Tuesday, April 30, 2024
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सड़क छाप आशिक ने एसिड फेंका… 3 साल में 53 सर्जरी से भी बात नहीं बनी: कंगना ने बताया कैसे योग बना रंगोली का सहारा

"उस वक्त मुश्किल मैं 19 साल की थी, मैं अपने टीचर सूर्य नारायण के साथ योग करती थी और मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि यह जलने और मनोवैज्ञानिक आघात वाले रोगियों को भी रेटिना ट्रांसप्लांट रिकवरी और खोई हुई दृष्टि पाने में मदद कर सकता है।”

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21जून) पर अपने परिवार की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए उनसे जुड़े योग के अनुभव बताए। उन्होंने माता-पिता, भाई-भाभी और बहन रंगोली चंदेल की स्टोरी इंस्टाग्राम पर शेयर की। बहन की स्टोरी साझा करते हुए कंगना ने बताया कि कैसे रंगोली के जीवन में एसिड अटैक के बाद अँधेरा छा गया था और वह योग ही था जिसने उनके लिए एक थेरेपी की तरह काम किया।

कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “रंगोली की योग स्टोरी सबसे ज्यादा प्रेरणा देने वाली है, एक सड़क छाप आशिक ने रंगोली पर एसिड फेंका था, जब वो मुश्किल से 21 साल की थीं। उसे थर्ड डिग्री बर्न हुआ, उसका करीब आधा चेहरा झुलस गया था, एक आँख की रोशनी चली गई थी, एक कान पिघल गया था और ब्रेस्ट भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए थे। रंगोली की 2-3 साल में करीब 53 सर्जरी हुईं, लेकिन वो भी काफी नहीं थीं।”

एक्ट्रेस लिखती हैं,

“मुझे सबसे ज्यादा चिंता उनके मानसिक स्वास्थ्य की थी, क्योंकि उन्होंने बोलना छोड़ दिया था। हाँ, चाहें कुछ भी होता वो एक शब्द नहीं बोलती थीं, बस चीजों को एक टक लगाकर देखती रहती थीं। उस समय रंगोली एक एयरफोर्स ऑफिसर के साथ इंगेज्ड थीं, लेकिन जब उसने एसिड अटैक के बाद रंगोली का चेहरा देखा तो कभी लौटकर उसके पास वापस नहीं आया। लेकिन तब भी रंगोली की आँख में एक आँसू तक नहीं था और न ही उसने एक शब्द कहा था। मुझे डॉक्टर्स ने कहा था कि रंगोली शॉक में है, जिसके बाद उसे थैरेपी दी गईं, साइकेट्रिस्ट की मदद ली गई, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया, कोई मदद नहीं मिली। उस वक्त मुश्किल मैं 19 साल की थी, मैं अपने टीचर सूर्य नारायण के साथ योग करती थी और मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि यह जलने और मनोवैज्ञानिक आघात वाले रोगियों को भी रेटिना ट्रांसप्लांट रिकवरी और खोई हुई दृष्टि पाने में मदद कर सकता है।”

कंगना लिखती हैं कि जिस समय रंगोली के साथ यह घटना हुई, उस समय वह बस चाहती थीं कि रंगोली उनसे बात करे। इसलिए वो जहाँ भी जातीं, वहाँ रंगोली को अपने साथ ले जातीं। कंगना लिखती हैं, “यहाँ तक की योग क्लास के लिए भी मैं उन्हें ले जाती, उन्होंने मेरे साथ योग करना शुरू किया और मैंने उनमें एक कमाल का ट्रांसफॉर्मेशन देखा। न सिर्फ वो अपने दर्द और मेरे बुरे जोक्स पर रिएक्ट करने लगीं, बल्कि उनकी एक आँख की रोशनी भी वापस आने लगी। योग हर सवाल का जवाब है, क्या आपने अब तक उसे मौका दिया?”

बता दें कि अपने ऊपर हुए एसिड अटैक को लेकर रंगोली भी सोशल मीडिया पर ट्वीट कर चुकी हैं। 2019 में किए गए एक ट्वीट में उन्होंने बताया था कि कैसे एक आँख और स्तन को नुकसान होने के बाद उन्हें परेशानियाँ झेलनी पड़ीं।  उन्होंने कहा था, “अब भी मैं अपनी गर्दन को नहीं खींच पा रही हूँ, कभी-कभी त्वचा में खुजली इतनी भयंकर होती है कि ऐसा लगता है जैसे मैं मर गई हूँ… भारत में चौंकाने वाले एसिड अटैक सर्वाइवर्स की संख्या बहुत अधिक है, अपराधी कुछ ही हफ़्तों में ज़मानत पर बाहर आ गए, उन्हें इस तरह आज़ाद घूमते देखना बहुत पीड़ादायक होता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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