Saturday, November 16, 2024
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कहाँ खर्च होंगे कितने: समझिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए घोषित ₹20 लाख करोड़ का हिसाब-किताब

निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि सरकार कई क्षेत्रों में अपना एकाधिकार ख़त्म कर निजी खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्द्धा के माहौल को बढ़ावा देगी। इसी तरह के निर्णय कोयला क्षेत्र में लिए गए हैं, जहाँ देश अब पहले से कहीं अधिक दोहन करेगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सभी अस्पतालों को पहले से कहीं अधिक मुस्तैद बनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए मंगलवार (मई 12, 2020) को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़े आर्थिक सुधारों की घोषणा करते हुए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज से अर्थव्यवस्था में नई जान फूँकने की बात कही थी। इसके बाद पाँच प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने उन सुधारों का खाका जनता के सामने पेश किया। शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर रक्षा और खनिज उत्पादन तक आत्मनिर्भर बनने का खाका।

अब सवाल उठता है कि आख़िर ये 20 लाख करोड़ रुपए का आँकड़ा पहुँचा कैसे? कितने रुपए कहाँ ख़र्च होंगे? आइए, नीचे देखते हैं कि कैसे किन-किन सेक्टरों में इन रुपयों को ख़र्च किया जाएगा और इसका पूरा हिसाब-किताब क्या है?

  • 1.92 लाख करोड़ रुपए: पीएम गरीब योजना, स्वास्थ्य, टैक्स छूट
  • 5.94 लाख करोड़ रुपए: एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग), पावर सेक्टर
  • 3.10 करोड़ रुपए: श्रमिकों और कृषि सेक्टर के लिए
  • 1.5 लाख करोड़ रुपए: माइक्रो एग्री इंफ़्रा, मत्स्य, पशुपालन, मधुमक्खी पालन
  • 48,100 करोड़ रुपए: वीजीएफ, मनरेगा
  • 8 लाख करोड़: रिर्जव बैंक की ओर से

अब एक बार इस पूरी रकम के सिलसिलेवार खर्च को देखते हैं, जो प्रस्तावित है। आज पाँचवें कॉन्फ्रेंस के साथ ही इसकी पूरी रूपरेखा सामने आ चुकी है और अब देखना ये है कि इसको लागू करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया कितनी प्रभावी होती है। (रकम करोड़ रुपए में):

  • एमएसएमई सहित अन्य व्यापारों के लिए: 3,00,000
  • एमएसएमई के सब-ऑर्डिनेट ऋण के लिए: 20,000
  • एमएसएमई के लिए फंड: 50,000
  • बिजनेस और ईपीएफ सपोर्ट: 2800
  • ईपीएफ रेट रिडक्शन: 6750
  • स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम: 30,000
  • क्रेडिट गारंटी स्कीम: 45,000
  • लिक्विडिटी इंजेक्शन: 90,000
  • टीसीएस/टीडीएस रेट में रिडक्शन: 50,000
  • मजदूरों को मुफ्त अनाज: 3500
  • मुद्रा शिशु लोन: 1500
  • स्ट्रीट वेंडर्स के लिए स्पेशल क्रेडिट फैसिलिटी: 1500
  • हाउसिंग: 70,000
  • नबार्ड के लिए वर्किंग कैपिटल: 30,000
  • किसान क्रेडिट कार्ड स्पेशल क्रेडिट: 2,00,000
  • फ़ूड माइक्रो एंटरप्राइज: 10,000
  • प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना: 20,000
  • ऑपरेशन ग्रीन्स: 500
  • एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड: 1,00,000
  • एनिमल हसबेंडरी: 15,000
  • हर्बल कल्टीवेशन: 4000
  • मधुमक्खी पालन: 500
  • विजबिलिटी गैप फंडिंग: 8100
  • MNREGS अतिरिक्त: 40,000

इस तरह से कुल रकम 20,97,053 करोड़ रुपए बैठती है। निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि सरकार कई क्षेत्रों में अपना एकाधिकार ख़त्म कर निजी खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्द्धा के माहौल को बढ़ावा देगी। इसी तरह के निर्णय कोयला क्षेत्र में लिए गए हैं, जहाँ देश अब पहले से कहीं अधिक दोहन करेगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सभी अस्पतालों को पहले से कहीं अधिक मुस्तैद बनाया जाएगा। शिक्षा के लिए भी डिजिटल टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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