Wednesday, April 24, 2024
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हिंदुत्व कहता है कि सीता को क़ैद करने के लिए बनी थी लक्ष्मण रेखा: देवदत्त ‘नालायक’ ने मारी पलटी

देवदत्त पटनायक ने उस ट्वीट में कहा था कि ट्रोल ऐसा मानते हैं कि लक्ष्मण रेखा 10,000 वर्षों से भी ज्यादा पुराना सत्य है जबकि इतिहास कहता है कि लक्ष्मण रेखा का वर्णन वाल्मीकि रामायण में कहीं भी नहीं है।

फ़र्ज़ी माइथोलॉजी एक्सपर्ट देवदत्त पटनायक ख़ुद को वेदों और पुराणों का ज्ञानी बताते हैं लेकिन सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पकड़े जा रहे झूठ से उनकी पोल खुल रही है। अब देवदत्त पटनायक ने रामायण में वर्णित लक्ष्मण रेखा को लेकर विवादित बात कही है। हालाँकि, वे लक्ष्मण रेखा के मामले में ख़ुद कन्फ्यूज नज़र आ रहे हैं और अपने ही बयान से पलट रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर हिंदुत्व और हिंदुइज्म को लेकर अपनी राय रखी।

पटनायक ने कहा कि हिंदुत्व यह मानता है कि सीता को क़ैद में रखने के लिए लक्ष्मण रेखा बनाई गई थी जबकि हिंदुइज्म कहता है कि रावण को रोकने के लिए लक्ष्मण रेखा बनाई गई थी। देवदत्त पटनायक ने ऐसा ट्वीट करते समय हिंदुत्व पर निशाना साधा। इसके बाद लोगों ने उन्हें उनका ही एक पुनारा ट्वीट याद दिला दिया, जिसमें उन्होंने लक्ष्मण रेखा से जुड़ी कहानी को ही काल्पनिक करार दिया था।

देवदत्त पटनायक ने उस ट्वीट में कहा था कि ट्रोल ऐसा मानते हैं कि लक्ष्मण रेखा 10,000 वर्षों से भी ज्यादा पुराना सत्य है जबकि इतिहास कहता है कि लक्ष्मण रेखा का वर्णन वाल्मीकि रामायण में कहीं भी नहीं है। उन्होंने लक्ष्मण रेखा को एक ‘साहित्यिक उपकरण’ करार देते हुए कहा था कि इसका वर्णन 500 वर्ष पूर्व बंगाली रामायण में मिलता है। देवदत्त पटनायक एक तरफ़ कहते हैं कि लक्ष्मण रेखा रामायण में कहीं है ही नहीं, वहीं दूसरी तरफ हिंदुइज्म का हवाला देते हुए कहते हैं कि लक्ष्मण रेखा रावण को रोकने के लिए बनाया गया था।

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देवदत्त पटनायक को सोशल मीडिया पर लोग ‘देवदत्त नालायक’ और ‘देवदत्त खलनायक’ जैसे विशेषणों से भी नवाज़ चुके हैं। उन्होंने एक व्यक्ति की माँ को लेकर अपशब्द कहे थे। एक अन्य ट्विटर यूजर को उन्होंने कहा था कि उसके पूर्वज नरक में रो रहे हैं। इसके बाद उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा था कि वेदों में शिव का जिक्र कहीं भी नहीं है। लोगों ने उन्हें वेदों की ऋचाएँ याद दिलाई, जिसमें शिव जी का जिक्र है। वह महाभारत के प्रसंगों को भी तोड़-मरोड़ कर पेश कर चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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