Monday, December 23, 2024
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नया साल 2022: सतर्क रहें, स्वस्थ रहें… हर कदम पर जंग है, हमें जीतनी सब है

आप हैं तो हम हैं। आप स्वस्थ रहें, यही हमारी कामना है। आपको-हमको एक साथ चलना है, आगे बढ़ना है। अभी तक के आपके स्नेह के लिए हम आभारी हैं। नए साल 2022 में आप और आपके चाहने वाले तरक्की करें… इसी शुभकामना के साथ, नव वर्ष की बधाई!

“मर कर किसी ने लड़ाई नहीं जीती। लड़ाई जीती जाती है दुश्मन को खतम करके।”

यह एक फिल्मी डायलॉग है। सन्नी देओल ने कही थी। फिल्म का नाम है बॉर्डर। डायलॉग भैरो सिंह (किरदार निभाया था सुनील शेट्टी ने) के लिए था। निशाने पर थे पाकिस्तानी हमलावर फौजी।

फिल्म की बात हो गई। अब काम की बात। 2021 के बुरे वक्त को हम सब ने देखा है, झेला है। इन सब के बीच विदेशी वैक्सीन की लॉबी से लेकर सत्ता-लोलुप नेताओं और मीडिया की प्रोपेगेंडा रिपोर्टिंग तक से हम उबर कर यहाँ पहुँचे हैं।

सुख-दुख में एकसाथ खड़े होकर, बाधाओं को पार हमारे इसी समाज ने किया है। इसी दौरान दुनिया ने हमारी जिजीविषा भी देखी, वैज्ञानिक अनुसंधान-शोध भी। संकट की घड़ी में मित्र राष्ट्रों की सहायता कर हमने पूरी दुनिया को वसुधैव कुटुम्बकम का परिचय भी कराया। फिर अब चूक क्यों, लापरवाही किसके लिए?

ओमिक्रॉन को हराना हो उद्देश्य

भारत के इस समग्र परिश्रम को यूँ ही जाने मत दीजिए। यह किसी एक नेता/पार्टी/धर्म/सरकार/समाज/समुदाय आदि-इत्यादि की बात नहीं है। यह बात हमारे-आपके राष्ट्र की है, इसके सुरक्षा की है। संसाधनों की है, हमारे अपने जानने-पहचानने वालों के हितों की है। ओमिक्रॉन पैर पसार रहा है। सरकार या स्वास्थ्य विभाग या किसी एजेंसी से पहले नागरिक के तौर पर अपने कर्तव्यों का पालन हमें खुद करना होगा, करना चाहिए।

साल 2022 आ चुका है। नव वर्ष की आप सभी को शुभकामनाएँ! ध्यान बस ये रहे कि सावधानी बरतनी है। हमेशा सतर्क रहना है। मत भले किसी भी राजनैतिक पार्टी के साथ हो, सरकार या स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का बेझिझक पालन करें। यह न सिर्फ आपके लिए, बल्कि आपके चाहने वालों के लिए भी बेहद जरूरी है।

नया साल 2022: पढ़ना है, लड़ना है

रवीश कुमार कहते हैं कि पढ़िए। वैचारिक मतभेद अपनी जगह लेकिन बात में दम तो है। इसलिए पढ़िए। पढ़िए और पढ़ कर उनके फैलाए प्रोपेगेंडा को काटिए। सिर्फ उनका ही क्यों? हर उस प्रोपेगेंडा को काटिए, जो हिंदू हितों पर चोट करते हैं। वामपंथी मीडिया के फैलाए सड़ांध को आप लफ्फाजी से नहीं काट सकते, इसलिए पढ़िए।

पढ़िए उन चीजों को भी, जो आपके धर्म से जुड़ी हो, राष्ट्र से जुड़ी हो, समाज से जुड़ी हो। कुछ नहीं तो सिनेमा को ही पढ़िए। समझिए कि कैसे हिंदू-घृणा से सनी मानसिकता का शिकार है अपना बॉलीवुड। उस इतिहास को भी पढ़िए, जिसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता रहा है। क्योंकि वही इतिहास गवाह रहा है उन जंगों का, जो जीती जाती है पुरुषार्थ से। और वही इतिहास यह भी बतलाता है कि मानसिक/राजनैतिक जंग आप अनपढ़ होकर नहीं जीत सकते। समय-काल-परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल कर, विरोधी के पैंतरों को पहचानने की क्षमता विकसित कर, ईंट का जवाब पत्थर से देकर जीती जाती है ऐसी जंगें।

स्वस्थ रहिए, बुलंद रहिए

निश्चित ही यह संकट काल है। जिन्हें आभास नहीं, कृपया चेत जाएँ। ओमिक्रॉन को हल्के में न लें। हाँ यह निहायत जरूरी है कि तनाव मुक्त रहें। शारीरिक गतिविधि करते रहें। व्यायाम या योग जो भी मन को भावे, वो करें।

स्वस्थ शरीर में ही बुलंद मस्तिष्क का निर्माण होगा। विचारों का तेज वहीं से निकलेगा। कराहते शरीर से राष्ट्र का निर्माण या धर्म का प्रचार-प्रसार संभव नहीं, यह याद रखें। भावनाओं के आवेग में आकर भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने का मन हो तो ऐसे मानसिक भावों से बचें। कोरोना अभी गया नहीं है। ओमिक्रॉन के रूप में यह इंग्लैंड, अमेरिका, यूरोप में तेजी से फैल रहा है। भारत को इससे दूर रखने में जितना सार्थक सहयोग कर सकते हैं, कृपया कीजिए।

2021 के लिए धन्यवाद, 2022 की शुभकामनाएँ

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चंदन कुमार
चंदन कुमारhttps://hindi.opindia.com/
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