सुशांत सिंह राजपूत की मौत को ढाई महीने का वक्त बीत चुका है। यह आत्महत्या है या मर्डर? यह गुत्थी सुलझाने के लिए सीबीआई लगातार हर एंगल से जाँच कर रही है। वहीं सीबीआई ने घर में मौजूद सभी लोगों से इस बात का पता लगाया है कि सुशांत की मौत से पहले यानी 13 रात से लेकर 14 जून की दोपहर तक क्या-क्या हुआ।
बता दें कि सीबीआई सुशांत के फ्लैटमेट सिद्धार्थ पिठानी और एक्टर के स्टाफ में शामिल रहे नीरज, केशव और दीपेश सावंत से इस मामले में लगातार जाँच पड़ताल कर रही है। CBI ने नीरज को 8 दिन, सिद्धार्थ को 7 दिन, दीपेश को 5 दिन और केशव को 4 दिन पूछताछ के लिए बुलाया।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई इस बात का अंदाजा लगा रही है कि अगर सुशांत की हत्या हुई है, तो घर में मौजूद इन चारों लोगों में कोई तो इस साजिश में शामिल होगा या किसी को तो इस बात की जानकारी होगी। वहीं साथ रह रहे लोग घर में आने-जाने वाले सभी शख्स को अच्छे से जानते भी होंगे। इन सभी ने सीबीआई की इन्वेस्टिगेशन में इस बात का खुलासा किया सुशांत की मौत से पहले के कुछ घंटों के पहले क्या-क्या हुआ था।
रिपोर्ट के अनुसार, नीरज 14 जून की सुबह सुशांत के कुत्ते को घूमाने के लिए गया और 8 बजे बाहर से वापस लौटा। जिसके बाद सुशांत ने उससे अपने कमरे से निकल कर ठंडा पानी माँगा था। पानी देते वक्त सुशांत ने स्माइल के साथ नीरज से कहा- “क्या सब ठीक है?” साथ ही घर की साफ सफाई को लेकर भी पूछा कि क्या हॉल साफ हो गया? नीरज ने सुशांत को बताया कि घर की सफाई हो चुकी है। इतनी बात होने के बाद सुशांत वापस कमरे में चले गए। नीरज के मुताबिक सुशांत इस बात का किसी को पता नहीं लगने देते थे कि उनके मन में क्या चल रहा है। न ही वे किसी पर गुस्सा करते थे।
इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की जाँच में दीपेश ने बताया कि सुशांत ने 13 जून की रात को खाना खाने से मना कर दिया था। उन्होंने सिर्फ एक मैंगो शेक पीने की फरमाइश की थी। दीपक ने बताया कि उन्होंने सुशांत को मैंगो शेक दिया और रात करीब 10.30 बजे वो सोने चला गया। दूसरे दिन यानी 14 जून को वो (दीपक) 5.30 सुबह बजे उठ कर अपने डेली रूटीन के काम कर 6.30 बजे सुशांत के कमरे का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा अंदर से बंद नहीं था।
दीपेश ने आगे कहा कि सुशांत पहले से जगे हुए थे। दीपेश के गुड मॉर्निंग बोलने पर उन्होंने उसका जवाब दिया और ब्रेकफास्ट लाने के लिए मना कर दिया। दीपेश के मुताबिक सुशांत का व्यवहार आम दिनों की तरह ही था। कमरे में सुशांत अकेले थे और रोजाना की तरह सिचुएशन था।
वहीं नीरज और केशव ने सीबीआई को बताया कि वे उस दिन सुबह 7 बजे उठे थे। नीरज ने बताया कि सुबह 9.30 बजे केशव ऊपर सुशांत के कमरे में गया और उन्हें अनार का जूस दिया, साथ में नारियल पानी भी दिया। केशव 10.30 बजे दोबारा सुशांत के कमरे में गया था। उसने यह पूछा था कि एक्टर को किसी और चीज की जरूरत तो नहीं और साथ ही ये भी कि लंच में क्या बनाया जाए। उस वक्त सुशांत का कमरा अंदर से बंद था। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था।
इंडिया टुडे को सूत्रों ने बताया कि केशव और नीरज द्वारा दिया गया बयान सीबीआई की पूछताछ में एक जैसा ही निकला। केशव ने जाँचकर्ताओं को बताया, “मैंने सुबह 9-9.15 बजे सुशांत सर को अनार का जूस और नारियल पानी दिया। करीब 10-10.30 बजे मैं फिर से उनके कमरे में गया और पूछा कि लंच के लिए क्या बनाना है? उनका दरवाजा बंद था, जो असामान्य था। बाद में, मैंने सिद्धार्थ सर को सूचित किया कि सुशांत सर दरवाजा नहीं खोल रहे हैं। सिद्धार्थ सर ने दरवाजा खटखटाया और कहा कि यह अंदर से बंद है। सुशांत सर तभी गेट बंद करते थे जब रिया मैडम उनके साथ रहती थीं। लगभग 15 मिनट बाद, सिद्धार्थ सर ने फिर से दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।”
वहीं नीरज ने सीबीआई को यह भी बताया था कि सुशांत कभी कमरे को बंद नहीं करते थे। सिर्फ रिया चक्रवर्ती के कमरे में मौजूद रहने पर ही वे ऐसा करते थे। काफी देर तक जब सुशांत ने दरवाजा नहीं खोला तो केशव, दीपेश और सिद्धार्थ फिर सीढ़ियों से ऊपर गए और सुशांत के दरवाजे को फिर से खटखटाना शुरू किया। लेकिन कमरे से किसी भी तरह का रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा था। नीरज को यह जानकारी दीपेश ने दी थी। सिद्धार्थ ने सुशांत को कई बार फोन भी लगाया। लेकिन उन्होंने फ़ोन भी नहीं उठाया।
नीरज ने जाँचकर्ताओं को बताया कि उन्होंने फिर रूम की एक्स्ट्रा चाबी ढूँढी। लेकिन वो नहीं मिली। इस बात की जनकारी सुशांत की बहन मीतू सिंह को दी गई। उन्होंने कहा कि किसी तरह दरवाजे को खोलने की कोशिश करो। इसके बाद उन्होंने कहा कि वो भी वहाँ पहुँच रही हैं। जिसके बाद सिद्धार्थ ने चाबी बनाने वाले को दरवाजा खोलने के लिए बुलाया।
दोपहर करीब 1.30 बजे चाबी बनाने वाला आया। उसने दरवाजा खोलने के लिए नई चाबी बनानी शुरू की। जिस पर टाइम ज्यादा लगने पर सिद्धार्थ ने चाभी वाले को ताला तोड़ने के लिए कहा। इस काम में लगभग 10 मिनट लगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सिद्धार्थ ने एजेंसी को बताया, “मैंने सैमुअल मिरांडा (सुशांत के मैनेजर) से भी फोन पर बात की और पूछा कि क्या उनके पास चाबी है। लेकिन सैमुअल ने मना किया। मैंने फिर से मीतू को फोन किया और यह तय किया गया कि चाबी बनाने वाले को बुलाया जाए। मैंने चाबी बनाने वाले का नंबर जानने के लिए बिल्डिंग सिक्योरिटी गार्ड राजू से बात की। मैंने गूगल किया और एक नंबर पाया। मैंने उसे फोन किया और उसने 2000 रुपए माँगे। उसने आकर ताला तोड़ा। मैंने पेमेंट किया और वो तभी वहाँ से चला गया। मैंने उसे यह नहीं बताया कि यह एक्टर सुशांत का घर है।”
सिद्धार्थ सुशांत के रूम के अंदर सबसे पहले जाने वाला शख्स था। नीरज के मुताबिक वह कुछ देर बाद अंदर गया और सुशांत को गले में हरे रंग के कुर्ते के साथ छत के पंखे से लटका पाया। कुर्ता सुशांत का था। नीरज ने सीबीआई को बताया कि इस दौरान वह यह सब देखकर घबरा कर रूम से बाहर निकल गया था।
सिद्धार्थ ने सीबीआई को बताया, “मैंने और दीपेश ने रूम में प्रवेश किया। लाइट बंद थीं और पर्दे ढके हुए थे। मैंने लाइट स्विच ऑन किया और सुशांत को पंखे से लटका हुआ देखकर चौंक गया। मैंने मीतू को फोन किया और बताया। नीरज और केशव तब कमरे के बाहर थे।”
सिद्धार्थ ने कहा, “मैंने एम्बुलेंस के लिए 108 को फोन किया और डॉक्टर के लिए कहा। मैंने उन्हें बताया कि मरीज का नाम सुशांत सिंह राजपूत है। मुझे मीतू का फोन आया और उन्होंने अपने पति से बात कराई, जिन्होंने मुझसे कहा कि मैं बॉडी को नीचे उतारूँ और यह देखूँ कि सुशांत की नब्ज चल रही है या नहीं। मैंने चाकू माँगा और उस कपड़े को काट दिया, जिससे सुशांत लटका हुआ था। मीतू ने कमरे में तभी प्रवेश किया और कहा, “गुलशन, तूने ये क्या किया, बाबू?” ’मैंने सुशांत की साँस लाने की कोशिश की लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। बाद में पुलिस और एम्बुलेंस पहुँची।” सिद्धार्थ ने फिर पुलिस को सुशांत की आत्महत्या के बारे में जानकारी दी। पुलिस भी कुछ देर में वहाँ पहुँच गई थी।
गौरतलब है कि सीबीआई को इन चारों के बयानों में विरोधाभास लगा था, इसीलिए इन्हें इंट्रोगेशन के लिए कई बार बुलाया जा रहा है। और इनके बयान इन कैमरा में दर्ज कर जाँच पड़ताल की जा रही है। सीबीआई को शक है कि इनमें से कोई कुछ बातें छुपा तो नहीं रहा है।