द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) देखने के बाद अनुपम खेर की माँ दुलारी ने कश्मीरी पंडितों का दर्द बयां करते हुए अपनी वीडियो में एक जगह जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला को लेकर कुछ बात कही हैं। उन्होंने बताया कि जब वो छोटी थीं तो अब्दुल्ला ने कहा था कि हिंदुओं से वो बर्तन मंजवाएँगे। अभिनेता की माँ ने इस बात को कश्मीरी पंडितों का दर्द बयां करते हुए बीच में बताया। उनके हाव-भाव जितने निश्छल थे बातें उतनी ही सच्ची थीं।
शेख अब्दुल्ला तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे। 1975 में दोनों के बीच एक समझौता हुआ था। उस समय राज्य विधानसभा में उनका एक भी विधायक नहीं था। लेकिन बावजूद इसके वो सीएम चुने गए। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला हिंदुओं से कितनी नफरत करते थे, ये बातें जगजाहिर हैं। उन्हें हिंदू ‘भारत सरकार के मुखबिर लगते थे।’ प्रदेश में इस्लामीकरण तो उनके राज में इतनी तेजी से हुआ था कि उनकी सरकार ने लगभग 2500 गाँवों के नाम (जो हिंदी या संस्कृत शब्दों से प्रेरित थे) बदलकर इस्लामी नामकरण की शुरुआत की थी। इसके अलावा अपनी आत्मकथा आतिश-ए-चिनार (Atish-e-Chinar) में उन्होंने कश्मीरी पंडितों को ‘मुखबिर’ के रूप में इंगित किया, इसी का अर्थ है ‘भारत सरकार के मुखबिर’।
हम कह सकते हैं कि इस्लामीकरण करके घाटी में जो कट्टरपंथ फैलाने की शुरुआत हुई थी उसी ने बाद में इस्लामियों को मजबूत किया और कश्मीरी पंडितों पर जुल्म ढाए। 1990 में जो कुछ भी वो किसी से छिपा नहीं है। 19 जून 1990 ही वह काला दिन था जब लाखों कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़नी पड़ी थी। उस दौरान कश्मीरी पंडितों से जुड़े 150 शैक्षिक संस्थानों को आग लगा दी गई थी। 103 मंदिरों, धर्मशालाओं और आश्रमों को तोड़ दिया गया था।
कश्मीरी पंडितों की हजारों दुकानों और फैक्ट्रियों को लूट लिया गया था। हजारों कश्मीरी पंडितों की खेती योग्य जमीन छीनकर उन्हें भगा दिया गया था। कश्मीरी पंडितों के घर जलाने की 20 हजार से ज्यादा घटनाएँ सामने आईं थी और 1100 से ज्यादा कश्मीरी पंडितों को बेहद निर्मम तरीके से मार डाला गया था। हालात इतने भयावह थे कि आज भी उस समय के बारे में सोचें तो रूह कांप जाए। साल 2019 में जब मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 को हटाने की घोषणा की थी तो ये लाखों कश्मीरी पंडितों के जख्मों पर एक मरहम जैसा था लेकिन शेख अब्दुल्ला के बेटे फारूख अब्दुल्ला ने तब एक बयान दिया था जिसने जाहिर किया था कि उन्हें गैर-कश्मीरियों से कितनी नफरत है।
#WATCH F Abdullah: Bahar se laenge, basaenge,hum sote rahenge?Hum iska muqabala karenge,370 ko kaise khatam karoge?Allah ki kasam kehta hun,Allah ko yahi manzoor hoga,hum inse azad ho jayen.Karen hum bhi dekhte hain.Dekhta hun phir kon inka jhanda khada karne ke liye taiyar hoga. pic.twitter.com/hrxoh9ECOY
— ANI (@ANI) April 8, 2019
उन्होंने कहा था, “वो समझते हैं कि बाहर से लाएँगे, बसाएँगे और हम सोते रहेंगे? हम इसका मुकाबला करेंगे। अनुच्छेद-370 को कैसे ख़त्म करोगे? अल्लाह की कसम खा कर कहता हूँ, अल्लाह को ये मंजूर नहीं होगा। हम इनसे आज़ाद हो जाएँ। करें, हम भी देखते हैं। देखता हूँ फिर कौन इनका झंडा खड़ा करने के लिए तैयार होगा।”