Saturday, July 27, 2024
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मंदिर का प्रसाद चाहिए तो AADHAAR कार्ड दिखाओ, MP के मंदसौर में जिला कलेक्टर का फरमान

मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग के प्रवक्ता ने मंदिर में भंडारे का लाभ उठाने के लिए किसी भी तरह के कार्ड की अनिवार्यता या आवश्यकता को नकार दिया है।

मध्य प्रदेश के मंदसौर स्थित चर्चित पशुपतिनाथ मंदिर में भंडारे के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। प्रशासन ने ऐसा स्थानीय लोगों को भंडारे से दूर रखने के लिए किया है। इस तरह भंडारे के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने वाला यह देश का पहला मंदिर बन गया है।

दरअसल, मंदिर की प्रबंध समिति ने कलेक्टर मनोज पुष्प के आदेश पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 1 अगस्त 2019 से नियमित भंडारे की व्यवस्था की थी। जानकारी के मुताबिक, 1500 साल पुरानी अष्टमुखी प्रतिमा के दर्शन के लिए सामान्य दिनों में रोजाना देशभर से औसतन 300 से 500 लोग पहुँचते हैं और पूरे सावन महीने में 1 लाख से अधिक श्रद्धालु यहाँ आते हैं। इन श्रद्धालुओं को ध्यान में रखकर भंडारे की व्यवस्था की गई थी, लेकिन बाहर से आए श्रद्धालुओं को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा था।

मंदिर समिति के प्रबंधक राहुल रुनवाल का कहना है कि भंडारे में 300 लोगों के लिए बना भोजन रोज डेढ़ घंटे में ही खत्म होने लगा। जब मंदिर समिति ने पड़ताल की तो पता चला कि आसपास के स्थानीय लोग ही भोजन चट कर जाते हैं। कुछ लोगों ने तो अपने घरों में खाना ही बनाना बंद कर दिया है। इसके बाद मंदसौर के जिलाधिकारी मनोज पुष्प के आदेश पर भंडारा (प्रसाद) का आनंद लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया।

यह व्यवस्था लागू होने के बाद मंदिर में भोजन करने वाले लोगों की संख्या आधी रह गई है। कलेक्टर मनोज पुष्प ने बताया कि फ्री भोजन व्यवस्था बाहरी श्रद्धालुओं के लिए है। इसका लाभ स्थानीय लोग लेने लगे थे। इससे व्यवस्था बिगड़ रही थी। उन्होंने बताया कि अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है तो वो अपने साथी का आधार कार्ड भी दिखा सकता है। साथ ही जिलाधिकारी का कहना है कि आस-पास के लोग मंदिर के भंडारा का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन उनकी वजह से मंदिर में भीड़ हो जाती है और दूर से आए श्रद्धालु इस सेवा का लाभ नहीं उठा पाते हैं। इसलिए आधार कार्ड का प्रवाधान लाया गया है। 

हालाँकि, मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग के प्रवक्ता ने मंदिर में भंडारे का लाभ उठाने के लिए किसी भी तरह के कार्ड की अनिवार्यता या आवश्यकता को नकार दिया है। उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले तीर्थयात्री और श्रद्धालुओं को नि:शुल्क भोजन कराने की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक दिन श्रद्धालुओं की उपस्थिति को देखते हुए भोजन का प्रबंध किया जाता है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को सुबह 11 बजे से 2 बजे के बीच और शाम को 6 बजे से 9 बजे तक भोजन कराया जाता है।   

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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