योगी सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश निवेश का नया हब बन रहा है। तकनीकी कंपनियाँ भी इसे अपनी पहली पसंद बना रही हैं। विश्व की दिग्गज आईटी कंपनियों में गिनी जाने वाली सैमसंग ने भी उत्तर प्रदेश में मोबाइल डिस्प्ले उत्पादों के निर्माण का निर्णय लिया है। सैमसंग ने अपनी OLED डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को चीन से हटा कर यूपी के नोएडा में स्थापित करने का फैसला किया है। इससे प्रदेश में कुल 4825 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
सबसे बड़ी बात तो ये है कि इस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के साथ ही भारत अब OLED तकनीक से निर्मित होने वाले मोबाइल डिस्प्ले उत्पादों का निर्माण करने वाले दुनिया का तीसरा देश होगा। यूपी के निवेश मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि योगी कैबिनेट की बैठक में 4825 करोड़ रुपए की लागत वाले सैमसंग डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को शुक्रवार (दिसंबर 11, 2020) को मँजूरी दे दी गई।
उन्होंने कहा, “यह इलेक्ट्रॉनिक निवेश चीन से भारत पुनर्स्थापित किया जा रहा है। यह भारत का सबसे बड़ा ऐसा प्लांट होगा। भारत दुनिया का तीसरा राष्ट्र होगा, जहाँ OLED मोबाइल डिस्प्ले का प्लांट लगेगा।” उन्होंने आगे बताया कि भारी-भरकम निवेश और औद्योगिक विकास को देखते हुए योगी सरकार ने सैमसंग के इस प्रोजेक्ट को विशेष प्रोत्साहन देने का फैसला किया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी आईटी कंपनियों को प्रोत्साहन देने के मामले में गंभीर है।
योगी सरकार ने कहा कि पीएम मोदी की इसी सोच को यूपी में भी अमल में लाया जा रहा है। भारत के अलावा सैमसंग सिर्फ वियतनाम, चीन और दक्षिण कोरिया में ही मोबाइल डिस्प्ले का निर्माण करती है। अब यूपी के नोएडा में इसका निर्माण होगा। कैबिनेट के फैसले के अनुसार, ‘मेसर्स सैमसंग डिस्प्ले नोएडा प्राइवेट लिमिटेड को ‘उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति-2017’ के तहत पूँजी उपादान, भूमि हस्तान्तरण पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट की सुविधा दी गई है।
UP Cabinet cleared Samsung Display unit of Rs 4826 cr . Efforts of CM @myogiadityanath ji has resulted in attracting a major upstream project from China to Noida during pandemic. India will become third country to have OLED Mobile Display unit #investup @PMOIndia @NITIAayog pic.twitter.com/pdls0ypDPk
— Sidharth Nath Singh (@SidharthNSingh) December 11, 2020
‘लाइव हिंदुस्तान’ की खबर के अनुसार, चीन से विस्थापित होकर उत्तर प्रदेश आ रही इस परियोजना को पूँजी उपादान के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के हिसाब से स्थिर पूँजी निवेश में पुरानी मशीनों की लागत को भी अनुमति प्रदान की जाएगी। इस यूनिट से 1500 लोगों को सीधा रोजगार प्राप्त होगा। कंपनी को भारत सरकार की ‘स्कीम फॉर प्रोमोशन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेन्ट्स एण्ड सेमीकण्डक्टर्स’ का भी लाभ मिलेगा।
टीवी, मोबाइल फोन, टैबलेट और घड़ियों सहित आजकल के कई उपकरणों में डिस्प्ले का प्रयोग होता है और समय के साथ इसमें लगातार बदलाव हो रहा है। सैमसंग 70% से अधिक वियतनाम, चीन और दक्षिण कोरिया में ही निर्मित किया जाता है। वैसे भी 27 बिलियन डॉलर के साथ मेसर्स सैमसंग उत्तर प्रदेश के सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। अगले 5 वर्षों में वो कुल 50 बिलियन डॉलर (3.68 लाख करोड़ रुपए) का निवेश करने वाला है।
ज्ञात हो कि कोरोना काल में जब वैश्विक स्तर पर मंदी के बादल घने होते जा रहे थे, उस दौर में भी उत्तर प्रदेश बेहतर निवेश और कारोबार के केंद्र के रूप में उम्मीद की किरण बनकर उभरा। यह योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि है कि औद्योगिकीकरण की ओर कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश ने विदेशी कंपनियों को खास तौर पर आकर्षित किया है। सिर्फ कोरोना काल में ही 28 विदेशी कंपनियों ने लगभग 9000 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए करार किया है।