धर्म नगरी अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। वहीं, प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियाँ भी जोरों पर हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण पत्र भेजा गया है। यह कार्यक्रम 15-24 जनवरी के बीच होगा।
मीडिया से बात करते हुए चंपत राय ने कहा है, “हमने प्रधानमंत्री जी को एक निवेदन पत्र भेजा है। इस पत्र में लिखा है कि आप आएँगे तो दुनिया में हिंदुस्तान का सम्मान बढ़ेगा। अपने व्यस्त कार्यक्रम से थोड़ा समय निकाल लीजिए। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम 15 जनवरी से लेकर 24 जनवरी के बीच कभी भी होगा।”
#WATCH | Champat Rai, General Secretary of Ram Janmabhoomi, Teerth Kshetra Trust, Ayodhya, says "We have requested Prime Minister Narendra Modi to be present during the 'Pran Pratishtha' ceremony (of Ram Mandir) which is scheduled to take place between 15th January to 24th… pic.twitter.com/3DLPNr7i8S
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 25, 2023
बता दें कि राम मंदिर भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक आयोजित हुई। इस बैठक के समाप्त होने के बाद सोमवार (24 जुलाई, 2023) को चंपत राय ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। उन्होंने कहा है कि इस कार्यक्रम के लिए मंदिर परिसर में 10 हजार कुर्सियाँ लगाए जाने की योजना है। ये कुर्सियाँ कहाँ लगेंगी इस पर अभी विचार किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा है कि इस कार्यक्रम में कितने श्रद्धालु आएँगे इसका कोई आँकड़ा नहीं है। लोग आएँगे तो भोजन व्यवस्था कैसे होगी? शौचालय कहाँ बनेगा? इस तरह की बहुत सी छोटी-छोटी बातों पर हमारा प्राण प्रतिष्ठा प्रबंधन ग्रुप स्टडी कर रहा है। परकोटे में बन रहे मंदिरों की मूर्तियाँ जयपुर से आएँगीं। इन मूर्तियों को लेकर ट्रस्ट के लोग जयपुर जाने वाले हैं।
हर गाँव, शहर, कस्बे में लगेंगी होर्डिंग्स
चंपत राय ने यह भी कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान इच्छा है कि हिंदुस्तान का कोई मंदिर अछूता ना रहे। देश का कोई भी गाँव, कस्बा ऐसा ना हो जहाँ होर्डिंग्स न लगी हों। इनमें क्या लिखना है यह मैटर ट्रस्ट दे देगा। जो लोग आ नहीं सकते होर्डिंग तो लगा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा है कि रामलला के मंदिर बनने में कोई समस्या न आए इसके लिए अनेकों प्रकार के अनुष्ठान चल रहे हैं। तीर्थ क्षेत्र भवन रामकोट में ऋग्वेद, साम वेद, कृष्ण यजुर्वेद, शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों की आहुतियाँ दी जा रही हैं। वाल्मीकि रामायण व श्रीमद्भागवत का भी पाठ हो रहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले 16 जुलाई को चंपत राय ने कहा था कि मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति भगवान राम के 5 वर्षीय बालक रूप की है। प्रतिमा भूतल में मौजूद रहेगी। इन प्रतिमाओं का निर्माण भी अयोध्या में शुरू हो गया है जिसे अक्टूबर तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है। राम मंदिर की चौखट मार्बल की है। इसके दरवाजे महाराष्ट्र से आई लकड़ी के बने हैं जिन पर अयोध्या में ही नक्काशी करवाई जा रही है।
चम्पत राय ने फिनिशिंग टच जैसे छोटे-मोटे काम दिसंबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद जताई थी। साथ ही कहा था कि अनुमान के मुताबिक मंदिर निर्माण में 21 लाख ग्रेनाइट, घनपुट, सैंड स्टोन और मार्बल प्रयोग हो रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि मंदिर के हर हिस्से को ऐसी मजबूती से बनाया जा रहा है जिसे लगभग 1 हजार वर्ष तक मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ेगी।