Tuesday, March 19, 2024
Homeदेश-समाजआगरा से बुर्के में अगवा हुई लड़की दिल्ली के पीजी में मिली: खुद ही...

आगरा से बुर्के में अगवा हुई लड़की दिल्ली के पीजी में मिली: खुद ही रचा ड्रामा, जानिए कौन थे साझेदार

पीड़िता का दावा है कि उसके परिवार के लोग उसे दिल्ली नहीं आने देना चाहते थे, जिसके कारण उसे यह कदम उठाना पड़ा।

उत्तर प्रदेश के आगरा के दयालबाग से पिछले दिनों एक 17 वर्षीय लड़की को अगवा किए जाने की खबर सामने आई थी। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार (1 मार्च 2021) की रात पुलिस ने नाबालिग को बरामद कर लिया।

रिपोर्टों के अनुसार नाबालिग को 23 फरवरी 2021 (मंगलवार) को तब अगवा किया गया, जब वह अपनी बुआ के साथ दयालबाग अस्पताल से दवा लेने गई थी। घटना 26 फरवरी (शुक्रवार) को तब चर्चा में आई जब उसे अगवा किए जाने का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया में वायरल हो गया। वीडियो में नाबालिग बुर्का में आरोपित के साथ नजर आई थी। उसके पिता ने मेहताब राणा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसने 2018 में भी दो बार पीड़िता को अगवा किया था

एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने मेहताब की पत्नी और दो भाभियों को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में पुलिस को जब कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली तो उसने दूसरे सिरों की पड़ताल शुरू की। सीसीटीवी फुटेज खँगालने के बाद पुलिस ने पाया कि पीड़िता और आरोपित ने दयालबाग हॉस्पिटल के बाहर से ऑटो ली थी।

इस थ्री व्हीलर का पता लगाने के बाद पुलिस ने उसके चालक से पूछताछ की। उसने दोनों को आगरा के भगवान टॉकीज के बाहर छोड़ने की बात बताई। साथ ही यह भी बताया कि पीड़िता और आरोपित दोनों टॉकीज के बाहर खड़ी एक कार में बैठकर निकल गए। सीसीटीवी फुटेज की जाँच और ऑटो ड्राइवर से मिली जानकारी का मिलान कर पुलिस ने कार की पहचान की। इसके बाद पुलिस ने कार के ड्राइवर को पकड़ा। उसने अपना नाम नीरज बताया। साथ ही दोनों को दिल्ली के तिलक नगर इलाके में छोड़ने की जानकारी दी।

सोमवार की रात पुलिस ने नाबालिग को तिलक नगर के एक पीजी से बरामद किया। अपहरण के बारे में पूछे जाने पर उसने दावा किया कि वह एनईईटी (NEET) परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आई थी। उसने यह भी दावा किया कि उसके परिजन उस पर कई तरह की बंदिशें लगाते थे, जिसके बाद वह मुख्य आरोपित मेहताब राना के साथ भाग गई थी। पढ़ाई के लिए दिल्ली जाने की उसकी बात से भी परिवार सहमत नहीं था।

पीड़िता ने बताया कि वह जनवरी 2020 में अपनी बुआ के घर गई थी। फुफेरे भाई नामित ने उसका परिचय अपने दोस्त दिव्यांशु चौहान से करवाया। दिव्यांशु 23 फरवरी को अपने ड्राइवर नीरज के साथ ग्वालियर से आगरा आया। उनके एक साथी रिंकू नाबालिग को दयालबाग हॉस्पिटल से लेकर आया और उसे बुर्का पहनने को दिया। इसके बाद वे ऑटो से भगवान टॉकीज पहुँचे, जहाँ ​नीरज और दिव्यांशु उनका इंतजार कर रहे थे। इसके बाद नीरज कार से रिंकू, दिव्यांशु और पीड़िता को लेकर दिल्ली के तिलक नगर पहुँचा।

इसके बाद पुलिस को वह तिलक नगर के पीजी में मिली। पुलिस ने जब दिव्यांशु को दबोचने की कोशिश की तो पता चला कि ग्वालियर पुलिस उसे पहले ही साइबर क्राइम के एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में शामिल अन्य आरोपितों की तलाश में पुलिस कई जगहों पर दबिश दे रही है। कथित तौर पर रिंकू अपनी पत्नी के साथ किसी धर्म स्थल की यात्रा पर गया है। पुलिस अब उस तक पहुँचने की कोशिश में है।

पुलिस इस बात की भी पड़ताल में लगी है कि इस घटना से मेहताब राना का किसी तरह का संबंध है या नहीं। यह बात भी सामने आई है कि नाबालिग के पिता को फोन कॉल कर बेटी को अगवा करने की धमकी दी गई थी। उनसे फोन करने वाले ने कहा था, ‘रोक सकते हो तो रोक लो’। फोन करने वाले ने खुद को मेहताब राना बताया था। यही कारण है कि लड़की के अगवा होने के बाद पीड़ित पिता ने मेहताब राना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

यहाँ यह ध्यान रखना जरूरी है कि मेरठ का रहने वाला मेहताब जो 6 बच्चों का बाप है, इससे पहले दो मौकों पर नाबालिग को अगवा कर चुका है। पूर्व में एसपी बोत्रो रोहन प्रमोद ने बताया था कि मेहताब एक होटल में पीड़िता के पिता का सहकर्मी था। आरोपित और पीड़िता एक ही इलाके में रहते थे। वह पीड़िता के घर आता-जाता रहता था। 2018 में वह लड़की को अपने घर मेरठ ले आया था। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने मेहताब के भाई को गिरफ्तार किया था।

उस समय मेहताब के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। उसके दो रिश्तेदारों के खिलाफ भी इस घटना में संलिप्तता को लेकर मामला दर्ज हुआ था। रिश्तेदारों ने न केवल अप​हरण की घटना में मेहताब की मदद की थी, बल्कि पुलिस से छिपने के लिए उसे ठिकाना भी मुहैया कराया था। सख्ती के बाद आरोपित के परिवार के सदस्यों ने लड़की को पुलिस के हवाले कर दिया था। हालाँकि कुछ महीनों बाद मेहताब ने दोबारा लड़की को अगवा कर लिया था। तब पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पीड़िता को बरामद किया था। कोर्ट के स्टे ऑर्डर के कारण आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। लड़की के परिवार उस इसे ‘लव जिहाद’ बताते हुए आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की थी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘प्रथम दृष्टया मनी लॉन्डरिंग के दोषी हैं सत्येंद्र जैन, ED के पास पर्याप्त सबूत’: सुप्रीम कोर्ट ने दिया तुरंत सरेंडर करने का आदेश, नहीं...

ED (प्रवर्तन जिदेशलय) के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जाँच एजेंसी के पास पर्याप्त सामग्रियाँ हैं जिनसे पता चलता है कि सत्येंद्र जैन प्रथम दृष्टया दोषी हैं।

रामजन्मभूमि के बाद अब जानकी प्राकट्य स्थल की बारी, ‘भव्य मंदिर’ के लिए 50 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगी बिहार सरकार: अयोध्या की तरह...

सीतामढ़ी में अब अयोध्या की तरह ही एक नए भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए पुराने मंदिर के आसपास की 50 एकड़ से अधिक जमीन अधिग्रहित की जाएगी। यह निर्णय हाल ही में बिहार कैबिनेट की एक बैठक में लिया गया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe