फिल्म मेकर अनुराग कश्यप ने हाल में खुलासा किया है कि कैसे उनकी शराब पीने की आदत के कारण एक दफा उनकी पत्नी आरती बजाज ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया था। उस समय उनकी बेटी आलिया सिर्फ 4 साल की थी। अनुराग बताते हैं कि करियर में उतार-चढ़ाव के कारण वह शराब पर आश्रित हो गए थे।
उन्होंने मैशेबल इंडिया से बात करते हुए उस दौर को याद किया जब उनके जीवन का सबसे बुरा वक्त चल रहा था। उन्होंने खुद को उभारने के लिए शराब को सहारा बनाया। वह बताते हैं, “मैंने खुद को कमरे में बंद किया और उसी के बाद से शराब पीने की शुरुआत हुई…मैं डेढ़ साल तक बहुत ज्यादा पीता था। आरती ने मुझे घर से बाहर कर दिया था। मेरी बेटी तब 4 साल की थी। ये बहुत कठिन समय था। मैं हताश था।”
अनुराग कश्यप ने कहा, “पाँच और ब्लैक फ्राइडे नहीं चल पाईं, ऑल्विन कालीचरण भी ठप हो गईं। एक और फिल्म जिसके बारे में कोई नहीं जानता था वो भी नहीं चली थीय़ मुझे तेरे नाम (2003) और कांटे (2002) से बाहर कर दिया गया था। मैं पीता था और ये सारी लड़ाइयाँ लड़ता था। मैंने जिन प्रोजेक्ट्स को लिखा था और जिनका मैं हिस्सा था, उन परियोजनाओं से मुझे अनायास ही निकाल दिया गया था। वह एक बहुत बुरा दौर था, जिसकी वजह से इंडस्ट्री और सिस्टम के लिए गुस्सा बढ़ गया था।”
इस इंटरव्यू में उन्होंने उस बॉम्बे में आने के बाद अपने शुरुआती दिनों का भी जिक्र किया जब उन्हें फुटपाथ पर 6 रुपए देकर सोना पड़ता था और एक थिएटर में अपना सूटकेस रखकर सर्वाइव करना पड़ता था।
उल्लेखनीय है कि अनुराग कश्यप ने अपने करियर की शुरुआत पाँच फिल्म से की थी। फिल्म सेंसरशिप के चलते कभी भी चल नहीं पाई । बाद में ब्लैक फ्राइडे (2004) बनाई तो वो भी नहीं चली। 2007 में डिस्ट्रिक्ट बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने उसे रोक दिया। इसी तरह नो स्मोकिंग को भी बहुत फजीहत मिली। अनुराग कश्यप के करियर में उछाल देव-डी के बाद आया
बता दें कि बॉलीवुड के मशहूर फिल्ममेकर अनुराग कश्यप पिछले कुछ सालों से मीडिया सुर्खियों में रहे। पहले उनके ऊपर पायल घोष ने यौन शोषण का इल्जाम लगाया और उसके बाद उनकी फिल्म बॉयकॉट का ट्रेंड चलता रहा। उनके ऊपर पुलिस मुकदमा भी हुआ जिसके कारण अनुराग को कई बार पुलिस थाने के चक्कर काटने पड़े। इसके बाद उनका नाम टैक्स चोरी में भी उछला। बाद में दोबारा के प्रमोशन के वक्त वह भी चर्चा में आए।