Sunday, September 1, 2024
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गर्भ में लिंग की जाँच: मुश्किलों में रणवीर सिंह की ‘जयेशभाई जोरदार’, रिलीज से पहले हाई कोर्ट पहुँचा मामला

याचिकाकर्ता का कहना है कि फिल्म का ट्रेलर अल्ट्रासाउंड तकनीक के उपयोग का विज्ञापन करता है, जो कानूनन गलत है।

बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह (Ranveer Singh) की फिल्म ‘जयेशभाई जोरदार’ (Jayeshbhai Jordaar) रिलीज से पहले मुश्किलों में आ गई है। दरअसल, फिल्म के ट्रेलर में प्रसव पूर्व लिंग जाँच के सीन को लेकर यूथ अगेंस्ट क्राइम नाम के एक एनजीओ ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ के समक्ष इस मामले को रखा गया।

लाइव लॉ के मुताबिक, वकील पवन प्रकाश पाठक द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि हालाँकि फिल्म कन्या भ्रूण हत्या विषय पर आधारित है और ‘सेव गर्ल चाइल्ड’ पर जोर देती है, लेकिन फिल्म के ट्रेलर में प्रसव पूर्व लिंग जाँच का सीन को दिखाया गया है, जो सही नहीं हैं। गर्भधारण और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 के तहत यह गैरकानूनी है। उल्लेखनीय है कि यह एक ऐस अधिनियम है जो कन्या भ्रूण हत्या और भारत में गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए लागू किया गया था। इस अधिनियम के तहत प्रसव पूर्व लिंग जाँच पर प्रतिबंध है।

यहाँ देखें ‘जयेशभाई जोरदार’ फिल्म का ट्रेलर

याचिका में कहा गया है, “अल्ट्रासाउंड क्लिनिक सीन, जहाँ बिना सेंसर के लिंग निर्धारण के लिए अल्ट्रासाउंड की तकनीक का खुले तौर पर विज्ञापन दिखाया गया है। यह पीसी और पीएनडीटी अधिनियम की धारा 3, 3 ए, 3 बी, 4, 6 और 22 के अनुसार प्रतिबंधित है।” धारा 3ए के तहत प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण गैरकानूनी है। धारा 3बी में अल्ट्रासाउंड मशीनों, लैब, क्लीनिकों आदि ​के जरिए बच्चे के लिंग की जाँच प्रतिबंधित है।

बता दें कि यशराज फिल्म्स के बैनर तले बानी ‘जयेशभाई जोरदार’ को मनीष शर्मा ने प्रोड्यूस किया है। दिव्यांग ठक्कर फिल्म के निर्देशक हैं। उन्होंने इस फिल्म की स्क्रिप्ट भी लिखी है। ‘जयेशभाई जोरदार’ 13 मई को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है। फिल्म के रणवीर सिंह के अलावा शालिनी पांडे, बोमन ईरानी और ​​रत्ना पाठक शाह भी मुख्य भूमिका में हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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