उत्तर प्रदेश पुलिस का खौफ अपराधियों के सर चढ़ कर बोल रहा है, तभी तो अपराधी ख़ुद-ब-ख़ुद आत्मसमर्पण करने पहुँच रहे हैं। ऐसा ही एक वाकया बुलंदशहर में देखने को मिला। खुर्जा में निज़ाम ने ख़ुद थाना पहुँच कर पुलिस को बताया कि वह अपराधी है और उसे गिरफ़्तार कर लिया जाए। 25,000 रुपए के इनामी निज़ाम ने गले में एक पर्ची लटका रखी थी। उस पर लिखा था, “साहब मैं अपराधी हूँ, मुझे गिरफ़्तार कर लो।” यह देख कर पुलिस भी एक पल के लिए भौंचक रह गई।
फिलहाल पुलिस ने निज़ाम को कब्जे में लेकर उसे जेल भेज दिया है। वह पिछले माह (जुलाई 2019) की एक घटना में सम्मिलित था, जिसमें बदमाशों द्वारा कैंटर, मोबाइल और रुपए लूट लिए गए थे। इस मामले में पुलिस ने समीर नामक अपराधी को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया था लेकिन बाकि अपराधी पुलिस के शिकंजे से बाहर थे और उन्हें पकड़ने के लिए इनाम रखा गया था।
सोमवार (अगस्त 19, 2019) को पुलिस और अपराधियों की एक मुठभेड़ हुई, जिसमें एक अन्य इनामी अपराधी विजय पुलिस के शिकंजे में आ गया था। उसके पैर में पुलिस की गोली लगने से वह घायल हो गया था, जिसके बाद उसे गिरफ़्तार कर लिया गया। अपने दोनों साथियों का हश्र देख कर निज़ाम के अंदर पुलिस का डर बैठ गया और उसने आत्मसमर्पण करने में भी भलाई समझी। उसने सरेंडर करने के दौरान अपना पिस्तौल भी पुलिस को सौंप दिया। निज़ाम के ख़िलाफ़ 4 मुक़दमे दर्ज हैं।
निज़ाम ने स्वीकार किया कि उसने पुलिस के डर से आत्मसमर्पण किया है। उसने कहा कि अपने दोनों साथियों को गोली लगने की ख़बर के बाद वह घबराया हुआ था। निज़ाम ने बताया कि वह पहले अपने भाइयों के पास गया और उनसे कहा कि वे उसका आत्मसमर्पण करा दें। उसने कहा कि वह ख़ुद चल कर पुलिस थाने तक आया है।
बुलंदशहर
— INDIA7TV (@INDIA7TVNEWS) August 21, 2019
25 हजार के इनामी का थाने में सरेंडर, मामला खुर्जा का नगर कोतवाली का है यहां आज सुबह एक अपराधी हाथ में तख्ती लेकर थाने पहुंच गया जिस पर लिखा था कि मैं एक अपराधी हूं. @bulandshahrpol @dmbuland@myogiadityanath @dgpup @Uppolice @INDIA7TVNEWS pic.twitter.com/cRRtjNYKq7
निज़ाम ने गले में लटकाई हुई पट्टी में यह भी लिख रखा था कि वह आगे से अपराध नहीं करेगा। उत्तर प्रदेश में पुलिस और अपराधियों के बीच एनकाउंटर की कई वारदातों के कारण बदमाशों में हड़कंप है और वे आत्मसमर्पण कर रहे हैं। जुलाई में ख़बर आई थी कि अकेले रामपुर जिले में 45 दिनों के भीतर 145 से भी अधिक आरोपितों ने आत्मसमर्पण किया था। उन सबके ख़िलाफ़ अपहरण और लूट से लेकर गोहत्या तक के मामले दर्ज थे।