौटता हूँ, तो सुश्री मायावती जी मैनपुरी के चुनावी मंच से उस नेता का प्रचार करेंगी, जो मायावती के गठबंधन सहयोगी अखिलेश यादव का बाप है, मायावती जी मैनपुरी के लोगों से उस नेता को जिताने की अपील करेंगी, जिसने उत्तर प्रदेश में खड़े खम्भों को जिता दिया है, वे उस नेता को जिताने के लिए कहेंगी, जिनके न समझ में आने वाले भाषणों से भी इम्प्रेस होकर यूपी की जनता ने दर्जनों सांसद दिल्ली भेजे हैं, और वे उस नेता को जिताने के लिए अपील करेंगी, जो पहले ही देश के लोगों से मोदी को जिताने के लिए अपील कर चुका है।

इतने भी पर भी सोचिये उस एक संभावित दृश्य को जब मैनपुरी के चुनावी मंच से पहले अखिलेश यादव खड़े होकर नेताजी के लिए वोट माँगेगे, फिर मायावती जी जनता से कहेंगी कि वे आज जो कुछ भी हैं, नेताजी की वजह से ही हैं, अगर आज नेताजी न होते तो अखिलेश जी भी न होते और तब हम गठबंधन किससे करते।

और अंत में आदरणीय मुलायम सिंह जी खड़े होकर, उपस्थित जनसमूह से कहेंगे कि “हमाए लला अखिलेश आज बहुत अच्छे बोले और भेन मायावती तो सुषमा स्वराज के बाद देश की दूसरी सबसे ग़जब की वक्ता हैं हीं, इसलिए उनकी बातेंऊँ सारी सही हैं, लेकिन एक सही बात आज हमहूँ कहि दे रहे हैं, चाहें तो लिख कें ले लेओ कि दुनिया इतें की वितें हे जाय, आवेगो तो मोदीअई”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 21 राज्य-केंद्रशासित प्रदेशों के 102 सीटों पर मतदान: 8 केंद्रीय मंत्री, 2 Ex CM और एक पूर्व...

लोकसभा चुनाव 2024 में शुक्रवार (19 अप्रैल 2024) को पहले चरण के लिए 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 संसदीय सीटों पर मतदान होगा।

‘केरल में मॉक ड्रिल के दौरान EVM में सारे वोट BJP को जा रहे थे’: सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण का दावा, चुनाव आयोग...

चुनाव आयोग के आधिकारी ने कोर्ट को बताया कि कासरगोड में ईवीएम में अनियमितता की खबरें गलत और आधारहीन हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe