बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रानौत ने इंडस्ट्री के फिल्म-माफियाओं को लताड़ लगाते हुए कहा है कि इस काम में ऐसे गिरोह हैं जिनका लक्ष्य राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाना है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुशांत सिंह राजपूत के मामले को सीबीआई को हस्तांतरित करने के बाद रिपब्लिक टीवी के प्रमुख अर्नब गोस्वामी से बात करते हुए, बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा कि जावेद अख्तर, नसीरुद्दीन शाह जैसे लोगों को फिल्म उद्योग में भाई-भतीजावाद और पक्षपात की मानसिकता को स्थापित करने के लिए काम किया है।
रिपब्लिक टीवी के इंटरव्यू में कंगना रनौत ने बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर के ‘नास्तिक’ होने के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि जावेद अख्तर जैसे लोग, जो ‘नास्तिक’ होने का दिखावा करते हैं, वास्तव में, इंडस्ट्री के भीतर ऐसे लोगों पर नज़र रखते हैं कि वे इस्लाम के समर्थक हैं या नहीं? कंगना ने कहा कि कि ये लोग इंडस्ट्री में इस्लाम के समर्थकों या उनके हित में रहने वाले लोगों को ‘फ़िल्टर’ करते हैं और उन्हें बढ़ावा देते हैं।
बॉलीवुड के लोगों द्वारा मीडिया नैरेटिव किस तरह से कंट्रोल किया जाता है, इस पर कंगना रनौत ने अभिनेता आमिर खान के मौन पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि आमिर खान ने अभी तक भी सुशांत की मौत पर संवेदना व्यक्त नहीं की है।
Not many noticed this reality Ashraf Atheist @Javedakhtarjadu as revealed by @KanganaTeam.
— हिरण्यरेता (@Hiranyareta) August 20, 2020
She confirmed the following observation of late Sri Sitaram Goel regarding Ashrafs.
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कंगना रानौत ने कहा कि आमिर खान ने सुशांत सिंह के साथ PK फ़िल्म में काम किया था लेकिन उन्होंने अभी तक भी उनकी मौत की सीबीआई जाँच की माँग नहीं की है, ना ही इस पूरे प्रकरण पर अपने विचार रखे हैं।
सुशांत सिंह की मौत पर चुप्पी के कारण इस ‘गैंग’ पर निशाना साधते हुए कंगना रनौत ने कहा कि आमिर ही नहीं बल्कि अनुष्का शर्मा, राजू हिरानी, आदित्य चोपड़ा और रानी मुखर्जी तक ने भी इस बारे में अपनी राय नहीं रखी है।
इस इंटरव्यू में अर्नब ने कंगना से सवाल किया कि वो नसीरुद्दीन शाह और जावेद अख्तर जैसे लोगों के निशाने पर क्यों रहती हैं? इस पर अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा कि नसीरुद्दीन शाह, जावेद अख्तर, आमिर खान, शाहरुख खान जैसे लोगों के मुद्दे राजनीति से प्रेरित रहते हैं।
कंगना रनौत ने कहा – “ये सब लोग मोदी विरोधी हैं। इन्होंने अवार्ड लौटाए। याचिकाएँ दायर कीं, और पीएम मोदी को अमेरिका का वीजा ना दिए जाने के लिए मुहिम चलाईं। अगर आप इनका समर्थन नहीं करते हैं तो ये लोग आपको चैन से नहीं रहने देंगे।”