16 दिसंबर 2024 को उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल में दंगों का इतिहास गिनाते हुए कहा था कि इनमें 209 हिंदुओं की हत्या की गई। दंगों में हिंदुओं की मौत के इस आँकड़े की पुष्टि संभल जिला प्रशासन की इंटरनल रिपोर्ट भी करती है।
ऑपइंडिया के पास मौजूद इस रिपोर्ट से पता चलता है कि 1976 में भड़के दंगों में 5 हिंदुओं की हत्या की गई थी। उस समय हालात पर काबू पाने के लिए 7 दिनों तक कर्फ्यू लगाना पड़ा था। दंगे हिंदू व्यक्ति द्वारा मौलवी की हत्या की अफवाह फैलाकर भड़काई गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार 29 फरवरी 1976 को मुस्लिमों ने अफवाह उड़ाई कि पेतिया गाँव के अर्धविक्षिप्त राजकुमार सैनी ने हमारे मौलवी को मार दिया है, जबकि मस्जिद कमेटी के झगड़े में एक मुस्लिम ने ही मौलवी को मारा था। इसके बाद मुस्लिम दंगाइयों की भीड़ ने मंजर शफी और अताउल्ला ततारी की अगुवाई में सूरजकुंड और मानस मंदिर को तोड़ दिया। इसके बाद सरथल चौकी पर मुस्लिम दंगाइयों की भीड़ ने किशनलाल का घर जलाने की कोशिश की। हिंदुओं के प्रतिरोध के बाद वे पत्थरबाजी कर भाग खड़े हुए। इसी दौरान सोतीपुरा के हरि सिंह और कोटीपूर्वी मोहल्ले के राकेश वैश्य की हत्या की गई।
इसके बाद 24 अप्रैल 1976 को कोटपूर्वी मोहल्ले में कल्लू के घर भयानक विस्फोट हुआ। इलाज के दौरान उसके बेटे सलाम की मौत हो गई। इसकी प्रतिक्रिया में सरायतरीन के मोहल्ला लाल मस्जिद के पास बुजुर्ग कामता प्रसाद की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। इसके अलावा जयचंद रस्तोगी की गोली मारकर हत्या की गई। इसके अलावा एक अन्य हिंदू की हत्या की गई थी, जिसके नाम का उल्लेख इस रिपोर्ट में नहीं है। रिपोर्ट बताती है कि इन मामलों में जब दोषी 20-22 मुस्लिमों को गिरफ्तार किया गया तो संतुलन बनाने के लिए इतने ही ‘निर्दोष’ हिंदुओं को भी प्रशासन ने गिरफ्तार किया था।
ये दंगे जब हुए थे उसी समय शफीकुर्रहमान बर्क भी उभर रहा था। संभल में 1978 में जो सबसे भीषण दंगा हुआ था, उसमें बर्क की खासी भूमिका थी। 1976 के दंगों के दौरान मुस्लिम दंगाइयों की अगुवाई करने वाला मंजर शफी भी 1978 के दंगों के समय सक्रिय था। उस समय इसने एक हिंदू शिक्षक की बेटी और पत्नी को अगवा कर लिया था। शिक्षक की बेटी को रेप के बाद छोड़ा गया था, जबकि उनकी पत्नी को हिंदुओं ने बचा लिया था। इस घटना के बारे में हम अपनी पिछली रिपोर्ट में बता चुके हैं। हम बता चुके हैं कि कैसे 1978 के दंगों के बाद हरिहर मंदिर में शफीकुर्रहमान बर्क ने हिंदुओं का प्रवेश बंद करवाया था।
गौरतलब है कि प्रशासन ने यह रिपोर्ट संभल में हुए दंगों पर तैयार की है। इससे पता चलता है कि दंगों के कारण संभल में धीरे-धीरे हिंदुओं की आबादी कम होती जा रही है। देश की स्वतंत्रता के समय संभल नगरपालिका क्षेत्र में हिंदुओं की आबादी 45 प्रतिशत थी जो आज घटकर 15-20% रह गई है। उस समय मुस्लिम 55% थे। आज वे बढ़कर 80-85 प्रतिशत हो गए हैं।