Friday, April 19, 2024
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जातिसूचक विवाद में फँसी ‘पाताल लोक’, गोरखा समुदाय ने जताई आपत्ति: अनुष्का शर्मा को भेजा लीगल नोटिस

"पाताल लोक' सीरीज के दूसरे एपिसोड में एक क्लिप में लेडी पुलिस ऑफिसर एक नेपाली किरदार से पूछताछ करते समय जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करती हैं। अगर सिर्फ नेपाली शब्द का इस्तेमाल किया जाता तो कोई दिक्कत नहीं थी मगर उसके बाद इस्तेमाल हुआ शब्द बिल्कुल मंजूर नहीं।"

अमेज़न प्राइम पर रिलीज हुई वेब सीरीज पाताल लोक आए दिन विवादों में घिरती हुई नज़र आ रही है। शो की प्रोड्यूसर अनुष्का शर्मा को लॉयर गिल्ड मेंबर वकील वीरेन सिंह गुरुंग ने एक लीगल नोटिस भेजा है। 18 मई 2020 को भेजे गए इस नोटिस में आरोप लगाया गया है कि सुदीप शर्मा द्वारा लिखी गई इस वेबसीरीज में जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल हुआ है, जिससे गोरखा समुदाय का अपमान हुआ है।

पाताल लोक में जातिसूचक शब्द का मामला

दरअसल इस वेब सीरीज के दूसरे एपिसोड में एक सीन है, जहाँ एक महिला पुलिस अफसर एक नेपाली व्यक्ति से इंटेरोगेशन के 3 मिनट और 41 सेकेंड पर पूछताछ के दौरान जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर उसकी बेइज्जती करती है। उस सीन में नेपाली कहने के साथ ही अन्य शब्दों का इस्तेमाल किया गया, जिसकी वजह से ही पूरा नेपाली समुदाय भड़का हुआ है।

गुरुंग ने द क्विंट को बताया, सीरीज के दूसरे एपिसोड में एक क्लिप में लेडी पुलिस ऑफिसर एक नेपाली किरदार से पूछताछ करते समय जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करती हैं। उनके अनुसार अगर सिर्फ नेपाली शब्द का इस्तेमाल किया जाता तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी मगर उसके बाद इस्तेमाल हुआ शब्द बिल्कुल मंजूर नहीं। क्योंकि अनुष्का शर्मा सीरीज की प्रोड्यूसर हैं, इसलिए उन्हें नोटिस भेजा गया है।

गोरखा समुदाय की माँग

द हिंदू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, वेब सीरीज के जिस शब्द पर आपत्ति की जा रही है उसे म्यूट, सबटाइटल को ब्लर और वीडियो को एडिट किया जाए। भारतीय गोरखा युवा परिसंघ ने इस संबंध में एक याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने कहा है, ”सीरीज में एक किरदार का नाम मैरी लिंगदोह है, जो मेघालय के खासी समुदाय का कॉमन सरनेम है। एक पुलिसकर्मी द्वारा उसका अपमान किया जाना पूर्वोत्तर के लोगों के लिए रूढ़िवादिता को ही दर्शा रहा है।”

नेपाली 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक है और भारत में डेढ़ करोड़ लोग हैं, जो नेपाली को आम भाषा में बोलते हैं। गोरखा सबसे बड़ा नेपाली-भाषी समुदाय है और यह शब्द पूरे समुदाय पर असर डालता है। साथ ही समुदाय ने बिना शर्त माफी और डिस्क्लेमर की भी माँग की है।

अनुष्का की तरफ से नहीं आया कोई जवाब

गुरुंग ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस मामले में अब तक अनुष्का शर्मा की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। अगर उन्हें जवाब नहीं मिलता है तो वह अपनी लीगल टीम के साथ मिलकर इस शो से जुड़े स्ट्रीमिंग पार्टनर समेत अन्य संबंधित व्यक्तियों को भी इस मामले में शामिल करेंगे। साथ ही सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय का इस मामले में हस्तक्षेप करने का भी अनुरोध करेंगे।

पाताल लोक और हिन्दू-घृणा

अमेजन प्राइम पर आए वीडियो सीरीज ‘पाताल लोक’ की कहानी में हिन्दू-घृणा कूट-कूट कर भरी हुई है। कहानी आउटर जमुना पार पुलिस स्टेशन की है। यही है पाताल लोक, जहाँ पुलिस अधिकरी पोस्टिंग होने से भागते हैं। शुरू में ही बता दिया जाता है कि कहाँ-कहाँ पोस्टिंग होना स्वर्ग लोक के समान है और कहाँ पृथ्वी लोक के सामान। ‘पाताल लोक’ का एक बना बनाया सिस्टम है, जो वैसे ही चला आ रहा है। अधिकतर मामलों में केस की जाँच शुरू होने से पहले ही फ़ैसला सुनाया जाता है और फिर परिणाम तक पहुँचा जाता है।

बता दें कि पाताल लोक’ को अनुष्का शर्मा की प्रोडक्शन कंपनी क्लीन स्लेट फिल्म्स के बैनर तले प्रोड्यूस किया गया है। पाताल लोक में जयदीप अहलावत, नीरज काबी, अभिषेक बनर्जी, स्वस्तिका मुखर्जी, निहारिका, जगजीत, गुल पनाग जैसे कलाकारों ने काम किया है। इस वेब सीरीज को सुदीप शर्मा ने लिखा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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