प्रोपेगेंडा की रानी बरखा दत्त की बहन बहार पर चोरी का आरोप लगा है। यहॉं चोरी का मतलब पैसों से नहीं है। बरख दत्त पर साहित्यिक चोरी यानी प्लेज्यरिज्म का आरोप लगा है। आरोप लगाया है कि फिल्मकार और वन्यजीव लेखिका जानकी लेनिन ने। लेनिन के अनुसार 2007 में उन्होंने ‘The Songs of Ganges Ghariyal’ आर्टिकल लिखा था। बहार ने इस आर्टिकल के अंश का इस्तेमाल अपनी किताब में किया है। लेकिन, इसके लिए लेनिन के आर्टिकल का हवाला नहीं दिया गया है।
जानकी लेनिन ने ट्वीट कर यह जानकारी दी और बहार को सवालों को घेरे में खड़ा किया। उन्होंने बताया कि बहार की ‘रीवाइल्डिंग’ पढ़ते समय उन्हें कछुओं और घड़ियाल पर लिखे पाठ में कुछ शब्द जाने-पहचाने मिले। उन्होंने कहा कि साल 2007 में उन्होंने एक आर्टिकल लिखा थाए जिसके अधिकतर वाक्य उन्हें बहार दत्त की किताब में मिले हैं।
Reading Bahar Dutt’s ‘Rewilding’ and struck by some familiar words in the turtles & gharial chapter. In 2007, I wrote an essay for Seminar and many sentences in her chapter are almost identical. @OUPAcademic
— Janaki Lenin (@JanakiLenin) December 23, 2019
इसके बाद जानकी ने अपने निबंध में लिखे कुछ वाक्यों को शेयर किया। साथ ही बहार की किताब का स्क्रीनशॉट भी ट्वीट में डाला। हैरानी की बात यह थी कि जानकी के आर्टिकल और बहार की किताब में लिखे शब्दों में कोई फर्क नहीं है। दोनों सामग्रियों में वाक्य लगभग एक जैसे थे।
लेनिन के ट्वीट ने साफ कर दिया कि मामला प्लेज्यरिज्म का है। इससे हैरान कुछ यूजर्स ने सोशल मीडिया पर लेनिन को एक्शन लेने की सलाह दी। कुछ ने कहा कि सामग्री ‘लगभग’ एक जैसी नहीं है, बल्कि पूरी की पूरी ‘कॉपी’ की गई है।
the benefit of the three endangered Indian crocodilians–the mugger, the saltwater crocodile and the gharial. It delineated 20,000 square kilometres as sanctuaries and set up several captive rearing projects.”
— Janaki Lenin (@JanakiLenin) December 23, 2019
Compare with this– pic.twitter.com/vdeig3viqs
I wrote– “Given that the threats to gharial have never been addressed, nor existing conflicts mitigated, it makes little sense to keep dumping thousands of hapless young gharial (most to face certain death) into the rivers.
— Janaki Lenin (@JanakiLenin) December 23, 2019
I wrote–“Despite the enormity of past failure, reintroductions have neither stopped nor been critically evaluated. On the contrary, the pressure to allow such arbitrary releases is high even today because of captive breeding successes,
— Janaki Lenin (@JanakiLenin) December 23, 2019
इस मामले में बहार दत्त की सफाई भी आई है। आरोपों को खारिज करते हुए बहार ने कहा कि अपनी किताब में इन शब्दों का जिक्र करते हुए उन्होंने उन्होंने रोमूलस विटेकर (वन्यजीव संरक्षणवादी ) को कोट किया है। उनका जिक्र संदर्भ सूची में भी है।
साथ ही बहार ने इन आरोपों पर हैरानी जताते हुए कहा कि रोम और उनके बीच भेजे गए सभी मेल ऑन रिकॉर्ड हैं। उनके मुताबिक हर कथन और कागज जो रोम ने उनके साथ साझा किया, उसका जिक्र उन्होंने अपनी किताब के संदर्भ सूची में किया है।
resultant overcrowding in zoos and rearing centres, and the ‘feel-good’ factor.
— Janaki Lenin (@JanakiLenin) December 23, 2019
Compare to– pic.twitter.com/Po9BJYUxko
बहार ने कहा कि उन्होंने अपनी किताब में लेनिन द्वारा जिक्र की गई सामग्री का इस्तेमाल रोम द्वारा इन्हें साझा करने के बाद किया। ऐसे में अगर वो रोम की तरफ से ये सब कह रही हैं, तो उनका नाम क्यों नहीं लिख रहीं।
Janaki this is a quote from Rom to me attributed to him : If you were writing on his behalf why did you not mention ??
— Bahar Dutt (@bahardutt) December 23, 2019
बता दें कि रोम, जानकी लेनिन के पति हैं। बावजूद इसके विवाद होने की वजह यह है कि बहार ने अपनी किताब में रोम द्वारा मुहैया कराई गई सामग्री का इस्तेमाल करते हुए उसका हवाला नहीं दिया। जब लेनिन ने उनकी चोरी पकड़ी तो उन्होंने रोम के मेल का जिक्र किया। हालाँकि इसके बाद लेनिन ने बहार दत्त से वे सभी मेल भेजने के लिए कहा जो रोम ने उन्हें भेजे थे। सोशल मीडिया में लोग इस हरकत के लिए बहार दत्त की आलोचना कर रहे हैं।
When you quote verbatim from another text, you use quotation marks and you cite the author. Not wave me to the list of references at the end of the book. https://t.co/TMrRYI3u9a
— Janaki Lenin (@JanakiLenin) December 23, 2019