भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) में चल रही उठा-पठक के चलते एक बार फिर WFI की देखरेख और संचालन का जिम्मा एडहॉक कमेटी के हवाले हो गया है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOC) ने WFI के लिए बुधवार (27 दिसंबर, 2023) को तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई है।
कमेटी में भूपेन्द्र सिंह बाजवा को अध्यक्ष, MM सोमाया को सदस्य और मंजूषा कँवर को एक अन्य सदस्य नियुक्त किया गया है। दरअसल, WFI की नई संस्था के निलंबन के बाद केंद्रीय खेल मंत्रालय के निर्देश पर ये एडहॉक कमेटी बनाई। अब ये कमेटी ही WFI के विभिन्न कामों और गतिविधियों की देखेगी।
इन कामों में खिलाड़ियों का चुनाव, अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए खिलाड़ियों के नाम भेजना, खेल स्पर्धाओं का आयोजन, निगरानी और बैंक खातों का प्रबंधन शामिल है। खेल मंत्रालय ने रविवार (24 दिसंबर, 2023) को संजय सिंह की अध्यक्षता में बने WFI के नवनिर्वाचित बोर्ड को सख्त लहजे में चेताया था।
Indian Olympic Association forms ad hoc committee to supervise WFI's operations, which include athlete selection, submitting entries for athletes to participate in international events, organizing sports activities, handling bank accounts, managing the website, and other related… pic.twitter.com/GUFnRDHFj2
— ANI (@ANI) December 27, 2023
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कहा था कि संस्था अभी भी ऐसे पूर्व पदाधिकारियों के प्रभाव में थी, जिन्हें यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद निलंबित कर दिया गया था। दरअसल, बृजभूषण शरण सिंह को WFI के अध्यक्ष पद से बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट जैसे खिलाड़ियों के पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के बाद इस्तीफा देना पड़ा था।
WFI में साल 2023 की शुरुआत से ही जारी है। इसके केंद्र में भी बृजभूषण शरण सिंह ही रहे थे। इन एथलीटों ने बृज भूषण सिंह के प्रशासन के तहत लगातार उत्पीड़न और धमकी की कई चौंकाने वाली घटनाओं का खुलासा किया था। इन खुलासों के बाद IOC और खेल मंत्रालय ने इस मामले में दखल देते हुए उस वक्त मौजूद WFI बोर्ड को निलंबित कर दिया।
इसके बाद कई महीनों तक WFI नए अध्यक्ष की बाट जोहता रहा। फिर फिर 21 दिसंबर, 2023 को WFI अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनावों में संजय सिंह ने बाजी मारी। इस चुनाव में पड़े कुल 47 में से 40 वोट उन्हें पड़े और वो WFI अध्यक्ष बन गए। संजय सिंह को WFI के नए अध्यक्ष बनने के बाद भारतीय पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि जिसे WFI का अध्यक्ष बनाया गया है वो बृजभूषण के लिए बेटे से भी प्यारा है। वहीं बजरंग पूनिया ने कहा कि संजय सिंह को अध्यक्ष बनाने का जो फैसला हुआ है उससे लड़कियों को इंसाफ नहीं मिलेगा। एथलीटों के मुताबिक, संजय न केवल बृजभूषण के बिजनेस पार्टनर थे बल्कि उनके करीबी विश्वासपात्र भी थे। इससे मामला और गर्मा गया।
संजय की नियुक्ति के बाद विरोध में बजरंग पुनिया ने नई दिल्ली में कर्तव्य पथ के फुटपाथ पर अपना पद्मश्री पुरस्कार छोड़ दिया और विनेश फोगट ने अपने खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कारों को लौटाने की कसम खाई। इसका नतीजा ये हुआ कि नवनिर्वाचित WFI के गोंडा में अंडर-21 और अंडर-15 जूनियर लेवल रेसलिंग चैंपियनशिप आयोजित करने के फैसले पर 24 दिसंबर, 2023 को युवा और खेल मामलों के मंत्रालय ने रोक लगा दी।
मंत्रालय ने कहा है कि नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने कुश्ती के जूनियर खिलाड़ियों की राष्ट्रीय प्रतियोगिता का ऐलान करते वक्त निर्धारित नियम कानूनों को दरकिनार किया। इसे लेकर कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव हुआ और नए अध्यक्ष संजय सिंह उनके रिश्तेदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वो क्षत्रिय समाज से आते हैं, जबकि संजय सिंह भूमिहार बिरादरी से हैं।
बृज भूषण शरण सिंह ये तक कहा कि उन्होंने कुश्ती से संन्यास ले लिया है, और रेसलिंग अब उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी रेसलिंग से उनका अच्छा या बुरा कोई जुड़ाव नहीं रहेगा, लेकिन 12 वर्ष उन्होंने काम किया। बीजेपी नेता ने कहा था कि अब वो इस विवाद से हट गए हैं और नई फेडरेशन भी बन गई है।