Thursday, April 25, 2024
Homeविविध विषयअन्य23 मई की जगह 28 मई को आएँगे लोकसभा चुनाव के नतीजे, ये है...

23 मई की जगह 28 मई को आएँगे लोकसभा चुनाव के नतीजे, ये है वजह…

चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि फिलहाल ऑटोमैटिक रूप से पर्चियों के मिलान का तरीका उपलब्ध नहीं है। आयोग ने कहा कि अभी फिलहाल कोई मकेनिकल सिस्टम नहीं है, क्योंकि वीवीपैट से निकल रही स्लिप पर कोई बारकोड नहीं लगा है।

लोकसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के बाद एक बार फिर से ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को लेकर बहसबाजी शुरु हो गई है। विपक्षी दलों की तरफ से चुनाव आयोग पर सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्षी दलों द्वारा ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान 50 फीसदी तक बढ़ाने की माँग अगर मान ली गई तो चुनाव नतीजे आने में तकरीबन 5 दिन ज्यादा लग सकते हैं।

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी है। चुनाव आयोग ने और भी कई चुनौतियों की बात कही है। आयोग के मुताबिक, गिनती के लिए बड़े पैमाने पर सक्षम स्टाफ की जरूरत होगी। इतना ही नहीं, ऐसे गिनती करने के लिए बड़े काउंटिंग हॉल्स की भी जरूरत होगी।

गौरतलब है कि, 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर माँग की थी कि एक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों की मिलान किया जाए, ताकि चुनावी प्रक्रिया की शुद्धता पर आँच न आए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से विचार करने को कहा था। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने कहा, “अगर हर संसदीय या विधानसभा क्षेत्र की 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाएगा, तो इससे गिनती करने का वक्त बढ़ेगा। इसमें करीब 5 दिन तक ज्यादा लग सकते हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों की घोषणा 23 मई की जगह 28 मई को हो पाएगी।”

इसके साथ ही चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि फिलहाल ऑटोमैटिक रूप से पर्चियों के मिलान का तरीका उपलब्ध नहीं है। आयोग ने कहा कि अभी फिलहाल कोई मकेनिकल सिस्टम नहीं है, क्योंकि वीवीपैट से निकल रही स्लिप पर कोई बारकोड नहीं लगा है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के नतीजे 28 तो वहीं विधानसभा चुनाव के नतीजे 30 या 31 से पहले नहीं आ पाएँगे।

बता दें कि, वर्तमान में चुनाव आयोग प्रत्येक क्षेत्र से कोई भी एक ईवीएम का चुनाव करता है और उसकी पर्चियों का मिलान करने का काम करता है। फिलहाल देश में कुल 10.35 लाख पोलिंग स्टेशन हैं और अगर औसत की बात करें, तो एक असेंबली सीट में 250 पोलिंग स्टेशन है। आयोग की मानें तो, एक पोलिंग स्टेशन पर वीवीपैट काउंटिंग में फिलहाल एक घंटे का समय लगता है। लेकिन यदि इसे 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया, तो इसमें औसतन 5.2 दिन का वक्त लग जाएगा।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कर्नाटक में सारे मुस्लिमों को आरक्षण मिलने से संतुष्ट नहीं पिछड़ा आयोग, कॉन्ग्रेस की सरकार को भेजा जाएगा समन: लोग भी उठा रहे सवाल

कर्नाटक राज्य में सारे मुस्लिमों को आरक्षण देने का मामला शांत नहीं है। NCBC अध्यक्ष ने कहा है कि वो इस पर जल्द ही मुख्य सचिव को समन भेजेंगे।

मार्क्सवादी सोच पर नहीं करेंगे काम: संपत्ति के बँटवारे पर बोला सुप्रीम कोर्ट, कहा- निजी प्रॉपर्टी नहीं ले सकते

संपत्ति के बँटवारे केस सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा है कि वो मार्क्सवादी विचार का पालन नहीं करेंगे, जो कहता है कि सब संपत्ति राज्य की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe