Saturday, July 27, 2024
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आज़ादी के बाद पहली बार कश्मीर के शारदा मंदिर में नवरात्रि पूजा: LoC पर स्थित ऐतिहासिक स्थल पर गूँजी मन्त्रों की ध्वनि, अमित शाह बोले – पुनः जागृत हो रही आध्यात्मिक ज्वाला

वो हनुमान जी का जन्मस्थान माने जाने वाले कर्नाटक के किष्किंधा में रथयात्रा निकाले जाने के लिए जाने जाते हैं। पूजा के कार्यक्रम में अच्छी संख्या में श्रद्धालु भी पहुँचे।

जम्मू कश्मीर के शारदा मंदिर में देश की आज़ादी के पहली बार नवरात्रि की पूजा हुई। ये मंदिर कुपवाड़ा के टीटवाल में स्थित है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक पंडित जी मंदिर में स्थित देवी की प्रतिमा के सामने पूजा कर रहे होते हैं। पुजारी जहाँ भगवा वस्त्र में दिख रहे हैं, वहीं माता की प्रतिमा को भी सजाया गया है। इस दौरान मंत्रोच्चार के साथ-साथ घंटी की ध्वनि भी सुनाई दे रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस ऐतिहासिक घटना पर ख़ुशी जताई है।

अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से अंग्रेजी अखबार की कटिंग लगाई, जिसमें बताया गया है कि सीमा क्षेत्र LoC में स्थित मंदिर में भारत की स्वतंत्रता के बाद पहली बार दुर्गा पूजा हुई। साथ ही इसमें पूजा के दौरान पंडितों की तस्वीर भी दी गई है। उत्तरी कश्मीर स्थित इस मंदिर के नवनिर्माण का कार्य कुछ ही दिनों पहले संपन्न हुआ है। 75 वर्षों से यहाँ इस्लामी आतंकवाद और मुस्लिम तुष्टिकरण की सरकारी नीतियों के कारण नवरात्रि की पूजा नहीं हुई।

बता दें कि इस बार नवरात्र रविवार (15 अक्टूबर, 2023) को कलश स्थापना के साथ शुरू हुआ है। शारदा मंदिर में हुई इस पूजा में हम्पी के गोविंदानंद सरस्वती मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। वो हनुमान जी का जन्मस्थान माने जाने वाले कर्नाटक के किष्किंधा में रथयात्रा निकाले जाने के लिए जाने जाते हैं। पूजा के कार्यक्रम में अच्छी संख्या में श्रद्धालु भी पहुँचे। इस दौरान कश्मीरी पंडितों का जत्था भी मौजूद रहा। 80-90 के दशक में कश्मीरी पंडितों को घाटी से निकाल दिया गया था, उनका नरसंहार हुआ था और महिलाओं के साथ बलात्कार हुए थे।

नीचे समाचार एजेंसी ANI द्वारा डाले गए वीडियो में आप देख सकते हैं कैसे मंदिर में पूजा की जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “ये अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व की बात है कि 1947 के बाद से पहली बार कश्मीर के ऐतिहासिक शारदा मंदिर में इस साल नवरात्रि की पूजा हुई है। इसी साल यहाँ चैत्र नवरात्रि की पूजा हुई थी और अब शारदीय नवरात्रि के मन्त्र गूँज रहे हैं। 23 मार्च, 2023 को मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद मुझे इसके उद्घाटन का मौका मिला था।”

केंद्रीय गृह मंत्री ने ये भी कहा कि ये न सिर्फ घाटी में शांति की वापसी को दर्शाता है बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारे देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ज्वाला के पुनः जाग्रत होने का प्रतीक भी है। उक्त मंदिर में पंचलोहा की प्रतिमा स्थापित की गई है। कर्नाटक के श्रृंगेरी से इस मंदिर में प्रतिमा लाए जाने के लिए रथयात्रा भी हुई थी। बता दें कि माँ शारदा का मुख्य पीठ पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाली कश्मीर में स्थित है। ये प्राचीन भारत में विद्या अर्जन के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब ये जीर्ण हो चुका है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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