Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजसंसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए दिल्ली पहुँचे तिरुववादुथुराई अधीनम: PM मोदी को...

संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए दिल्ली पहुँचे तिरुववादुथुराई अधीनम: PM मोदी को भेंट करेंगे ‘सेंगोल’, 21 ‘अधीनम’ निभाएँगे जिम्मेदारी

पीएम मोदी ने अमृत काल के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में सेंगोल को अपनाने का फैसला लिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार (24 मई 2023) को कहा था कि पवित्र सेंगोल अंग्रेजों से भारत में सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा था कि ऐतिहासिक सेंगोल को स्थापित करने के लिए संसद भवन सबसे उपयुक्त और पवित्र स्थान है।

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के 21 तिरुववादुथुराई अधीनम (शैव संप्रदाय से संबंधित मठ के महंत) चेन्नई से दिल्ली पहुँच गए हैं। रविवार (28 मई 2023) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने वाले नए संसद भवन के उद्घाटन में ये सभी उपस्थित रहेंगे।

जो अधीनम दिल्ली में आमंत्रित हैं, उनमें धर्मपुरम अधीनम, पलानी अधीनम, विरुधचलम अधीनम, थिरुकोयिलुर अधीनम आदि शामिल हैं। रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) संसद भवन में ऐतिहासिक और पवित्र ‘सेंगोल’ या राजदंड की स्थापना करेंगे।

नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान मदुरै अधीनम के 293वें प्रधान पुजारी राजदंड को प्रधानमंत्री मोदी को भेंट करेंगे। इसके बाद इसे लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास इसे स्थापित किया जाएगा। धर्मपुरम अधीनम के संत पीएम मोदी को विशेष उपहार पेश करेंगे।

न्याय के प्रतीक सेंगोल की स्थापना के बारे में बात करते हुए थिरुवदुथुराई अधीनम के अम्बालावन देसिगा परमचार्य स्वामीगल ने शुक्रवार (26 मई 2023) को कहा कि सेंगोल न्याय का प्रतीक है और इसे महत्व दिया जाना तमिलनाडु के लिए गर्व की बात है।

उन्होंने कहा, “लॉर्ड माउंटबेटन को सेनगोल मिला और यह 1947 में पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू को दिया गया था। यह अच्छा है कि पीएम मोदी सेंगोल को नई संसद में जगह देंगे। कल, हम दिल्ली जा रहे हैं और हम इसे पीएम को देंगे।”

पीएम मोदी ने अमृत काल के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में सेंगोल को अपनाने का फैसला लिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार (24 मई 2023) को कहा था कि पवित्र सेंगोल अंग्रेजों से भारत में सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा था कि ऐतिहासिक सेंगोल को स्थापित करने के लिए संसद भवन सबसे उपयुक्त और पवित्र स्थान है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -