फेसबुक और इसके मालिकाना हक़ वाली फोटो एवं वीडियो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम (Instagram) ने कोरोना वैक्सीन को लेकर PIB के एक फैक्ट-चेक को हटा दिया, लेकिन कुछ देर बाद गलती होने की बात कहते हुए इसे फिर से रीस्टोर कर दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स द्वारा भारतीय नियम-कानूनों की अनदेखी के हाल में कई मामले सामने आए हैं। व्हाट्सएप्प जहाँ केंद्र के खिलाफ कोर्ट पहुँच गया, Twitter ने नए IT नियमों को मानने से इनकार कर दिया था।
बताया जा रहा है कि ताज़ा मामले में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद Instagram और फेसबुक ने फिर से PIB के उस फैक्ट-चेक को दोबारा प्रकाशित किया। उक्त फैक्ट-चेक में PIB ने ‘कोरोना वैक्सीन से मौत’ के आँकड़ों की जाँच की थी। फेसबुक के प्रवक्ता ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि गलती से इस कंटेंट को ब्लॉक कर दिया गया था, लेकिन अब इसे वापस प्रकाशित कर दिया गया है। ये पोस्ट मई 25, 2021 को सोशल मीडिया पर डाली गई थी।
इसके बाद बिना किसी स्पष्टीकरण के फेसबुक ने चेतावनी जारी करते हुए PIB पर झूठी ख़बरें प्रकाशित करने का आरोप मढ़ दिया और कहा कि उसके पेज को हटाया भी जा सकता है। इसके बाद PIB ने केंद्रीय आईटी मंत्रालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने फेसबुक और इंस्टाग्राम से संपर्क कर के दोबारा इस कंटेंट को पब्लिश कराया। इन सोशल प्लेटफॉर्म्स ने कैसे फैक्ट-चेकर्स नियुक्त कर रखे हैं, सरकार जल्द ही इसकी जानकारी तलब कर सकती है।
क्या था PIB के उस वैक्सीन फैक्ट-चेक में, जिसे इंस्टाग्राम-फेसबुक ने हटाया
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में लिखा था कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद अगले 2 सालों में ही लोगों की मौत हो जाएगी। फ़्रांसिसी नोबेल पुरस्कार के विजेता लुक मोन्टैग्नीर के हवाले से उनकी तस्वीर के साथ ये बयान चलाया जा रहा था कि किसी ने कोरोना की कोई भी वैक्सीन ली हो, उसके बचने की कोई संभावना नहीं है। इसमें ये भी लिखा था कि हमें बड़े पैमाने पर लोगों के अंतिम संस्कार के लिए तैयार रहना चाहिए।
#ExpressFrontPage | A Facebook spokesperson confirmed to The Indian Express that the platform had “temporarily blocked the content by mistake” but later restored it.https://t.co/wlHI2fNOJB
— The Indian Express (@IndianExpress) June 5, 2021
PIB ने बताया था कि ये खबर भी बिलकुल फर्जी है और उन्होंने इस तरह का कोई बयान ही नहीं दिया है। इसी तरह जापान के नोबेल विजेता तासुकु होंजो के हवाले से भी उसकी तस्वीर लगा कर इसी तरह के बयान चलाए जा रहे हैं। इसमें लिखा है कि होंजो ने वुहान के लैब में काम किया है, जबकि ये भी झूठ है। वैज्ञानिकों ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। ‘कोरोना वैक्सीन लेने से महिलाओं एवं पुरुषों में संतानहीनता (Infertility) की समस्या आ सकती है’ – ये दावा भी फर्जी है।