उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के अस्थायी राम मंदिर की पूजा और व्यवस्था के लिए दिए जाने वाले फंड में इजाफा किया है। रामलला, उनके मुख्य पुजारी और आठ कर्मचारियों के मासिक पगार में वृद्धि की गई है।
अयोध्या के डिविज़नल कमिश्नर मनोज मिश्रा ने बताया कि रामलला मंदिर के मासिक वेतन को 26,200 रुपए से बढ़ाकर 30,000 रुपए कर दिया गया है। डिविज़नल कमिश्नर होने के नाते मनोज मिश्रा अस्थायी मंदिर के रिसीवर भी हैं। उनके मुताबिक, मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास को अब 13,000 रुपए मिलेंगे।
इसके साथ ही मंदिर के 8 सदस्यों (जिनके वेतन 7500 रुपए से 10,000 के बीच हैं) के मासिक वेतन में 500 रुपए का इजाफा किया गया है। साथ ही योगी सरकार ने भोग (प्रसाद) के लिए 800 रुपए प्रति माह बढ़ाया है। जानकारी के मुताबिक, सत्येंद्र दास को 2017 से मासिक वेतन के रुप में 8,480 रुपए मिल रहे थे। इन्होंने 1992 में 150 रुपए मासिक वेतन के साथ शुरुआत की थी।
सत्येंद्र दास ने इस बढ़ोतरी पर खुशी जाहिर करते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि वो सरकार द्वारा की गई इस बढ़ोतरी से काफी खुश हैं। उन्होंने बताया कि इसी साल जुलाई में उन्होंने वेतन बढ़ाने की अपील की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है। उनका कहना है कि 1992 के बाद ये सबसे बड़ी वृद्धि है।
वहीं, मनोज मिश्रा ने कहा कि इस कदम को उच्चतम न्यायालय में चल रहे राम जन्मभूमि मामले में सुनवाई से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उनका कहना है कि राम जन्मभूमि मामले में वर्तमान परिस्थिति के साथ बिना छेड़छाड़ किए बिना जो किया जा सकता था, वही किया गया है।