Saturday, May 17, 2025
Homeविविध विषयमनोरंजन'भाभीजी' ने किया मीका सिंह का समर्थन, कहा- मैं पाकिस्तान में परफॉर्म करूँगी, रोक...

‘भाभीजी’ ने किया मीका सिंह का समर्थन, कहा- मैं पाकिस्तान में परफॉर्म करूँगी, रोक सको तो रोक लो

शिल्पा शिंदे ने कहा कि अगर पाकिस्तान उन्हें परफॉर्म करने के लिए बुलाता है और वहाँ उनका स्वागत किया जाता है तो वह वहाँ ज़रूर जाएँगी। शिंदे ने चुनौती देते हुए कहा, "मैं पाकिस्तान जाऊँगी। रोक सको तो रोक लो।"

लोकप्रिय टीवी सीरियल ‘भाभीजी घर पर हैं’ का टाइटल किरदार निभा चुकीं शिल्पा शिंदे ने गायक मीका सिंह का खुल कर समर्थन किया है। बता दें कि पाकिस्तान में परफॉर्म करने को लेकर मीका सिंह पहले से ही सवालों के घेरे में हैं। उन्हें ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) और फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न सिने एम्प्लॉयीज (FWICE) ने प्रतिबंधित भी कर दिया है। शिल्पा शिंदे ने इन दोनों ही संस्थाओं को खरी-खोटी सुनाई। बिग बॉस 11 की विजेता रह चुकीं शिल्पा के इस बयान को लेकर लोगों से उनसे नाराज़गी जताई।

शिल्पा शिंदे ने कहा कि अगर पाकिस्तान उन्हें परफॉर्म करने के लिए बुलाता है और वहाँ उनका स्वागत किया जाता है तो वह वहाँ ज़रूर जाएँगी। शिंदे ने चुनौती देते हुए कहा, “मैं पाकिस्तान जाऊँगी। रोक सको तो रोक लो।” शिंदे ने कहा कि पाकिस्तान में इतने अच्छे गायक होने के बावजूद मीका को वहाँ परफॉर्म करने के लिए बुलाया गया, यही बड़ी बात है।

मीका सिंह द्वारा पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के सम्बन्धी के कार्यक्रम में परफॉर्म करने के बाद उपजे विवाद पर अपनी राय रखते हुए शिल्पा शिंदे ने कहा:

“मैं सभी देशभक्तों से पूछना चाहती हूँ कि क्या आपने नुसरत फ़तेह अली ख़ान को सुनना बंद कर दिया है? वे एक लीजेंड थे। क्या आप भारत-पाक क्रिकेट मैच का लुत्फ़ नहीं उठाते? कला की कोई सीमा नहीं होती है इसे राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए कला एक महत्वपूर्ण माध्यम हो सकता है। मैं अभी भी अपने पाकिस्तानी दोस्तों से बातें करती हूँ और वे मेरे जन्मदिन पर मुझे कढ़ाईदार सूट गिफ्ट के रूप में देते हैं। “

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए इंटरव्यू में शिल्पा शिंदे ने कहा कि पाकिस्तान भी कभी भारत का ही हिस्सा हुआ करता था और वहाँ की जनता भी शांति चाहती है। उन्होंने इंग्लैंड का उदाहरण देते हुए कहा कि अंग्रेजों ने भारतीयों के साथ नौकरों जैसा व्यवहार किया लेकिन फिर भी वहाँ जाकर अच्छा करने वालों को गर्व की नज़र से देखा जाता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

240 पुस्तकें, 50 रिसर्च पेपर… स्वामी रामभद्राचार्य को ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ क्यों? जो 500 सालों में नहीं हुआ वो भी कर दिखाया: संत नहीं, पुरस्कृत...

स्वामी रामभद्राचार्य को 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' क्यों? ये लेख उनके लिए नहीं है जो सवाल पूछ रहे, उन आम लोगों के लिए है जो उस गिरोह के भ्रमजाल का निशाना हैं। जिनका पढ़ने-लिखने से कोई वास्ता ही नहीं, वो क्या समझेगा कि 2 महीने की उम्र में अपने नेत्र खोने वाला शिशु कालांतर में 240 पुस्तकें और 50 शोधपत्र प्रकाशित कर देगा।

अब इकोनमी ही नहीं, डिफेंस सेक्टर में भी ग्लोबल पॉवर बनकर उभरा है भारत: ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने देखा दम, नई डिफेंस पॉलिसी...

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सैन्य शक्ति, रणनीतिक क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन था। जो खुद पहल कर के निर्णायक कार्रवाई करता है।
- विज्ञापन -