आउटलुक को दिए साक्षात्कार में कॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने बताया कि ‘भाजपा का आईटी सेल’ उनके और पार्टी के बीच में दरार पैदा करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्विटर पर हैशटैग चलाकर उनसे माँग की जा रही है कि वह सोनिया गाँधी से उनकी जिम्मेदारियाँ ले लें।
यहाँ ये बात साफ कर दें कि उदित राज जिसे बीजेपी आईटी सेल का बता रहे हैं, वो एक डिजिटल एक्टिविस्ट है और ट्विटर पर @being_humor नाम से है। @being_humor ने ऑपइंडिया की निरवा मेहता से बात करते हुए अपने इस समर्थन की वजह बताई है और ये भी समझाया है कि वह उदित राज को इतना महान क्यों समझते हैं।
डिजिटल एक्टिविस्ट से बातचीत के अंश:
कॉन्ग्रेस से जुड़ने के बाद #UditRajForCongressPresident सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। आप इस पर क्या कहेंगे?
यह पार्टी में फेरबदल के बाद नहीं हुआ है। हैशटैग दो हफ्तों से ट्रेंड कर रहा है। पार्टी से जुड़ने के कारण तो बस इसे तूल मिला है। उदित राज के समर्थकों की यह सच्ची माँग है। वह जनता के मुद्दों पर बोलते हैं और न्यायोचित बात करते हुए अपनी माँग करते हैं जो राहुल गाँधी के बयानों में नजर नहीं आता।
आउटलुक को दिए इंटरव्यू में उदित राज ने कहा कि वह जनता के नेता है इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है? आपको लगता है वह जनता के नेता हैं?
#UditRajForCongressPresident और #justiceforuditraj हैशटैग पर 1 लाख से ज्यादा ट्वीट इस बात का सबूत है कि उनके बहुत समर्थक हैं। हालाँकि, फिर भी मैं आपका ध्यान उनकी विशाल छवि पर दिलवाना चाहता हूँ, उनके समर्थक जाति-पाति से हटकर हर वर्ग के हैं। वह खुद को सुनामी (आँधी) कहने की बजाय केवल जनता का नेता बताकर बड़प्पन दिखा रहे हैं। उनकी कुछ तस्वीरें देखें जिनसे उनकी मास अपील का पता लगता है।
क्या आपको लगता है कि आउटलुक के साथ उनका साक्षात्कार एक तरीका था कि कॉन्ग्रेस में उन्हें हाईकमान नोटिस करें?
बिलकुल। अपने एक से ज्यादा जवाबों में उन्होंने न केवल अपने उपर ध्यान आकर्षित करवाने की कोशिश की है, बल्कि कॉन्ग्रेस पर भी हमला बोला है। उन्होंने यह कहकर कि राहुल गाँधी ने अभी उनकी सुनवाई नहीं की, उनका जवाब आना बाकी है, उदित राज ने बड़े ही समझदारी से बताया है कि कॉन्ग्रेस दलितों की सुनवाई नहीं कर रही।यह पूछने पर कि अनुभवी दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी AICC में मुख्य सचिव पद से हट गए। उदित राज ने कहा कि खड़गे अभी भी राज्यसभा सदस्य हैं। इसलिए उनकी बातों को समझिए और आपको पता चलेगा कि उनकी माँग क्या है।
क्या आपको लगता है कि उनकी मौजूदगी के कॉन्ग्रेस में कोई मायने हैं?
कोई फर्क नहीं पड़ता। कॉन्ग्रेस अवसरवादी पार्टी है। उन्होंने भगवान राम की मौजूदगी को नकार दिया था। लेकिन पीएम मोदी ने जब 5 अगस्त को राम जन्मभूमि पूजन किया तो उन्होंने राम मंदिर का क्रेडिट खुद ले लिया। जब कॉन्ग्रेस को उदित राज की ताकत का पता चलेगा, वह उन्हें भी पूजने लगेगी।
आप इसे क्यों ट्रेंड करवा रहे हैं?
मैंने अकेले कुछ नहीं किया। मैंने सिर्फ़ @amit_gujju जी के साथ मिल कर अपनी आवाज उठाई और उदित राज जी के सैकड़ों समर्थकों ने जुड़कर इसे जन आंदोलन बना दिया। ऐसा शायद इसलिए क्योंकि कई लोगों ने कॉन्ग्रेस को दलितों पर राय रखते देखा है और भाजपा पर ये आरोप भी लगाते देखा है कि बीजेपी दलितों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं देती, इसलिए अब वह चाहते हैं कि कॉन्ग्रेस अपनी बातों को चरितार्थ करे।
क्या भाजपा आईटी सेल ने आपसे ऐसा करने को कहा या किसी और ने कहा?
नहीं, मैं दूर से दूर तक भाजपा आईटी सेल से नहीं जुड़ा हुआ हूँ। हालाँकि, अगर कोई अच्छा पैसा देगा, तो मैं उससे जुड़ना चाहूँगा। मुझे उदित राज के कई समर्थकों के संदेश आते हैं। वह सभी लोग अपने महान नेता की सेवा में तैनात होने के लिए तैयार हैं।
आप कॉन्ग्रेस विरोधी लग रहे हैं? लोग आपके ऊपर क्यों विश्वास करेंगे कि आप वाकई उदित राज को समर्थन करते हैं?
मैं कॉन्ग्रेस और उसकी विचारधारा का विरोधी लग सकता हूँ। लेकिन मैं हमेंशा मजबूत राष्ट्रवाद और मजबूत विपक्ष के समर्थन में हूँ, जो कॉन्ग्रेस नहीं है। अब डॉ. उदित राज पर आऊँ तो उनके लिए देश हमेशा राजनीति से ऊपर रहा है और इसे इस तथ्य से साबित किया जा सकता है कि उन्होंने अपनी अपनी बड़ी पार्टी छोड़ कर भाजपा में जाना सही समझा और फिर साल 2019 में जब उन्हें लगा कि राहुल गाँधी अकेले मोदी का कुछ नहीं कर पाएँगे तो उन्होंने इसका भार अपने ऊपर ले लिया, ताकि कॉन्ग्रेस की डूबती नैया को बचा सकें। यानी, उन्होंने पहले भाजपा को सशक्त किया फिर कॉन्ग्रेस में आ गए। मुझे उनमें कॉन्ग्रेस अध्यक्ष बनने का ही नहीं, विश्व राष्ट्रपति बनने का और आकाशगंगा को सँभालने का जज्बा भी दिखता है।
आखिरी बार एक दलित, ‘सीताराम केसरी’ ने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष का पद जब सँभाला तो उनके साथ बदसलूकी हुई। क्या आप कहीं भीतर से उदित राज से नफरत तो नहीं करते और उनके साथ बदसलूकी करवाना चाहते हों?
आप उदित राज जी को समझे नहीं। वह सीआईडी के दया की तरह हैं, वह जब जी चाहे दरवाजे तोड़ सकते हैं। ये उनकी ताकत है कि जैसे ही #UditRajForCongressPresident ट्रेंड करना शुरू हुआ, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी ने ध्यान इधर-उधर करने के लिए देश छोड़ना जरूरी समझा।
आप कब तक इस अभियान को चलाएँगे?
हम इसे जल्द तो नहीं रोकेंगे। बल्कि आप कोरोना खत्म होने के बाद जमीनी स्तर पर इसका असर देखेंगे। हम जंतर-मंतर पर अगले 4 साल तक के लिए एक जगह खरीदने की सोच रहे हैं। हम सुनिश्चित करेगें कि ये अभियान समय के साथ और तूल पकड़े ताकि डॉ. उदित राज सिर्फ़ कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ही नहीं, बल्कि साल 2024 में पीएम कैंडिडेट भी बनें।