राष्ट्रपति द्रौपदी द्रौपदी मुर्मू ने 11 जनवरी 2024 को स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 प्रदान किए। स्वच्छ शहर, सबसे स्वच्छ छावनी, सफाई मित्र सुरक्षा, गंगा टाउन और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य की श्रेणियों में 13 पुरस्कार दिए गए। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) यह सालाना सर्वेक्षण करवाता है। इस सर्वेक्षण के अनुसार देश के 10 सबसे गंदे शहर एक ही राज्य में हैं। यह राज्य है तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) शासित पश्चिम बंगाल।
पश्चिम बंगाल का हावड़ा भारत का सबसे गंदा शहर है। सर्वेक्षण में पाया गया कि देश के ऐसे शहर जिनकी आबादी 1 लाख से अधिक है, उनमें 10 सबसे गंदे पश्चिम बंगाल से आते हैं। इस साल सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार में मध्य प्रदेश के इंदौर और गुजरात के सूरत को संयुक्त तौर पर मिला है।
सर्वेक्षण के अनुसार जो शहर देश में सबसे गंदे हैं उनमें हावड़ा के अलावा पश्चिम बंगाल के ही कल्याणी, मध्यग्राम, कृष्णानगर, आसनसोल, रिशरा, बिधाननगर, कांचरापाड़ा, कोलकाता और भाटपारा हैं। अगर कोलकता और भाटपारा को छोड़ दिया जाए तो पश्चिम बंगाल के बाकी आठ शहरों का स्वच्छता स्कोर 1000 से कम है। सर्वेक्षण के दौरान स्वच्छता और स्वच्छता आचरण के आधार पर शहरों का मूल्यांकन किया गया है।
सर्वेक्षण के दौरान 12 करोड़ से अधिक लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएँ दी। इतने विशल सैंपल साइज के कारण यह यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है। पश्चिम बंगाल के शहरों के अलावा, मेघालय की राजधानी शिलांग और बिहार का सीतामढी भी रैंकिंग में निचले पायदान पर हैं।
वहीं मध्य प्रदेश के इंदौर ने लगातार सातवीं बार भारत के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीता। इसके साथ इस साल गुजरात के सूरत ने भी अव्वल दर्जा हासिल किया है। दूसरे नबंर पर महाराष्ट्र का नवी मुंबई फिर आंध्र प्रदेश का विशाखापत्तनम और उसके बाद मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल है।
सर्वे में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को उच्चतम स्वच्छता मानकों वाले राज्य का दर्जा मिला। इसके उलट अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और नागालैंड को सबसे कम साफ राज्यों का तमगा मिला है। देश के राज्यों के छावनी बोर्ड में सफाई में आला बोर्डों में मध्य प्रदेश में महू छावनी बोर्ड ने स्वच्छता के लिए शीर्ष स्थान हासिल किया तो उत्तराखंड के नैनीताल छावनी रैंकिंग में सबसे निचले पायदान पर रही।