एक शीर्ष अमेरिकी डिप्लोमेट ने अगस्त में पाकिस्तानी वायु सेना के आला अधिकारियों को लिखित रूप से फ़टकार लगाई है। इसमें अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दिए गए F-16 लड़ाकू जेट का दुरुपयोग करने और उसकी सुरक्षा को ख़तरे में डालने का आरोप लगाया गया है।
अमेरिकी समाचार ने आधिकारिक दस्तावेज़ों का हवाला देते हुए इसकी सूचना दी। वेबसाइट के मुताबिक़, तत्कालीन अस्त्र नियंत्रण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के अंडर सेक्रेटरी एंड्रिया थॉम्पसन ने अगस्त में पाकिस्तान के एयर चीफ मार्शल मुजाहिद अनवर ख़ान को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में F-16 फाइटर जेट्स के इस्तेमाल पर उन्हें फ़टकार लगाई गई थी।
दोनों अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में कहा गया था कि भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के साथ हुई झड़प के दौरान एक F-16 जेट को मार गिराया था। हालाँकि, इस पत्र में फरवरी की घटना का उल्लेख नहीं किया गया था, लेकिन इसे अमेरिका के द्वारा एक ऐसी पहल के रूप में देखा जा सकता है कि जिसमें इस बात का उल्लेख है कि पाकिस्तान ने F-16 लड़ाकू जेट का दुरुपयोग किया था और ऐसा करके पाकिस्तान ने अपनी बिक्री के मूल नियमों का उल्लंघन किया था। इस पत्र के बाद पाकिस्तान ने F-16 जेट को स्थानांतरित कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि 27 फरवरी को भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर हवाई हमले शुरू करने के एक दिन बाद, इस्लामाबाद के लड़ाकू विमानों ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया और बम गिराए।
अधिकारियों ने कहा कि कथित तौर पर उन स्थानों पर गड्ढ़े दिखाई दिए जहाँ बमों को पाकिस्तानी जेट द्वारा गिराया गया था, लेकिन इस दौरान किसी के हताहत होने की कोई ख़बर नहीं थी। इसके तुरंत बाद, पाकिस्तान वायु सेना के एक F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया गया था और उसे पाकिस्तान के अंदर लगभग तीन किलोमीटर दूर लाम क्षेत्र में गिरते हुए देखा गया था। हालाँकि पाकिस्तान अभी तक इस तथ्य को इनकार करता रहा है।
दुर्घटनाग्रस्त सेनानी के साथ एक पैराशूट को भी गिरते देखा गया था, लेकिन उसके पायलट के बारे में कुछ पता नहीं चल सका। और यह इसलिए क्योंकि पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर F-16 के मार गिराए जाने की बात को छुपा लिया है। लेकिन अब जबकि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा लिखा गया पत्र सबके सामने है तो पाकिस्तान की पोल खुल चुकी है।
मार्च में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान पर F-16 लड़ाकू जेट विमान के उपयोग का आरोप लगाया था। हालाँकि, यूएस न्यूज ने एक अधिकारी का हवाला देते हुए कहा, “अमेरिकी रक्षा प्रौद्योगिकियों से जुड़े द्विपक्षीय समझौतों की सामग्री पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी नहीं करता है, न ही उनसे हमारी कोई बात हुई है।”
विशेष रूप से, थॉम्पसन, जिन्होंने सरकार छोड़ दी है, उन्होंने पाकिस्तानियों को चेतावनी दी है कि उनके (पाकिस्तान) व्यवहार से यह हथियार घातक लोगों के हाथों लगे, और इससे वो “हमारे साझा सुरक्षा प्लेटफार्मों और बुनियादी ढाँचे को कमज़ोर कर सकते थे।”
ख़बर के अनुसार, पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के पास 76 अमेरिकी F-16 लड़ाकू विमान हैं – जो अब तक उनके सैन्य शस्त्रागार में सबसे शक्तिशाली लड़ाकू जेट हैं। पाकिस्तान ने पहली बार 1982 में विमान प्राप्त करना शुरू किया और उन्हें राज्य विभाग, रक्षा विभाग और कॉन्ग्रेस द्वारा लगाए गए सख़्त नियमों के तहत बनाए रखा। नियमों में कहा गया है कि इस्लामाबाद केवल दो विशिष्ट वायु सेना ठिकानों पर इन लड़ाकू विमानों को रख सकता है और इनका उपयोग केवल आतंकवाद-विरोधी अभियानों के लिए कर सकता है, न कि दूसरे देशों के ख़िलाफ़।
ग़ौरतलब है कि 27 फ़रवरी की सुबह पाकिस्तान के विमानों ने भारतीय सीमा का उल्लंघन किया। जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायु सेना ने उनका F-16 लड़ाकू विमान मार गिराया था।
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