Tuesday, November 5, 2024
Homeदेश-समाज'घर-जमीन सब छोड़ आए, खौफ था वहाँ... यहाँ सुरक्षित हैं' - अफगानिस्तान से लौटे...

‘घर-जमीन सब छोड़ आए, खौफ था वहाँ… यहाँ सुरक्षित हैं’ – अफगानिस्तान से लौटे 200 सिख परिवारों की कहानी

"हमने वहाँ सब कुछ छोड़ दिया, घर-बार, जमीन-जायदाद सब कुछ। वहाँ हमारे जीवन को खतरा था, हम यहाँ सुरक्षित महसूस करते हैं।" - अफगानिस्तान से इस्लामी आतंक के कारण भारत लौटे परिवार के बच्चों का स्कूल में नाम लिखवाने का भी प्रयास किया जा रहा है।

अफगानिस्तान में इस्लामी आतंक के साए में तिल-तिल कर जीने को मजबूर थे कई सिख परिवार। बहुत कुछ सहते हुए झेल रहे थे। लेकिन गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले और इसमें मारे गए 27 लोगों की घटना ने इनके सब्र का बांध तोड़ दिया। भारत सरकार ने भी तब अपने लोगों की सुरक्षा को लेकर कदम उठाना शुरू किया।

अफगानिस्तान में रहने वालों सिखों को धीरे-धीरे वीजा प्रक्रिया और उसके बाद भारत वापसी के प्रयास किए गए। इसका नतीजा अब दिखने लगा है। पहली खेप में सिर्फ 11 सिख भारत आए थे। इनकी संख्या अब 200 परिवार की हो गई है।

ये सभी विस्थापित हैं, इस्लामी आतंक के सताए हुए हैं। जहाँ कभी इनके खून-पसीने के बनाए हुए घर थे, वो अब विदेश हो चुका है। अब इन 200 परिवारों का घर भारत है। इन्हें दिल्ली में बसाया गया है।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के गुरुद्वारों में इन विस्थापित सिखों को फिलहाल रहने के लिए छत मिला है। इनमें से 63 साल के बलबीर सिंह का कहना है:

“हमने वहाँ सब कुछ छोड़ दिया, घर-बार, जमीन-जायदाद सब कुछ। वहाँ हमारे जीवन को खतरा था, हम यहाँ सुरक्षित महसूस करते हैं।”

31 कमरे, 138 लोग

दिल्ली के मोती बाग इलाके में एक गुरुद्वारा है। अफगानिस्तान से आए सिखों का यह एक बड़ा ठिकाना है। यहाँ के 31 कमरों में 138 लोग फिलहाल रह रहे हैं। इस गुरुद्वारा के चीफ वीसी हरजीत एस बेदी के अनुसार इनके बच्चों को गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल में नाम लिखवाने का भी प्रयास किया जा रहा है।

आपको बता दें कि अफगान सिख समुदाय द्वारा दूतावास से अपील करने और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर 25 मार्च को गुरु हर राय साहिब गुरुद्वारे में हमले के बाद तत्काल निकासी और बचाव की माँग के बाद भारत सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया। तब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अफगानिस्तान में फँसे सिख परिवारों को भारत लाने की गुहार मोदी सरकार से लगाई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस ईमान खलीफ का मुक्का खाकर रोने लगी थी महिला बॉक्सर, वह मेडिकल जाँच में निकली ‘मर्द’: मानने को तैयार नहीं थी ओलंपिक कमेटी,...

पेरिस ओलंपिक में महिला मुक्केबाजी में ईमान ने गोल्ड जीता था। लोगों ने तब भी उनके जेंडर पर सवाल उठाया था और अब तो मेडिकल रिपोर्ट ही लीक होने की बात सामने आ रही है।

दिल्ली के सिंहासन पर बैठे अंतिम हिंदू सम्राट, जिन्होंने गोहत्या पर लगा दिया था प्रतिबंध: सरकारी कागजों में जहाँ उनका समाधि-स्थल, वहाँ दरगाह का...

एक सामान्य परिवार में जन्मे हेमू उर्फ हेमचंद्र ने हुमायूँ को हराकर दिल्ली के सिंहासन पर कब्जा कर लिया। हालाँकि, वह 29 दिन ही शासन कर सके।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -