सुर-साम्राज्ञी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का 92 साल की उम्र में रविवार (6 फरवरी 2022) को निधन हो गया। अपनी सुरीली आवाज से दुनिया भर में अपनी पहचान बनाने वाली गायिका ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम साँस ली।
‘भारत रत्न’ से सम्मानित दिग्गज गायिका लता मंगेशकर को 8 जनवरी 2022 को कोरोना संक्रमित पाए जाने पर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें न्यूमोनिया हो गया था, जिससे उनकी हालत बिगड़ने लगी। इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनकी हालत में सुधार के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट भी हट गया था, लेकिन 5 फरवरी को उनकी स्थिति बिगड़ने लगी और उन्हें फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। आखिरकार, 6 फरवरी को ‘स्वर कोकिला’ ने अंतिम साँस ली।
I am anguished beyond words. The kind and caring Lata Didi has left us. She leaves a void in our nation that cannot be filled. The coming generations will remember her as a stalwart of Indian culture, whose melodious voice had an unparalleled ability to mesmerise people. pic.twitter.com/MTQ6TK1mSO
— Narendra Modi (@narendramodi) February 6, 2022
I consider it my honour that I have always received immense affection from Lata Didi. My interactions with her will remain unforgettable. I grieve with my fellow Indians on the passing away of Lata Didi. Spoke to her family and expressed condolences. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 6, 2022
I consider it my honour that I have always received immense affection from Lata Didi. My interactions with her will remain unforgettable. I grieve with my fellow Indians on the passing away of Lata Didi. Spoke to her family and expressed condolences. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 6, 2022
बता दें कि लता मंगेशकर ने बॉलीवुड में करीब सात दशक तक अपनी मधुर आवाज से लोगों के दिलों पर राज किया है। वह दुनियाभर में ‘भारत की नाइटिंगेल’ के नाम से मशहूर हैं।
लता मंगेशकर और उनका परिवार उन लोगों में से हैं, जिन्होंने कभी भी कॉन्ग्रेस और उसके वफादारों के बनाए गए सिस्टम के प्रोपेगेंडा पर भरोसा नहीं किया। उन्होंने पाया कि वीर सावरकर भारत की स्वतंत्रता के लिए समर्पित देशभक्त और प्रतिभाशाली व्यक्ति थे, जो कविता और लेखन का कार्य भी करते थे।
स्वर कोकिला लता मंगेशकर और उनका परिवार वीर सावरकर के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को लेकर हमेशा गौरवान्वित रहा है। हर साल सावरकर की जयंती और पुण्यतिथि पर (28 मई और 26 फरवरी) लता मंंगेशकर हिंदुत्व के इस विचारक को सार्वजनिक तौर पर श्रद्धांजलि देने और अंग्रेजों के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके अमूल्य योगदान को दोहराने से कभी नहीं कतराती थीं।