जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और पलायन की गाथा को उजागर करती निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स जब से रिलीज हुई है। इसके बाद से बॉलीवुड दो धड़ों में बंट गया है। एक धड़ा इसे जबरन झूठा करार देने में लगा है तो दूसरी तरफ एक-एक कर लोग अब इस फिल्म का समर्थन भी कर रहे हैं। इन्हीं लोगों में से एक हैं म्यूजिक डायरेक्टर और एक्टर पीयूष मिश्रा। उन्होंने इस फिल्म को पूरी तरह से सच बताया है।
पीयूष मिश्रा ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स के एक-एक शब्द को सच करार दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो कुछ भी हुआ है उसे किसी भी तरह से झूठा करार नहीं दिया जा सकता है। जो लोग इसे प्रोपेगेंडा करार दे रहे हैं, उनसे बहस करने का कोई अर्थ नहीं है। मिश्रा के मुताबिक, फिल्म में जिस महिला को उसके पति के खून से सने हुए चावल खिलाए गए थे वो उससे मिल चुके हैं। उन्होंने वो वीडियो भी देखने का दावा किया है।
फिल्म में जो दिखाया गया है, एक-एक बात सही है। एक्टर संजय सूरी का जिक्र करते हुए पीयूष मिश्रा ने बताया कि उनके (संजय सूरी) पिता की भी इसी तरह से हत्या कर दी गई थी। लोग चुपचाप निकल गए, उस पर आज तक कोई एफआईआर तक नहीं हुई। कश्मीर में ऐलान कर दिया गया कि लोग 48 घंटे में वहाँ से चले जाएँ औऱ लोग वहाँ से चले गए।
एक्टर ने ये भी बताया कि वो खुद भी कश्मीर के कबाइलियों पर एक कहानी लिख रहे हैं, जिसमें 1947 से 1995 तक का उल्लेख किया जाएगा। पीयूष मिश्रा कहते हैं कि वो 85 साल की एक ऐसी महिला से मिलें हैं, जिसने 1947 में हुए कबाइली हमलों को अपनी आँखों से देखा था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गुजरात के दंगों पर भी फिल्म बननी चाहिए।
कौन हैं पीयूष मिश्रा
गौरतलब है कि पीयूष मिश्रा फिल्म अभिनेता, म्यूजिक डायरेक्टर, गीतकार, गायक, स्क्रिप्ट राइटर और संवाद लेखक और एक प्रसिद्ध थिएटर निर्देशक और हिंदी नाटककार हैं। उन्होंने अपना प्रारंभिक जीवन ग्वालियर में बिताया, जहाँ उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त की। वो फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर-2 फिल्म के गाने ‘हम जहर से भरे, बिच्छुओं में पले..आबरू की कसम’ और फिल्म गुलाल के फिल्म के ‘आरंभ है प्रचंड है’ गाने में काम किया है।