पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक लाख लोग सामूहिक रूप से गीता का पाठ करेंगे। खास बात ये है कि इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्यौता भेजा गया है, जबकि इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय जनता पार्टी नहीं कर रही है। इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं तीन हिंदूवादी संगठन, जिन्होंने प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया है। हालाँकि अभी तक कोलकाता पुलिस और प्रशासन ने इस आयोजन की हरी झंडी नहीं है, इसके बावजूद इस कार्यक्रम को लेकर सियासी घमासान मचने लगा है।
जानकारी के मुताबिक, कोलकाता में सामूहिक गीता पाठ में पीएम मोदी भी शामिल होंगे। गीता जयंती यानी 24 दिसंबर को ब्रिगेड मैदान में आयोजन होगा जिसमें एक लाख से ज्यादा लोग एक साथ गीता का पाठ करेंगे। बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत के नेतृत्व में संतों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार शाम दिल्ली में पीएम मोदी से मिलकर गीता पाठ समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस मामले में सुकांत मजूमदार ने सोशल मीडिया पर भी जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।
Our Hon'ble PM Shri Narendra Modi Ji has accepted our invitation to grace us with his presence at the "লক্ষ কণ্ঠে গীতা পাঠ" event on 24th December at the Brigade Parade Ground, Kolkata, where lakhs of people will gather and resonate the virtues of Sanatana Dharma… pic.twitter.com/68LjJCC7mA
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) November 17, 2023
भाजपा नहीं, हिंदू संगठन कर रहे आयोजन
इस कार्यक्रम का आयोजन विभिन्न मठ- मंदिरों व हिंदू संगठनों की ओर से गीता पाठ समिति बनाकर किया जा रहा है। आयोजकों की ओर से पता चला है कि सामूहिक गीता पाठ के लिए अब तक एक लाख 20 हजार लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। हालाँकि, आयोजकों ने कहा कि कोलकाता पुलिस ने अभी तक कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी है। क्रिसमस की पूर्व संध्या रविवार होने के कारण लाखों लोगों के सड़कों पर निकलने की उम्मीद है।
राजनीति तेज होने के कयास
इस आयोजन की घोषणा के बाद से ही बंगाल में राजनीतिक तल्खी बढ़ गई है। तृणमूल कॉन्ग्रेस ने इस आयोजन को हिंदूवादी राजनीति का एक हिस्सा बताया है। पार्टी ने कहा है कि यह आयोजन सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश है। तो भारतीय जनता पार्टी ने इस आयोजन का समर्थन किया है। पार्टी ने कहा है कि यह आयोजन हिंदू संस्कृति और धर्म का सम्मान करने का एक तरीका है।