पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने जलसे का ऐलान किया है। यह जलसा पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में होगा। इससे पहले उन्होंने पूरे पाकिस्तान से कुछ देर मौन खड़े होकर जम्मू-कश्मीर के प्रति समर्थन दर्शाने का आह्वान किया था। बस और ट्रेनें रोक दी गई थीं। लेकिन, फ्लाइट्स वगैरह नहीं रोके गए थे। वो तो अच्छा हुआ कि अच्छी पत्नी मिलने से 40 जीबी डेटा बचाने का दावा करने वाले पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी की नहीं चली वरना उन्होंने 5 मिनट तक फ्लाइट्स को भी हवा में रोक कर कश्मीर के प्रति कथित समर्थन दर्शाने का आदेश दे दिया होता।
खैर, इमरान ख़ान ने जलसे का ऐलान तो कर दिया लेकिन यह नहीं बताया कि उस जलसे में होगा क्या? वह शुक्रवार (सितम्बर 13, 2019) को मुजफ्फराबाद पहुँचेंगे। ट्वीटू सुल्तान ने यह नहीं बताया कि जलसे में क्या-क्या चीजों की व्यवस्था रहेगी। हालाँकि, ऑपइंडिया के गुप्त सूत्रों को इस बारे में कुछ नई जानकारियाँ मिली हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि जलसे में शामिल होने वाले लोगों से कुछ रुपए दान में माँगे जाएँगे और यह बात पहले नहीं बताई जाएगी क्योंकि लोगों ने कहीं आने से इनकार कर दिया तो?
I am going to do a big jalsa in Muzzafarabad on Friday 13 Sept, to send a message to the world about the continuing siege of IOJK by Indian Occupation forces; & to show the Kashmiris that Pakistan stands resolutely with them.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) September 11, 2019
पाकिस्तान की लगातार गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए इमरान ख़ान ने अपने दफ्तर को ही ‘निकाह भवन’ में बदल दिया। आख़िर यह बात लोगों के समझ से परे है कि इमरान को शादियाँ और जलसे इतने पसंद क्यों हैं? हालाँकि, श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने पहले ही पाकिस्तान आने से मना कर दिया है। पीसीबी को जो भी थोड़े-बहुत कमाई की आस जगी थी, वो उम्मीदें भी अब धूमिल हो चुकी हैं। जलसे के लिए इमरान को किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश थी जो नृत्य के कई विधाओं में पारंगत हो।
अब विभिन्न नृत्य शैलियों के लिए अलग-अलग लोगों को बुलाने से अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ते, इसीलिए इमरान ने कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रवक्ता संजय झा को कॉल किया, जो नृत्य की तीन विधाओं- बेली डांस, बैलेट डांस और कत्थक डांस में एक साथ समान रूप से पारंगत माने जाते रहे हैं। हालाँकि, झा से उन्हें निराशा हाथ लगी क्योंकि कॉन्ग्रेस पार्टी इमरान से जलती है। यह जलन इस बात को लेकर है कि वो जोक्स और मीम्स के मामले में राहुल गाँधी को भी पीछे छोड़ रहे हाँ और कॉन्ग्रेस नेतागण राहुल के प्रतिद्वंद्वी को कभी एंटरटेन कर ही नहीं सकते।
इमरान ख़ान के कई मंत्री ख़ुद मुजरा करने में सिद्धहस्त हैं लेकिन सार्वजनिक रूप से वे ऐसा करने से बचते रहे हैं। अगर पाकिस्तान की विकास दर थोड़ी और गिरती है तो इस विकल्प पर भी विचार किया जा सकता है। अब पीओके के जलसे में स्थानीय लोग तो आने से रहे क्योंकि वहाँ के सामाजिक कार्यकर्ता पाकिस्तान सरकार के दोहरे रवैये को उजागर करने में लगे हैं। पाकिस्तान के आतंकी आकाओं ने भी साफ़-साफ़ कह दिया था कि उनके लिए एक सार्वजनिक मनोरंजन कार्यक्रम का आयोजन होना चाहिए। अब ये काम करने का तरीका कैसा हो?
मैं शुक्रवार, 13 सितंबर को मुजफ्फराबाद (पीओके) में एक बड़ा जलसा करूंगा ताकि भारतीय सेना द्वारा भारतीय अधिकृत कश्मीर में लगातार जारी घेराबंदी के बारे में दुनिया को बता सकूं और यह भी बता सकूं कि पाकिस्तान कश्मीरीयों के साथ खड़ा हुआ है: पाकिस्तान पीएम इमरान खान
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) September 11, 2019
?: फाइल फोटो pic.twitter.com/20d5QPwTEF
ऐसे किसी भी कार्यक्रम पर विश्व समुदाय की नज़र पड़ेगी, इसीलिए पाकिस्तान ने इसे कश्मीर का मुखौटा पहना दिया। वैसे सही भी है जब भारत में जगह-जगह ‘इन्वेस्टर्स समिट’ हो रहे हैं, पाकिस्तान के ‘भटके हुए नौजवानों’ के लिए भी मनोरंजन का कोई न कोई इंतजाम तो होना ही होना चाहिए। बस इमरान को इस बात का डर है कि कहीं किसी भी कलाकार का इंतजाम नहीं हुआ तो पाकिस्तानी फ़ौज और आतंकी संगठनों के आका उन्हें ही न नचा बैठें!