Monday, May 29, 2023
Homeविविध विषयअन्यरामायण और महाभारत दो युग की कहानियाँ, पर जन्म से लेकर युद्ध तक कई...

रामायण और महाभारत दो युग की कहानियाँ, पर जन्म से लेकर युद्ध तक कई गाथा एक सी

नायकों की बात करें तो रामायण और महाभारत के नायक भी द‌िव्य पुरुष थे। महाभारत और रामायण की कथा के अनुसार राम और पांडव भी अयोन‌िज थे। जहाँ भगवान राम का जन्म पुत्रकामेष्ठि यज्ञ से हुआ था तो महाभारत के नायक पांडव देवताओं के वरदान स्वरूप जन्मे थे।

रामायण और महाभारत का महाकाव्य हम सभी भारतीयों के जीवन के साथ-साथ नैतिक विचारों और धार्मिक मान्यताओं को भी प्रभावित करते हैं। दो अलग-अलग युग की गाथाएँ होने के बावजूद दोनों में कई समानताएँ हैं। यह जान आपको आश्चर्य तो नहीं हुआ होगा। बहुत सारी चीजें आपको पहले से ही ज्ञात है। लेकिन शायद ही आपने दोनों महाकाव्यों की तुलना की हो।

सबसे पहले हम बात करते हैं रामायण और महाभारत की नाय‌िकाओं देवी सीता और देवी द्रौपदी की। इन दोनों के बीच सबसे बड़ी समानता ये है क‌ि दोनों ही अयोन‌िजा हैं। यानी दोनों ने ही माँ के गर्भ से जन्म नहीं ल‌िया है। देवी सीता भूम‌ि से प्रकट हुई हैं जिनको भूसुता भी कहते हैं, तो द्रौपदी अग्न‌ि से उत्पन्न हुई हैं और इनको अग्निसुता कहा जाता है। अगर नायकों की बात करें तो रामायण और महाभारत के नायक भी द‌िव्य पुरुष थे। महाभारत और रामायण की कथा के अनुसार राम और पांडव भी अयोन‌िज थे। जहाँ भगवान राम का जन्म पुत्रकामेष्ठि यज्ञ से हुआ था तो महाभारत के नायक पांडव देवताओं के वरदान स्वरूप जन्मे थे।

थोड़ा और आगे बढ़ते हैं तो नायकों के व‌िवाह में भी समानता दिखाई देती है। स्वयंवर तो हुआ ही था और साथ ही धनुष का वर्णन भी आपको दोनों विवाह में दिखेगा। रामायण में भगवान राम ने सीता से व‌िवाह के ल‌िए धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई थी, तो महाभारत में नायक अर्जुन ने द्रौपदी से व‌िवाह करने के ‌ल‌िए धनुष-बाण से मछली की आँख को भेदा था। पवन पुत्र का संदर्भ आपको दोनों महाकाव्यों में मिलेगा। रामायण में वे हनुमान कहलाते हैं और महाभारत में भीम। ये तो आपको ज्ञात ही है कि हनुमान और भीम दोनों ही गदा युद्ध में कुशल थे।

स्वयंवर के समय राम ऋष‌ियों की सहायता के ल‌िए वन में थे तो पांडव भी लाक्षागृह से बच न‌िकलने के बाद वन में भटक रहे थे। भगवान श्री राम को चौदह साल का वनवास म‌िला था तो महाभारत के नायक पांडवों को द्युत क्रीड़ा में हारने के बाद तेरह वर्ष का वनवास और एक वर्ष का अज्ञातवास म‌िला था। इस तरह दोनों नायकों को कुल चौदह साल तक घर से न‌िकलकर वनों में भटकना पड़ा था। रामायण में चौदह वर्ष के वनवास के दौरान सीता का हरण हो जाता है तो महाभारत में भी नाय‌िका द्रौपदी का वनवास के समय अपहरण हो जाता है। भाइयों से स्नेहपूर्ण संबंध की गाथा दोनों महाकाव्यों में है। माँ अलग-अलग होने पर भी राम का अपने भाइयों से बहुत स्नेह था। पांडवों की भी दो माँ थीं, लेकिन आपस में बेहद स्नेह था।

रामायण में युद्ध की शुरुआत देवी सीता का अपहरण करने के अपराध में खलनायक रावण के व‌िरुद्ध की गई तो महाभारत में पांडवों ने द्रौपदी के अपमान का बदला लेने के ल‌िए प्रत‌िज्ञा ली और इसी कारण युद्ध लड़ा गया। रामायण में मंथरा और महाभारत में शकुनि दोनों वे कारण थे जिनके कारण परिवार में मतभेद हुए जो युद्ध का कारण बने। राम की सुग्रीव से तो पांडवों की मत्स्यनरेश विराट से मित्रता होने में भी रामायण और महाभारत में आप समानता देख सकते हैं।

समानताओं में साथ-साथ रामायण और महाभारत में कुछ असमानताएं भी हैं पर वो कहानी किसी और दिन…

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

MANISH SHRIVASTAVA
MANISH SHRIVASTAVAhttps://www.neelkanthdiaries.in/
लिखता रहता हूँ

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कॉलेज में मुस्लिम दोस्तों के कारण अपना लिया इस्लाम, आतंकी से निकाह: हुदा की कहानी ‘The Kerala Story’ जैसी, अब कहती है – विज्ञान...

हुदा ने दावा किया कि पर्दा करने वाली उसकी मुस्लिम सहेलियों को देख कर उसके मन में ख्याल आया कि उनसे कोई छेड़खानी नहीं करता। फिर उसने इस्लामी मुबल्लिगों को सुनना शुरू किया।

बारिश ने किरकिरा कर दिया मजा, अब क्या होगा IPL फाइनल का? यहाँ जान लीजिए सारे नियम-कानून, गुजरात की हो सकती है बल्ले-बल्ले

अगर टॉस हो जाता है और रविवार (28 मई, 2023) को एक गेंद भी फेंक दिया जाता है तो सोमवार को मैच फिर वहीं से शुरू होगा जहाँ आज खत्म हुआ था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
258,727FollowersFollow
415,000SubscribersSubscribe