Saturday, July 12, 2025
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृति5 मंजिल, 72 खंभे और 78 मीटर ऊँचा शिखर: गुजरात का वो भव्य द्वारकाधीश...

5 मंजिल, 72 खंभे और 78 मीटर ऊँचा शिखर: गुजरात का वो भव्य द्वारकाधीश मंदिर… जिसको कभी महमूद बेगड़ा ने किया था तोड़ने का प्रयास, कभी सुल्तान महमूद ने मचाई थी जमकर लूटपाट

इतिहास में एक समय ऐसा भी आया जब वाघेर समुद्री डाकुओं ने एक मौलाना के जहाज पर हमला किया, जिसके कारण सुल्तान महमूद ने द्वारका पर आक्रमण कर दिया। उन्होंने द्वारका सहित पूरे क्षेत्र को लूट लिया था। उस समय के राजा भीम द्वारका छोड़कर बेट द्वीप चले गए थे।

गुजरात का द्वारकाधीश मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है, जिन्हें द्वारकाधीश यानी ‘द्वारका का राजा’ के रूप में पूजा जाता है। समुद्र में डूबी द्वारका नगरी स्थित श्रीकृष्ण का ये प्राचीन मंदिर चार धामों में से एक है और करोड़ों भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में द्वारका को अपनी राजधानी बनाया था। मंदिर श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी स्मृतियों को जीवंत करता है।

द्वारकाधीश मंदिर में रोज़ाना सैंकड़ों भक्तों का जनसैलाब दर्शन के लिए उमड़ता है। मंदिर सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलता है।

मंदिर का इतिहास

द्वारका शहर और द्वारकाधीश मंदिर का इतिहास लगभग 2500 वर्षों पुराना है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, महाभारत काल में भगवान कृष्ण ने जब मथुरा छोड़ने का निर्णय लिया तब उन्होंने समुद्र से भूमि प्राप्त कर द्वारका नामक एक नगर बसाया। यह नगर अत्यंत सुंदर और समृद्ध था और इसे भगवान कृष्ण की राजधानी माना गया।

माना जाता है कि मंदिर की मूल संरचना 200 ईसा पूर्व में बनाई गई थी। हालाँकि, समय के साथ-साथ इसे कई बार नष्ट किया गया और पुनर्निर्मित किया गया। 15वीं शताब्दी में महमूद बेगड़ा ने मंदिर को नष्ट कर दिया था लेकिन 16वीं शताब्दी में इसे फिर से बनाया गया। मंदिर की वर्तमान मूर्ति 1559 में अनिरुद्धाश्रम शंकराचार्य द्वारा स्थापित की गई थी।

इतिहास में एक समय ऐसा भी आया जब वाघेर समुद्री डाकुओं ने एक मौलाना के जहाज पर हमला किया, जिसके कारण सुल्तान महमूद ने द्वारका पर आक्रमण कर दिया। उन्होंने द्वारका सहित पूरे क्षेत्र को लूट लिया था। उस समय के राजा भीम द्वारका छोड़कर बेट द्वीप चले गए थे।

द्वारकाधीश मंदिर गुजरात
गुजरात के द्वारका स्थित द्वारकाधीश मंदिर (साभाऱ : sailana place)

मंदिर की संरचना

द्वारकाधीश मंदिर एक भव्य और विशाल पाँच मंजिला इमारत है जो 72 मजबूत स्तंभों पर टिकी हुई है। यह इमारत चूना पत्थर से बनी है और इसकी दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है। मंदिर की लंबाई 29 मीटर और चौड़ाई 23 मीटर है।

मंदिर के दो मुख्य द्वार हैं – मोक्ष द्वार (प्रवेश द्वार) और स्वर्ग द्वार (निर्गमन द्वार)। स्वर्ग द्वार से नीचे उतरने पर 56 सीढ़ियाँ गोमती नदी की ओर जाती हैं जहाँ श्रद्धालु स्नान करते हैं।

मंदिर का शिखर लगभग 78.3 मीटर ऊँचा है और इसके शीर्ष पर एक त्रिकोणीय झंडा फहराया जाता है, जिसमें सूर्य और चंद्रमा के प्रतीक होते हैं। यह झंडा दिन में चार बार बदला जाता है और इसे चढ़ाने का सौभाग्य भक्तों को दान के रूप में प्राप्त होता है। माना जाता है कि जब तक सूर्य और चंद्रमा पृथ्वी पर हैं तब तक भगवान कृष्ण इस स्थान पर विराजमान रहेंगे।

मंदिर परिसर में एक गर्भगृह (निज मंदिर) और अंतराल (ड्योढ़ी) है। गर्भगृह में भगवान कृष्ण की काले पत्थर की मूर्ति स्थापित है जो भक्तों के लिए दर्शन का प्रमुख केंद्र है।

द्वारकाधीश मंदिर गुजरात
गुजराक के द्वारका स्थित द्वारकाधीश मंदिर (साभार : xplro)

कैसे पहुँचें ?

द्वारका नगरी भारत के गुजरात राज्य के पश्चिमी छोर पर स्थित है और यहाँ पहुंचना आज के समय में बहुत आसान हो गया है। सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा जामनागर है जो लगभग 130 किलोमीटर दूर है। जामनगर से टैक्सी या बस से द्वारका पहुँचा जा सकता है।

इसके अलावा द्वारका रेलवे स्टेशन कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, मुंबई और दिल्ली से कई सीधी ट्रेनें द्वारका के लिए जाती हैं।

सड़क मार्ग से द्वारका पहुँचना अलग अनुभव है। गुजरात राज्य परिवहन की बसें और निजी वाहन द्वारका के लिए चलते हैं। समुद्र के अद्भुत दृश्यों को निहारते हुए सड़क यात्रा भी की जा सकती है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

पूजा राणा
पूजा राणाhttps://hindi.opindia.com/
एक मामूली लड़की! असलियत से वाकिफ होने की खोज में

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

संघ प्रमुख के 75 साल की उम्र में ‘रिटायर’ वाले बयान को गलत तरीके से फैला रही कॉन्ग्रेस: विपक्ष के लिए PM मोदी ऐसे...

मोहन भागवत ने स्पीच में जीवनभर सक्रिय रहने का संदेश दिया, न कि रिटायर होने का। उन्होंने कहा कि अगर स्वास्थ्य और दिमाग ठीक है, तो काम जारी रखो।

पीएम मोदी के दौरों पर जुबान खोलने से पहले ‘विचार’ कर लेते भगवंत मान ‘साहब’, विदेश नीति कॉमेडी का मंच नहीं ये बेहद गंभीर...

भगवंत मान ने पीएम मोदी के उन देशों के दौरे पर जाने का मजाक उड़ाया है, जिनकी आबादी कम है। दरअसल मान को ये पता ही नहीं है कि छोटे देशों का विश्वस्तर पर कितना महत्व है?
- विज्ञापन -