अफगानिस्तान में इस्लामी आतंक के साए में तिल-तिल कर जीने को मजबूर थे कई सिख परिवार। बहुत कुछ सहते हुए झेल रहे थे। लेकिन गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले और इसमें मारे गए 27 लोगों की घटना ने इनके सब्र का बांध तोड़ दिया। भारत सरकार ने भी तब अपने लोगों की सुरक्षा को लेकर कदम उठाना शुरू किया।
अफगानिस्तान में रहने वालों सिखों को धीरे-धीरे वीजा प्रक्रिया और उसके बाद भारत वापसी के प्रयास किए गए। इसका नतीजा अब दिखने लगा है। पहली खेप में सिर्फ 11 सिख भारत आए थे। इनकी संख्या अब 200 परिवार की हो गई है।
ये सभी विस्थापित हैं, इस्लामी आतंक के सताए हुए हैं। जहाँ कभी इनके खून-पसीने के बनाए हुए घर थे, वो अब विदेश हो चुका है। अब इन 200 परिवारों का घर भारत है। इन्हें दिल्ली में बसाया गया है।
Around 200 Sikh families from #Afghanistan have been relocated in Delhi & are currently staying in Gurudwaras that are run by Delhi Sikh Gurdwara Mgmt Committee.
— ANI (@ANI) September 5, 2020
"We left everything including our houses. Our lives were in danger. We feel safe here," says 63-year-old Balbir Singh pic.twitter.com/ar2W3HylEp
दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के गुरुद्वारों में इन विस्थापित सिखों को फिलहाल रहने के लिए छत मिला है। इनमें से 63 साल के बलबीर सिंह का कहना है:
“हमने वहाँ सब कुछ छोड़ दिया, घर-बार, जमीन-जायदाद सब कुछ। वहाँ हमारे जीवन को खतरा था, हम यहाँ सुरक्षित महसूस करते हैं।”
31 कमरे, 138 लोग
दिल्ली के मोती बाग इलाके में एक गुरुद्वारा है। अफगानिस्तान से आए सिखों का यह एक बड़ा ठिकाना है। यहाँ के 31 कमरों में 138 लोग फिलहाल रह रहे हैं। इस गुरुद्वारा के चीफ वीसी हरजीत एस बेदी के अनुसार इनके बच्चों को गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल में नाम लिखवाने का भी प्रयास किया जा रहा है।
There are 138 persons in 31 rooms here. We are providing them with all the basic amenities to live. We will also try to have the children enrolled in Guru Harkishan Public Schools and will teach them free of cost if the need arises: Harjit S Bedi, Chief VC, Gurudwara, Motibagh. pic.twitter.com/HLcrtP74X3
— ANI (@ANI) September 5, 2020
आपको बता दें कि अफगान सिख समुदाय द्वारा दूतावास से अपील करने और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर 25 मार्च को गुरु हर राय साहिब गुरुद्वारे में हमले के बाद तत्काल निकासी और बचाव की माँग के बाद भारत सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया। तब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अफगानिस्तान में फँसे सिख परिवारों को भारत लाने की गुहार मोदी सरकार से लगाई थी।