बॉलीवुड अभिनेता कार्तिक आर्यन की अगली फिल्म ‘सत्यनारायण की कथा’ है। कुछ दिनों से फिल्म के नाम को लेकर मध्य प्रदेश में काफी बवाल भी मचा हुआ था। अब फिल्म के निर्देशक समीर विद्वांस ने फिल्म के नाम को लेकर ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी किया है।
समीर ने अपने पोस्ट में लिखा, “किसी भी समुदाय या संगठन के सेंटीमेंट आहत करने का कोई इरादा नहीं था, इसलिए हमने फिल्म का नाम बदलने का फैसला किया है। फिल्म का नाम पहले हमने ‘सत्यनारायण की कथा’ जाने-अनजाने में रखी थी। इससे किसी को आहत करने का कोई इरादा नहीं था।” समीर विद्वांस आगे लिखते हैं, “फिल्म के निर्माता और क्रिएटिव टीम भी इस फैसले का पूरा समर्थन कर रहे हैं। हम जल्द ही फिल्म के नए नाम की घोषणा करेंगे।”
— Sameer Vidwans । समीर विद्वांस (@sameervidwans) July 3, 2021
विद्वांस ने ट्विटर पर बयान साझा किया और कार्तिक ने भी अपने ट्विटर हैंडल से इसे ट्वीट किया। अभिनेता ने इसे इंस्टाग्राम पर भी साझा किया। नए नाम को अभी गुप्त रखा गया है। कार्तिक ने पिछले महीने इंस्टाग्राम पर साझा की गई फिल्म के मोशन पोस्टर के साथ आधिकारिक तौर पर फिल्म के शीर्षक की घोषणा की थी। इंस्टाग्राम पर मोशन पोस्टर के साथ, कार्तिक ने लिखा था, “मेरे दिल के करीब एक कहानी सत्यनारायण की कथा। विशेष लोगों के साथ एक विशेष फिल्म।”
फिल्म के बारे में बात करते हुए कार्तिक ने कहा था, “सत्यनारायण की कथा’ एक संगीतमय प्रेम गाथा है, जो राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता जैसे लोगों के पावरहाउस को एक साथ लाती है। समीर विद्वान सर के साथ यह मेरे लिए भी पहली बार है, जिनमें संवेदनशील विषय को भी बेहद मनोरंजक बनाने की चतुराई वाली भावना है।” कार्तिक ने कहा, “ईमानदारी से, मैं बहुत दबाव और जिम्मेदारी महसूस करता हूँ, क्योंकि मैं इस टीम में बिना राष्ट्रीय पुरस्कार का एकमात्र सदस्य हूँ।”
पिछले दिनों भोपाल में हिंदू संगठन ‘संस्कृति बचाओ मंच’ ने फिल्म के टाइटल का विरोध करते हुए चेतावनी दी थी कि साजिद नाडियावाला अगर भोपाल या मध्य प्रदेश में आएँगे तो उनका मुँह काला करके गधे के ऊपर घुमाया जाएगा।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि पिछले कुछ सालों से विधर्मी लोग देवी-देवताओं को फिल्मों के माध्यम से अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं चाहे फिल्म ‘ओह माय गॉड’, ‘पीके’, ‘लवरात्रि’, ‘तांडव’ हो या अब ‘सत्यनारायण कथा’। इस प्रकार की फिल्मों का निर्माण करके हिंदू जन भावनाओं को ठेस पहुँचाने का जो प्रयास किया जा रहा है, उसे संस्कृति बचाओ मंच कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।