Friday, May 16, 2025
Homeविविध विषयमनोरंजनजिंदगी से परेशान हैं पाकिस्तानी, कुछ नहीं मिला तो मेरे ऊपर निकाल रहे भड़ास:...

जिंदगी से परेशान हैं पाकिस्तानी, कुछ नहीं मिला तो मेरे ऊपर निकाल रहे भड़ास: अदनान सामी

इससे पहले अदनान ने ट्रोल करने वालों को जवाब देते हुए कहा था कि उनके वालिद हिंदुस्तान में ही 1942 में पैदा हुए थे, और 2009 में हिंदुस्तान में ही उन्होंने अंतिम साँस ली।

पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान सामी ने कहा है कि पाकिस्तान के लोग अपने जीवन से निराश हो चुके हैं और इसकी भड़ास वे उन पर निकाल रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के प्रावधानों निष्प्रभावी किए जाने के बाद से ही सामी पाकिस्तानियों के निशाने पर हैं। इसी क्रम में ट्विटर पर एक यूजर ने उनसे पूछा कि उन्हें पाकिस्तानियों की काफी आलोचना सुनने को मिल रही है। वो इन सबका सामना कैसे करते हैं?

सामी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान के नागरिक खुद के जीवन से निराश हो चुके हैं और जब से उन्हें यह एहसास हुआ है कि वो इन सब से आगे निकल चुके हैं, तब से वो उनके ऊपर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वो उन लोगों को माफ करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि भगवान उनके जीवन में सुधार करें। वे वास्तव में पीड़ित हैं।

गौरतलब है कि, इससे पहले भी अदनान सामी ने अपने जवाब से ट्विटर पर ट्रोल करने वाले लोगों का मुँह बंद कर दिया था। सामी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा’ लिखने वाले सर मोहम्मद ‘अल्लामा’ इक़बाल की इन्हीं पंक्तियों में ट्विटर पर शेयर किया था, इस तथ्य के साथ कि पाकिस्तान के ‘बौद्धिक पिता’ माने जाने वाले इक़बाल तकनीकी रूप से हिंदुस्तानी ही रहे, सारी उम्र। इक़बाल की मौत देश के विभाजन से 9 साल पहले 1938 में हो गई थी। उनका जन्म भी हिंदुस्तान में ही हुआ था। अदनान सामी ने इक़बाल की तस्वीर के साथ तिरंगा भी लगाया था।

इसके बाद बौखलाए पाकिस्तानी ट्रोल मुहम्मद शफ़ीक़ ने अदनान से पूछा कि उनके वालिद कहाँ पैदा हुए और मरे थे? अदनान ने शफ़ीक़ के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए जवाब दिया कि उनके वालिद हिंदुस्तान में ही 1942 में पैदा हुए थे, और 2009 में हिंदुस्तान में ही उन्होंने अंतिम साँस ली।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

5 दिन में ही डोनाल्ड ट्रंप ने लिया U टर्न, भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के दावे से पीछे हटे: अमेरिका का ‘जीरो टैरिफ’...

एस जयशंकर ने कहा, "व्यापार वार्ता चल रही है, लेकिन अभी कुछ तय नहीं हुआ। कोई भी सौदा दोनों देशों के लिए फायदेमंद होना चाहिए।"

भाड़ में जाओ ट्रंप… बीत गए वे दिन जब दुनिया को नचाता था अमेरिका, ‘नया भारत’ किसी के दबाव में नहीं करता समझौते: अपने...

भारत अपने फैसले खुद लेता है। बात चाहे पाकिस्तान से लड़ाई की हो या संघर्ष विराम की। मिस्टर ट्रंप - दिल्ली आपके इशारे पर नहीं चलता।
- विज्ञापन -